Patna : बिहार के पंचायत जनप्रतिनिधियों के लिए छठ पर्व से पहले खुशखबरी आई है। राज्य की नीतीश सरकार ने त्रिस्तरीय पंचायती राज संस्थाओं के जनप्रतिनिधियों के लिए मानदेय का भुगतान करने का आदेश दिया है। इस आदेश के अनुसार, सभी पंचायत जनप्रतिनिधियों को बढ़े हुए दर पर मानदेय का भुगतान छठ पर्व से पहले किया जाएगा। पंचायत राज मंत्री केदार प्रसाद गुप्ता ने विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिया है कि छठ पर्व तक सभी जनप्रतिनिधियों का मानदेय जारी कर दिया जाए।
राज्य में त्रिस्तरीय पंचायत प्रणाली के तहत 2 लाख 37 हजार से अधिक पंचायत जनप्रतिनिधि हैं, जिनमें 1 लाख 10 हजार पंचायत वार्ड सदस्य, 8053 मुखिया, 8053 सरपंच, 8053 पंचायत समिति सदस्य, और जिला परिषद अध्यक्ष एवं सदस्य शामिल हैं। इन सभी जनप्रतिनिधियों को साल में दो से तीन बार मानदेय का भुगतान किया जाता है। इस साल अप्रैल के बाद अब तक बढ़ी हुई दर से मानदेय का भुगतान नहीं हो पाया था, लेकिन मंत्री के आदेश पर यह भुगतान अब छठ से पहले हो जाएगा।
जनवरी में पंचायती राज मंत्री केदार प्रसाद गुप्ता ने पंचायत जनप्रतिनिधियों के मानदेय को दोगुना करने का निर्णय लिया था, जिससे अब पहली बार इन नई दरों के अनुसार भुगतान किया जाएगा। नई दरों के अनुसार, मुखिया को अब प्रति माह 5000 रुपये, उप मुखिया को 2500 रुपये, ग्राम पंचायत सदस्य को 800 रुपये, सरपंच को 5000 रुपये और उप सरपंच को 2500 रुपये मानदेय के रूप में मिलेंगे। इस बढ़ी हुई राशि के भुगतान के लिए पर्याप्त धनराशि उपलब्ध कराई गई है, ताकि कोई भी जनप्रतिनिधि इस लाभ से वंचित न रह सके।
पंचायती राज मंत्री ने बताया कि इस निर्णय से राज्य के पंचायत जनप्रतिनिधियों में काफी उत्साह है। यह कदम राज्य के जनप्रतिनिधियों के सम्मान को बढ़ाने और उनकी सेवाओं का बेहतर मूल्यांकन करने के उद्देश्य से उठाया गया है। छठ जैसे महापर्व से पहले मानदेय का भुगतान सुनिश्चित करने से राज्य के विभिन्न पंचायत स्तर पर कार्यरत जनप्रतिनिधियों में खुशी की लहर दौड़ पड़ी है। नीतीश सरकार का यह फैसला उन हजारों पंचायत प्रतिनिधियों के लिए त्योहार का तोहफा माना जा रहा है, जो ग्रामीण स्तर पर सरकार और जनता के बीच सेतु का काम कर रहे हैं।