हर कोई हो बिटवीन यू एंड मी
सबकी निगाह में बिटवीन यू एंड मी होना ही चाहिए
Short Movie Reviews Between You and Me : Critic Review Cast - Heena Parmar, Sandesh Nayak Director - Amit Das Editor - N Mandal Runtime 26 minutes 46 sec Platform MithiBhoj Youtube RATING 3/5 GAAM GHAR News
Entertainment / Bollywood Movie Reviews : सामाजिक मुद्दों पर हमेशा ही लघु और व्यवसायिक फिल्में बनती रही है, इसी कड़ी में एक नाम बिटवीन यू एंड मी (Between You and Me) का भी है । बिटवीन यू एंड मी समाज की ऐसी ज्वलंत मुद्दे पर बनी फिल्म है जिस पर कई लघु और व्यवसायिक फिल्में बनीं हैं । बिटवीन यू एंड मी नाबालिग बच्चों के यौनशोषण पर बनी एक अच्छी लघु फिल्म है और मेरा मानना है इस फिल्म को हर उस इंसान को देखना चाहिए जिनके घर में बच्चे हैं, चाहे बच्चा लड़का हो या लड़की । आज-कल यौन तुष्टि के लिए लोग बच्चों के साथ काफी अभद्र व्यवहार कर बैठते हैं जिसका उस बच्चे पर बहुत बुरा प्रभाव पड़ता है और वो बच्चा शायद पूरी जिंदगी इस प्रभाव से उभर नही पाता है इसलिए बिटवीन यू एंड मी एक बार जरूर देखें ।
फिल्म की कहानी एक ऐसी लड़की से शुरू होती है जिसे दो साल की उम्र से ही उसका चाचा यौन शौषण करना शुरू कर देता है । जैसे-जैसे लड़की बड़ी होती होती उस हैवान की हैवानियत बढ़ती ही जाती है । और जब वो लड़की बड़ी होती है और पढ़लिख कर शहर आ जाती है नौकरी करने तो ये हैवान उसका पीछा करते हुए वहां भी पहुंच जाता है । अंततः लड़की को इस हैवान से पीछा छुड़ाने के लिए आत्महत्या करना पड़ता है ।
फिल्म सामाजिक मुद्दे पर बनी है फिल्म का विषय भी बहुत अच्छा है । फिल्म मिथिभोज यूटूब चैनल (MithiBhoj Youtube Channel) से रिलीज की गई है फिल्म के निर्देशक अमित दास (Amit Das) ने अच्छा काम किया है निर्देशक अमित दास ने जिस तरह फिल्म को फ्लैश बैक में लिया और जिस तरह के बिंबों का इस्तेमाल किया है वो कबीले तारीफ है लेकिन कुछ जगहों में चूक भी हुई है खास तौर पर पटकथा लेखन में । फिल्म की पटकथा अमित दास ने ही लिखी है तो शायद इस वजह से निर्देशन में भी चूक हुई हो क्योंकि पटकथा ही ऐसी थी ।
फिल्म की नायिका हीना परमार (Heena Parmar) ने शानदार अभिनय किया है । हीना परमार का अभिनय दर्शकों को काफी प्रभावित करता और हीना के विपरित संदेश नायक (Saandesh B. Nayak) ने भी अच्छा काम किया है लेकिन संदेश अपने कैरेक्टर में पूरी तरह ढल नहीं पाए, उनके चेहरे से वो कुटिलता पूरी तरह बाहर नही आई जिस कुटिलता से वो एक मासूम के साथ खेलते रहे । लघु फिल्म के हिसाब से फिल्म संगीत अगर बेहतरीन नहीं तो अच्छी जरूर है फिल्म संगीत कर्णप्रीय है ।
किसी भी फिल्म की खूबसूरती को निखारने में एडिटिंग की अहम भूमिका होती है इस फिल्म को एडिटर एन मंडल (N Mandal) ने एडिट किया है, जहां तक हो सकता है उन्होंने फिल्म को संवारने की पूरी कोशिश की है अगर एडिटिंग के व्यू से देखें तो कुछ जगहों पर कुछ इफेक्ट्स एक्स्ट्रा है जो नही होने चाहिए बहरहाल एन मंडल ने भी बढ़िया काम किया है । अगर फिल्म के रेटिंग की बात करें तो फिल्म को 3 स्टार मिलने चाहिए ।