अंकित सिंह, संवाददाता, भरगामा, अररिया: भरगामा थाना क्षेत्र में प्रशासन के तमाम दावों के बावजूद अवैध बालू और मिट्टी खनन का सिलसिला रुकने का नाम नहीं ले रहा है। लछहा नदी से बड़े पैमाने पर बालू का अवैध खनन किया जा रहा है और खनन के बाद ट्रैक्टर-ट्रालियों के जरिए मुख्य मार्गों से इसे गंतव्य तक पहुंचाया जा रहा है। इस पूरी गतिविधि के बावजूद जिम्मेदार अधिकारी मूकदर्शक बने हुए हैं, जिससे अवैध खनन करने वालों के हौसले बुलंद हैं।
खनन विभाग की नाकामी और माफियाओं का दबदबा
स्थानीय लोगों का कहना है कि खनन विभाग बालू के अवैध कारोबार को रोकने में पूरी तरह विफल साबित हो रहा है। खनन माफिया खुलेआम बालू की ढुलाई कर रहे हैं, लेकिन उन पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं हो रही है। पुलिस और प्रशासन के कड़े निर्देशों के बावजूद यह अवैध कारोबार बदस्तूर जारी है। हालात यह हैं कि खनन माफियाओं के वाहन दिनभर सड़कों पर दौड़ते देखे जा सकते हैं, जिससे मुख्य मार्गों पर यातायात भी प्रभावित हो रहा है।
सूत्रों के मुताबिक, शंकरपुर पंचायत क्षेत्र में इन दिनों अवैध रूप से बड़े पैमाने पर बालू का खनन हो रहा है। शनिवार को लछहा नदी के पुल के पास ट्रैक्टर-ट्रालियों के जरिए बालू निकाला गया और इसकी ढुलाई की गई। इसी तरह, भरगामा थाना क्षेत्र के अलग-अलग गांवों में प्रतिदिन अवैध बालू खनन होते देखा जा सकता है। स्थानीय लोग बताते हैं कि मिट्टी और बालू माफियाओं का एक संगठित गिरोह इस अवैध कारोबार को चला रहा है, जिसे रोकने में प्रशासन नाकाम साबित हो रहा है।
प्रशासन की कार्यशैली पर उठ रहे सवाल
स्थानीय लोगों का कहना है कि अवैध खनन को रोकने की दिशा में प्रशासन की निष्क्रियता चिंता का विषय है। ट्रैक्टर-ट्रालियों से दिन में ही खुलेआम बालू की ढुलाई हो रही है, जिससे यह सवाल उठता है कि आखिर प्रशासन क्यों कार्रवाई नहीं कर रहा? खनन माफियाओं के खिलाफ पुलिस और खनन विभाग कोई ठोस कदम उठाने में असमर्थ नजर आ रहा है।
खनन पदाधिकारी का बयान
इस पूरे मामले पर जिला खनन पदाधिकारी प्रियतोष अमन का कहना है कि अवैध बालू खनन पर रोक लगाने के लिए स्थानीय पुलिस और प्रशासन को सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं। हालांकि, स्थानीय लोगों की मानें तो इन निर्देशों का कोई प्रभाव अब तक नहीं दिख रहा है। अवैध खनन जारी रहने से यह स्पष्ट होता है कि माफियाओं पर प्रशासन का कोई डर नहीं है।
भरगामा में अवैध बालू खनन लगातार बढ़ता जा रहा है, जिससे पर्यावरण और स्थानीय लोगों को नुकसान हो रहा है। प्रशासन और खनन विभाग की निष्क्रियता के चलते खनन माफियाओं का दबदबा बढ़ता जा रहा है। अगर जल्द ही इस पर प्रभावी कार्रवाई नहीं हुई, तो आने वाले समय में यह और गंभीर समस्या बन सकती है।
