Darbhanga : भाकपा माले की विधान पार्षद और स्कीम वर्कर्स-आशा, आंगनबाड़ी, रसोइया, जीविका दीदियों की राष्ट्रीय महासचिव श्रीमती शशि यादव ने अपने पहले दो दिवसीय दौरे के तहत दरभंगा में विभिन्न कार्यक्रमों और सभाओं को संबोधित किया। विदित हो कि श्रीमती यादव ने विधान पार्षद के रूप में दरभंगा और पटना को अपना कार्यक्षेत्र चुना है, और उनका विकास निधि इन्हीं दो जिलों में खर्च किया जाएगा। उनका दरभंगा से विशेष लगाव रहा है, क्योंकि 1998 में उन्होंने पहली बार यहीं से लोकसभा चुनाव लड़ा था। इसके बाद वह बाढ़ और नालंदा से भी भाकपा माले उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ चुकी हैं। उन्होंने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत एबीएसयू/आइसा छात्र संगठनों से की और फिर एआईपीडब्ल्यूए महिला संगठन की जुझारू नेता के रूप में उभरकर आईं।
दौरे के पहले दिन श्रीमती शशि यादव ने बिरौल में माइक्रोफाइनेंस कंपनियों द्वारा की जा रही लूट और दमन के शिकार महिलाओं की एक विराट सभा को संबोधित किया। इस सभा में उन्होंने महिलाओं की समस्याओं और उनके आर्थिक उत्पीड़न पर जोर दिया, खासकर माइक्रोफाइनेंस कंपनियों के दमनकारी कर्ज वसूली तरीकों पर। उन्होंने बताया कि दर्जनों महिलाएं, कर्ज के बोझ से दबकर आत्महत्याएं कर चुकी हैं और अगर सरकार ने इन महिलाओं का कर्ज माफ नहीं किया तो कई और महिलाएं इसी स्थिति का सामना कर सकती हैं।
शशि यादव ने सभा में कहा कि बिहार की भाजपा-नीतीश सरकार महिला श्रम और दक्षता का शोषण कर रही है। आशा, ममता, रसोइया, आंगनबाड़ी, नर्सेज, जीविका दीदियां, बैंक मित्र, बुक कीपर, और स्वयंसहायता समूह से जुड़ी महिलाएं बड़ी संख्या में कार्यरत हैं, लेकिन उन्हें न्यूनतम मजदूरी तक का मानदेय नहीं मिलता। उन्होंने कामकाजी महिलाओं के सम्मानजनक वेतन, सुरक्षा और अधिकारों के लिए सदन और सड़कों पर संघर्ष जारी रखने का संकल्प जताया। शशि यादव ने यह भी कहा कि महिलाओं ने नीतीश कुमार को सत्ता तक पहुंचाया था, और अब वही महिलाएं उन्हें नीचे उतारने का काम करेंगी।
जीविका दीदियों के सवालों पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि जीविका मिशन के तहत काम करने वाली महिलाओं को 10 सालों से बुनियादी कैडर का दर्जा नहीं दिया गया है, जो उनके प्रति सरकार की असंवेदनशीलता को दर्शाता है। सरकार उनसे कहती है कि वे स्वयं सहायता समूहों से चंदा लेकर अपना मासिक मानदेय जुटाएं, जो पूर्ण रूप से अन्यायपूर्ण है। शशि यादव ने कहा कि डेढ़ लाख से अधिक महिला कर्मियों के साथ हो रहे इस अन्याय के खिलाफ वह कड़ा संघर्ष करेंगी।
दरभंगा दौरे के दूसरे दिन शशि यादव ने पिपरा में कस्तूरबा विद्यालय की एक किशोरी की हत्या के खिलाफ आयोजित “न्याय दो” सभा को संबोधित किया। उन्होंने विद्यालय प्रबंधन पर दमनात्मक रवैया अपनाने का आरोप लगाते हुए संपूर्ण जांच की मांग की। इसके बाद वह मधुबनी के मधवापुर में दलित-गरीबों के हक की मांग को लेकर आयोजित प्रदर्शन में भाग लेंगी।
मिथिलांचल के विकास पर अपनी चिंता व्यक्त करते हुए शशि यादव ने कहा कि इस क्षेत्र की अर्थव्यवस्था प्रवासी मजदूरों की आय पर आधारित है, लेकिन सरकार के पास प्रवासी मजदूरों के लिए कोई कल्याणकारी नीति नहीं है। साथ ही उन्होंने बाढ़, सूखा, कृषि आधारित उद्योगों और आधुनिक शिक्षा के विकास को क्षेत्र के समग्र विकास के लिए अनिवार्य बताया।
इस अवसर पर भाकपा(माले) जिला सचिव बैद्यनाथ यादव, ऐपवा जिला सचिव शनिचरी देवी, जिला अध्यक्ष साधना शर्मा, ऐपवा नेत्री रानी सिंह और आइसा नेता प्रिंस राज सहित कई गणमान्य लोग उपस्थित थे।