बिहारभाषा-साहित्यमनोरंजनसमाचारसहरसा

चैती महोत्सव में शास्त्रीय संगीत व गीतों से सराबोर हुए श्रोता,रात भर झूमे दर्शक 

सुभाष चन्द्र झा की रिपोर्ट

सहरसा : बीते रविवार रात्रि चैती महोत्सव का भव्य संगीत समारोह पंचवटी चौक के समीप प्रो अखिलेश प्रसाद सिंह के आवास पर आयोजित किया गया। जिसमे सहरसा सुपौल मधेपुरा मधुबनी दरभंगा भागलपुर और छपरा से दर्जनो संगीत साधक और उनके शिष्यों  द्वारा शास्त्रीय संगीत और चैतावर गायन से श्रोता सराबोर होकर रात भर झूमते रहे।
आयोजनकर्ता ख्यातिप्राप्त संगीत साधक कला अन्वेशी उपाधि प्राप्त प्रोफेसर अखिलेश्वर प्रसाद सिंह,अध्यक्षता कर रहे शैलेन्द्र कुमार सिंह उर्फ नारायण सिंह एवं मुख्य अतिथि बनारस विश्वविद्यालय में पंडित ओंकारनाथ ठाकुर के शिष्य छपरा के गिरिधर गोपाल ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का उद्घाटन किया। इस अवसर पर सभी विद्वान व शिष्यों को संबोधित कर संगीत परिचर्चा, शास्त्रीय संगीत, गुरु शिष्यता और अपनी संस्कृति व परंपरा को अक्षुण्ण बनाये रखने के लिए प्रेरित किया और ऐसे ऐतिहासिक आयोजन के लिए हर व्यक्तियों को आगे आने का आग्रह कर चैती महोत्सव की महत्ता पर प्रकाश दिया।
साथ ही जिला कलाकार संघ सहरसा के सदस्यों को महोत्सव में अपेक्षित सहयोग के लिए धन्यवाद दिया।चैती महोत्सव भव्य संगीत समारोह कार्यक्रम की शुरूआत समूह चैती गीत से हुआ वही एक से बढ़कर एक सैंकड़ो विद्वान संगीतज्ञों और शिष्यों द्वारा समय अनुकूल राग यमन,बहार,बिहाग,भूपाली,देशी,दुर्गा,नटभैरव,दरबारी कान्हड़ा,जोग आदि के विलंबित, छोटा खयाल, तराना, ध्रुपद, धमार, ठुमरी आदि शास्त्रीय बंदिश, तान और शास्त्रीय चैती के अलावा चैती लोकगीतों की प्रस्तुति तीनताल, एकताल, दीपचन्दी, धमार, कहरवा, दादरा आदि तालों में गायन प्रस्तुत कर किया। इस कार्यक्रम मे जानेमाने उदघोषक सह संगीत शिक्षक मुकेश मिलन के सफल संचालन में चले इस महोत्सव में प्रतिभा, आराधना, मनीषा, पूजा, मौसम, सोनी, आरती, अन्नू, उर्वशी, प्रीति, मणिकर्णिका, रंजना नारायण, प्रोफेसर कन्हैया सिंह कन्हैया, कुंदन,मल्लिकार्जुन, रामू अवस्थी, हेमकांत, त्रिपुरारी, मधुबनी के विद्वान साधक रामवृक्ष सिंह, योगेंद्र भारती, गाँधी कुमार, अरविंद, प्रो. अरुण कुमार यादव,रामप्रवेश, आमोद झा,प्रमोद, आशीष रंजन,सरिता,कन्हैया, राजेश,छोटू, नीतीश,भागलपुर के धनंजय बाँसुरी वादक रविराज, ओम, भास्कर, रामविलास, मुरारी, नंदन,अजय ठाकुर, मनोज राजा, चंदन मुखिया, अरविंद अकेला, अजित के अलावा और भी बहुत सारे कलाकारों द्वारा अद्वितीय प्रस्तुति मंच से किया गया।
जिसमे अवध में बाजे ला बधावा हो रामा, चैत सन दिनमा” और “सेजिया से सैंया रूठ गइले हो रामा, कोयल तेरी बोलिया” जैसे चैती गीतों से वातावरण गूंजता रहा। अंत मे गुरुओं की प्रस्तुति में शैलेन्द्र कुमार सिंह उर्फ नारायण सिंह,प्रोफेसर अखिलेश्वर प्रसाद सिंह,रामवृक्ष सिंह ने भी अपनी प्रस्तुति से उपस्थित शिष्यों को प्रेरित किया।

यह भी पढ़ें  मनरेगा में मजदूरों को काम दिलाने के लिए जुझारू आंदोलन की जरूरत - जीबछ पासवान

Gaam Ghar

Editor

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button