प्रकृति ने भी मचाया होगा हाहाकार
कलियों का करने से पहले श्रृंगार
सोच में डूबा हुआ सा चिंतन करता बारंबार
क्या इनपर भी आ पाएंगी बहार???
या वक्त से पहले मिलेगा इन्हें भी
क्रूर शिकंजों का निर्मम उपहार !
मानव वेश में विचर रहे हैं
खा जाने को हैं तैयार
धरती अम्बर भी होंगे हर्षित
करके नरभक्षी का संहार,
जाने कब तक होता रहेगा
मानवता का बलत्कार…
सख़्त क़दम उठाना होगा
मिलकर अब करना होगा
इन भेंड़ियों का बहिष्कार……