भाषा-साहित्य
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लोग फ़रिश्ते लगते थे – विनोद कुमार
राह ग़लत जाते ही घर के सब समझाने लगते थे। दौर भी वो कितना सुंदर था लोग फ़रिश्ते लगते थे।…
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राहें खुदा नहीं है ये बन्दगी नहीं है – शिल्पा जैन
भर पेट रोटी सब्जी कभी तो मिली नहीं है रहने को भी ख़ुदाया इक झोपड़ी नहीं है मैं देश पर…
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राहुल वर्मा बने मगही के ब्रांड अम्बेडर
नवादा: मगही को बढ़ाना है और इसके एक सशक्त पहचान देनी है तो इसे दिल से अपनाना होगा। मगही को…
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इश्क़ इक दर्दे दवा है – रश्मि प्रदीप
सुना था इश्क़ इक़ दर्दे दवा है ग़लत थी मैं बड़ी ये बेवफ़ा है। जहां हर शख्स चोटें खा रहा…
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मिथिला सपूत ललित बाबू को भारत रत्न से सम्मानित किया जाना चाहिए- प्रो. प्रेम
समस्तीपुर: मिथिला के सपूत, भारत सरकार के पूर्व रेल मंत्री स्मृति शेष ललित नारायण मिश्र जी के पुण्य तिथि पर…
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क्या खोजता है? – मोहन झा
श्रृंगनगपतिजयी मानव! चन्द्र मंगल पग धरे, क्या खोजता है? मर्त्यजीवन अर्थ खोजो, व्यर्थ विचरण व्योम में, क्या खोजता है? लथपथ…
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नारी पत्थर नहीं – डॉ शेफालिका वर्मा
नारी पत्थर की देवता नही जो पूजे जाते हैं कहीं भी चंदन रोली लगा मंत्र बुदबुदा देते हैं पूजा हो…
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करना सफ़र नहीं है आसान ज़िन्दगी में – सुनीता ‘सुमन’
मैं हो के रह गई हूं हैरान ज़िंदगी में । आएंगे और कितने तूफान ज़िंदगी में ।। आए हो जब…
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हे ईश्वर – डॉ भारती झा
ढूँढ रही हूँ अक्षर अक्षर हे मेरे ईश्वर! हे परमेश्वर! बना कर यह रमणीया सृष्टि न कहीं किया तूने हस्ताक्षर!…
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महावीर लाल अवध बिहारी प्रसाद चित्रांश वेलफ़ेयर ट्रस्ट का द्वितीय स्थापना दिवस समारोह
समस्तीपुर: आज महावीर लाल अवध बिहारी प्रसाद चित्रांश वेलफ़ेयर ट्रस्ट, बुलाकीपुर का द्वितीय स्थापना दिवस समारोह ट्रस्ट कार्यालय बुलाकीपुर के…
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