Entertainment : गोवा में चल रहे 55वें अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव के दौरान इंडियन मोशन पिक्चर प्रोड्यूसर्स एसोसिएशन (इम्पा) के एक विशेष कार्यक्रम में शनिवार रात करणी सेना द्वारा हंगामा किया गया। यह घटना गोवा के कला अकादमी के पास समुद्र में तैरती इम्पा की यॉट पर हुई, जहां निर्देशक अतुल गर्ग की फिल्म ‘चोला’ का ट्रेलर लॉन्च हो रहा था। करणी सेना ने ट्रेलर में भगवा वस्त्र, तुलसी और रुद्राक्ष की माला जलाने वाले दृश्यों पर कड़ा विरोध जताया।
कार्यक्रम में फिल्म ‘चोला’ का ट्रेलर लॉन्च
शनिवार रात करीब 8 बजे इम्पा की यॉट पर शुरू हुए कार्यक्रम में निर्देशक अतुल गर्ग की कई फिल्म परियोजनाओं पर चर्चा हुई। सबसे पहले उनकी आगामी फ्रेंचाइजी फिल्म ‘कश्मीर’ का ट्रेलर दिखाया गया, जिसमें अभिनेता हेमंत पांडे मुख्य खलनायक की भूमिका निभा रहे हैं। इसके बाद मंच पर फिल्म अभिनेत्री पूनम झावर और अन्य प्रमुख कलाकारों ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई।
इसके बाद अतुल गर्ग की फिल्म ‘चोला’ का ट्रेलर लॉन्च किया गया। यह फिल्म एक युवा प्रोफेसर की आत्मिक शांति की तलाश की कहानी है। फिल्म का नायक शांति के लिए एक बाबा के आश्रम में शरण लेता है और भगवा वस्त्र धारण करता है। बाबा बताते हैं कि आत्मिक शांति के लिए बाहरी वस्त्रों की नहीं, बल्कि अंदरूनी शक्ति की जरूरत होती है। इसी बात को समझकर नायक अपने भगवा वस्त्र, तुलसी और रुद्राक्ष की माला जलाकर पुनः अपने प्रोफेसर के जीवन में लौट आता है।
करणी सेना का विरोध और हंगामा
फिल्म का ट्रेलर देखने के बाद करणी सेना के नेता सुरजीत सिंह राठौड़ और राजेश जैन ने आपत्ति जताई। उन्होंने आरोप लगाया कि फिल्म में दिखाए गए दृश्य हिंदू धर्म का अपमान करते हैं। भगवा वस्त्र और धार्मिक प्रतीकों को जलाने वाले दृश्य हटाए बिना फिल्म को रिलीज नहीं होने देने की धमकी दी। सुरजीत सिंह ने ट्रेलर दोबारा चलाने की मांग की और जब दृश्य फिर दिखाए गए, तो हंगामा और बढ़ गया।
अभिनेता मनोज जोशी समेत कई मेहमान कार्यक्रम से निकले
करणी सेना का विरोध बढ़ता देख कार्यक्रम में मौजूद कलाकार और मेहमान तुरंत यॉट छोड़कर किनारे की तरफ जाने लगे। अभिनेता मनोज जोशी, जो कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद थे, वहां से अपने मित्रों के साथ रवाना हो गए।
निर्देशक ने दिया बयान
फिल्म के निर्देशक अतुल गर्ग ने विवाद पर सफाई देते हुए कहा कि ‘चोला’ का उद्देश्य किसी धर्म का अपमान करना नहीं, बल्कि यह संदेश देना है कि आत्मिक शांति और सरलता के लिए गृहस्थी का त्याग करना जरूरी नहीं। उन्होंने करणी सेना को पूरी फिल्म दिखाने का आश्वासन दिया और कहा कि फिल्म में किसी की भावनाएं आहत करने का प्रयास नहीं है।
फिल्म का संदेश
‘चोला’ एक युवा प्रोफेसर की कहानी है, जो आत्मिक शांति की तलाश में धार्मिक आश्रम में जाता है। लेकिन जब उसे समझाया जाता है कि शांति के लिए बाहरी प्रतीकों की आवश्यकता नहीं, तो वह इनका त्याग कर सामान्य जीवन में लौट आता है।
फिल्म का भविष्य अनिश्चित
करणी सेना के विरोध के चलते फिल्म की रिलीज पर संकट गहराता दिख रहा है। हालांकि, निर्देशक और इम्पा का कहना है कि वे इस विवाद को सुलझाने के लिए सभी पक्षों से बातचीत करेंगे। फिल्म की टीम ने साफ किया है कि उनका मकसद केवल एक सकारात्मक संदेश देना है।