Bollywood MOVIE REVIEWS Bholaa IMDM Review GAAM GHAR
PATNA: भोला बतौर निर्देशक अजय देवगन की तीसरी फिल्म है फ़िल्म की कहानी पुलिस मुठभेड़ से शुरू होती है जिसमे एस. पी. डायना (तब्बू) को काँधे में गोली लग जाती है । इधर भोला (अजय देवगन) दस साल बाद जेल से छूटा है लेकिन पुलिस बेवजह भोला को पकड़ लेती है, पुलिस मुठभेड़ में गुंडों का हज़ारों करोड़ का कोकीन जब्त कर लिया जाता है जिसे एस पी डायना अंग्रेज के जमाने के एक जेल में गुंडों के साथ छुपा कर रख देती है । इधर गुंडे अपनी कोकीन के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा देते हैं इस क्रम में पुलिस के ही कुछ गद्दार अधिकारी, गुंडों को सारी ख़बर दे देते हैं और फिर शुरू होता है चोर पुलिस का असली खेल जिसमे बेवजह भोला यानी अजय देवगन को मजबूर कर इस पुलिसिया खेल में घसीटा जाता है ।
फ़िल्म की पटकथा बहुत कसी हुई है जिसमे एक्शन के साथ इमोशनल पुट भी बड़ी सफाई से डाला गया है जहाँ तक वी एफ एक्स की बात है तो तकनीकी तौर पर भी शानदार काम किया है तकनीकी टीम ने । फ़िल्म की पटकथा दर्शकों को पूरी तरह बाँधे रखती है फ़िल्म में उबाऊ दृश्य कहीं भी देखने को नहीं मिलता है । अजय की बेहतरीन अदाकारी और शानदार निर्देशन की पूरी झलक फ़िल्म में दिखती है । फ़िल्म में सिर्फ एक्शन, इमोशन ही नहीं रोमांटिक पुट भी जबरदस्त है बस रोमांटिक दृष्टिकोण से देखने वालों के लिए फ़िल्म में ज्यादा कुछ नहीं है लेकिन जितना ही रोमांटिक दृश्य है दर्शकों को अपने प्यार की याद ताजा कर देती है ।
फ़िल्म के सभी कलाकारों ने बेहतरीन अदाकारी की है । फ़िल्म का संगीत कहानी के हिसाब से अच्छी है पूरी फिल्म में कहीं भी ये नहीं लगता कि संगीत कान फोड़ने वाली है बहरहाल फ़िल्म देखनेवाली फ़िल्म है फ़िल्म देखकर पूरा पैसा वसूल होता है । बस एक बात गौर करने के काबिल है कि एक गोली लगने से जहाँ तब्बू बुरी तरह ज़ख्मी हो जाती है वहीं कई बार चाकू घुसेड़ने के बाद भी अजय और खतरनाक हो जाते हैं पटकथा में ये सामंजस्य नहीं बनाया गया है लेकिन फ़िल्म है और ये भोला फ़िल्म का मुख्य किरदार है तो इतना चलता है । अगर इस असमानता को छोड़ दिया जाए तो भोला एक बेहद शानदार फ़िल्म है और आपको भी देखना चाहिए फ़िल्म देखकर आपको ये नजिन लगेगा कि मेरा डूब गया पूरी फिल्म में कहीं कोई उबाऊ दृश्य नहीं है भले फ़िल्म दक्षिण की रीमेक है लेकिन फ़िल्म में सभी कलाकारों ने बेहतरीन प्रदर्शन किया है जिससे पूरा पैसा वसूल होता है ।
रही बात तकनीकी कामों की तो जहाँ तक मैं जानता हूँ अजय को फिल्मी तकनीक की बेहतरीन जानकारी है जो शिवाय में भी देखने को मिली थी और भोला में भी देखने को मिलता है । अगर रेटिंग की बात की जाए तो मेरे हिसाब से भोला को 10 में से 7 स्टार मिलना चाहिए, रही बात फ़िल्म के सफलता की तो, ये दर्शकों पर निर्भर करता है कि दर्शक फ़िल्म को किस तरह ले रहे हैं ।आजकल नकारात्मक लोकप्रियता का एक प्रचलन सा हो गया है जिससे अच्छी फिल्में भी पिट जाती है और एवरेज फ़िल्म भी अच्छी कमाई कर लेती है लेकिन इन बातों को छोड़िए और एक बार भोला जरूर देखिये । फ़िल्म में अजय ने अगले पार्ट के लिए भी जगह छोड़ रखी है इतना ही नहीं अगले पार्ट का कुछ दृश्य भी अंत मे दिखाया गया है तो जल्दी से बाहर जाने की न सोचें और अगले पार्ट की झलक जरूर देखें ।