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आत्मविस्मृत हिन्दू समाज को संगठित करना ही आरएसएस का एकमात्र लक्ष्य: सुदीप प्रताप सिंह

सुभाष चन्द्र झा की रिपोर्ट

सहरसा : राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के द्वारा भारतीय हिंदू नव वर्ष विक्रम संवत 2069 के शुरुआत के प्रथम दिन शनिवार को वर्ष प्रतिपदा उत्सव का आयोजन जिला स्कूल के मैदान में आयोजित किया गया। राष्ट्रीय संघ सेवक संघ के जिला प्रचार प्रमुख योगेश कुमार ने बताया कि राष्ट्रीय संघ सेवक संघ की स्थापना विजयादशमी के दिन 1925 ईस्वी में नागपुर में डॉ केशव बलिराम हेडगेवार के द्वारा हुई थी। संघ के द्वारा मनाए जाने वाले उत्सवों में से एक वर्ष प्रतिपदा धूमधाम से मनाया जाता है।

 

क्योंकि इसी दिन तथा सृष्टि संवत 1,96,08,53,124 वर्ष पूर्व सूर्योदय के साथ ईश्वर ने सृष्टि की रचना प्रारंभ की। वही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के संस्थापक डाॅ• हेडगेवार जी का जन्म भी इसी दिन हुआ था। इस अवसर पर सभी स्वयंसेवक पूर्ण गणवेश मे भाग लेकर आद्य सरसंघचालक प्रणाम निवेदित कर पथ संचलन मे भाग लिया। यह पथ संचलन जिला स्कूल मैदान से निकलकर शहर के वीर कुंवर सिंह चौक, गांधी पथ, शंकर चौक, डीबी रोड होते हुए कार्यक्रम स्थल पर समापन किया गया।

 

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जहां मुख्य शिक्षक चन्दन कुमार के नेतृत्व मे मंचासीन अधिकारी नगर संघचालक ई रामेश्वर ठाकुर, विभाग सह कार्यवाह उमा शंकर खाँ,जिला सह कार्यवाह सुदीप प्रताप सिंह की मौजूदगी मे प्रार्थना ज्ञानप्रकाश दत्त तथा बौद्धिकसुदीप प्रताप सिंह ने दिया। अपने बौद्धिक संबोधन मे उन्होने कहा डॉ हेडगेवार ने गहन चिंतन एवं अध्ययन के बाद राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की स्थापना की। संघ का एकमात्र उद्देश्य आत्म विस्मृत हिंदू समाज को संगठित करना है। शुरुआत में लोगों ने हंसी का पात्र समझकर मजाक उड़ाया लेकिन उन्होंने धैर्य पूर्वक कठिन साधना एवं मौन समर्पण के माध्यम से पूरे देश मे संघ कार्य को गति प्रदान किया।

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डॉ हेडगेवार ने देश के ऐतिहासिक पृष्ठभूमि का अध्ययन करते हुए पाया कि इस देश के मूलनिवासी हिंदू बार-बार गुलाम क्यों हो रहे हैं।इसी गुलामी से बचने के लिए उन्होंने आत्मविस्मृत हिंदू समाज को जगाने के लिए संघ की स्थापना की। उन्होंने जीवन भर घोर परिश्रम कर अभाव के बावजूद संघ कार्य को आगे बढ़ाया। उनके जीवन का ध्येय रहा की हिंदू समाज को संगठित कर इस राष्ट्र को परम वैभव पर ले जाना है।इस अवसर पर बड़ी संख्या में स्वयंसेवक मौजूद थे।

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Gaam Ghar

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