Patna : लालू यादव के खिलाफ बयानबाजी करना आरजेडी एमएलसी रामबली चंद्रवंशी को भारी पड़ गया। एमएलसी रामबली सिंह की विधान परिषद से सदस्यता समाप्त कर दी गई है। सभापति देवेशचंद्र ठाकुर ने मंगलवार को उनकी सदस्यता समाप्त करने से संबंधित फैसले पर मुहर लगा दी। इसके बाद विधान परिषद के स्तर से इसकी अधिसूचना जारी कर दी गई है।
इसी वर्ष 16 जनवरी को इस मामले की अंतिम सुनवाई हुई थी। इसके बाद सभापति ने फैसले को सुरक्षित रख लिया था। इसी दिन एमएलसी रामबली सिंह ने अपना पक्ष भी सभापति के समक्ष रखा था। उनके खिलाफ यह कार्रवाई संविधान के अनुच्छेद 191 (2) और संविधान की 10वीं अनुसूची के अलावा बिहार विधान परिषद दल विरोधी नियम के प्रावधानों के अंतर्गत की गई है।
एमएलसी रामबली सिंह पर अपनी पार्टी राजद के प्रमुख लालू प्रसाद यादव और पार्टी की विचारधारा के खिलाफ निरंतर बयानबाजी करने का आरोप है। लालू प्रसाद और पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी प्रसाद यादव को अतिपिछड़ा विरोधी बताया था। उन्होंने जाति आधारित गणना का भी विरोध किया था और इसके खिलाफ भी लगातार बयान दे रहे थे। उनके इस रवैये खिलाफ राजद विधान पार्षद और पार्टी के तत्कालीन उप-मुख्य सचेतक सुनील सिंह ने 2 नवंबर 2023 को याचिका दायर की थी। इसे स्वीकार करते हुए पूरे मामले की सुनवाई परिषद के सभापति ने शुरू की थी।
सभापति से शिकायत के बाद उन्होंने कहा था कि महागठबंधन के नेताओं को उनके नाम में ‘राम’ शब्द से चिढ़ है। राजद के बारे में कहा था कि यह पार्टी राममनोहर लोहिया और कर्पूरी ठाकुर के विचारों से प्रेरित होकर बनी थी, लेकिन अब इनकी यह विचारधारा बदल गई है। उन्होंने यह भी कहा था कि वे समाज के हित में अपने विचारों को लगातार बुलंद करते रहेंगे। अगर राजद उनकी इस गतिविधि को पार्टी विरोधी समझती है, तो वे राजद की परवाह नहीं करते हैं।