समस्तीपुर / रोसड़ा : “रोसड़ा अपर सत्र में न्यायाधीश” द्वितीय उमेश कुमार के कोर्ट ने विगत 15 वर्ष पूर्व ह’त्या की नीयत से अपहृत युवक के मामले में महत्वपूर्ण सुनवाई की। कोर्ट ने आईपीसी की धारा 364/34 एवं 120 बी के तहत प्राथमिक अभियुक्त योगेंद्र राय और रूपेश कुमार को दोषी ठहराया है।
“सजा” के बिंदु पर 29 मई को फैसला सुनाया जायेगा। दोनों अभियुक्त जमानत पर थे, लेकिन दोषी ठहराये जाने के बाद कोर्ट ने उन्हें कस्टडी में लेने का आदेश दिया। इस संबंध में कोर्ट में एसटी नंबर 30/2010 चल रहा था। अपहृत युवक अब तक लापता है। सुदर्शन कुमार (19 वर्ष) के पिता विभूतिपुर थाना क्षेत्र के कल्याणपुर निवासी हीरालाल ठाकुर के आवेदन पर विभूतिपुर थाना कांड संख्या 171/2009 दर्ज किया गया था।
“दर्ज एफआईआर” में कहा गया कि उनका पुत्र सुदर्शन कुमार पिता के कारोबार में मदद करता था। गत 2.7.2009 को 2:00 बजे की घटना बताते हुए कहा गया कि आरोपी नित्यानंद राय (22 वर्ष) उनके घर आया। पुत्र सुदर्शन को बुलाकर अपने साथ ले गया। उसे परिवार वाले रोकने की कोशिश भी की। जब रातभर सुदर्शन घर नहीं आया तो उसके मोबाइल पर फोन करने पर बताया गया कि 8:00 बजे सुबह में वह घर आयेगा। सुबह में भी सुदर्शन घर नहीं आया।
“उसी दिन, लगभग 2:00 बजे, आरोपी नित्यानंद ने मिलने पर रोसड़ा में सुदर्शन को छोड़ने की बात कही। रोसड़ा में काफी खोजबीन के बाद भी सुदर्शन के नहीं मिलने पर नित्यानंद से पुनः पूछने पर कभी समसा तो कभी नागोली में सुदर्शन को छोड़ने की बात बताई। इसके बाद सुदर्शन का मोबाइल स्विच ऑफ आ रहा था। कहा जाता है कि आरोपी नित्यानंद के विभिन्न तरीकों से बोलने से यह लगता है कि उसने गलत मानसा से सुदर्शन को कहीं ले गया हो। सुनवाई के दौरान अपर लोक अभियोजक राम कुमार एवं बचाव पक्ष से अधिवक्ता अमरेंद्र कुमार सिंह मौजूद थे।”