Patna : बिहार राज्य में अब रजिस्ट्री प्रक्रिया को और अधिक सरल और सहज बनाने के लिए ई-स्टांप (E-stamp) की व्यवस्था की जा रही है। जल्द ही एटीएम की तरह मशीनों के माध्यम से ई-स्टांप प्राप्त किए जा सकेंगे, जिससे आम जनता को काफी सहूलियत मिलेगी। यह कदम राज्य सरकार की फिजिकल स्टांप के स्थान पर पूरी तरह से ई-स्टांप प्रणाली लागू करने की योजना का हिस्सा है। वर्तमान में इस नई तकनीक का परीक्षण राज्य मुख्यालय में किया जा रहा है, और सफल परीक्षण के बाद इसे राज्य के सभी निबंधन कार्यालयों और अन्य महत्वपूर्ण स्थानों पर लगाया जाएगा।
उत्पाद एवं मद्य निषेध विभाग के सचिव विनोद सिंह गुंजियाल ने सोमवार को आयोजित एक प्रेस वार्ता में इस महत्वपूर्ण योजना की जानकारी दी। इस दौरान विभागीय मंत्री रत्नेश सदा भी मौजूद थे। गुंजियाल ने बताया कि बिहार देश का पहला राज्य होगा, जहां एटीएम की तरह स्टांप वेंडिंग मशीन से ई-स्टांप प्राप्त करने की सुविधा उपलब्ध होगी। इस नई व्यवस्था से जमीन या फ्लैट की रजिस्ट्री के लिए आवश्यक ई-स्टांप खरीदना बेहद आसान हो जाएगा, और इसके लिए लंबी कतारों में लगने की जरूरत नहीं होगी।
वर्तमान में ई-स्टांप की बिक्री को-ऑपरेटिव बैंक के माध्यम से की जा रही है। इसके अलावा 1,000 रुपये तक के न्यायिक स्टांप की बिक्री फ्रैंकिंग मशीनों द्वारा की जा रही है। हाईकोर्ट और 40 अन्य व्यवहार न्यायालयों में ई-कोर्ट फीस की बिक्री भी फ्रैंकिंग मशीनों के माध्यम से की जाती है।
इस नई पहल से न केवल जनता को सुविधा मिलेगी, बल्कि रजिस्ट्री प्रक्रिया में पारदर्शिता भी आएगी। इसके अलावा पुराने निबंधन कार्यालय भवनों और अभिलेखागार का जीर्णोद्धार किया जा रहा है, और नए भवनों का निर्माण भी हो रहा है। यह कदम राज्य में ई-स्टांप की सहज उपलब्धता सुनिश्चित करेगा। इस प्रणाली के तहत, जैसे एटीएम से मनचाही राशि निकाली जा सकती है, वैसे ही इन मशीनों से जरूरत के मुताबिक ई-स्टांप खरीदा जा सकेगा।
सरकार की यह योजना बिहार में डिजिटल सेवाओं को बढ़ावा देने और रजिस्ट्री प्रक्रिया को अधिक सुलभ बनाने के प्रयासों का हिस्सा है। इससे राज्य में भूमि और संपत्ति संबंधी लेनदेन अधिक सुगम और पारदर्शी हो जाएंगे, जिससे आम जनता को बड़ी राहत मिलेगी।