मधेपुरा के एडीएम (विभागीय जांच) शिशिर कुमार मिश्र पर इंडोर स्टेडियम में खिलाड़ियों से मारपीट और गाली-गलौज करने का गंभीर आरोप लगा है। यह घटना शनिवार देर शाम बीपी मंडल इंडोर स्टेडियम की है, जहां बैडमिंटन कोर्ट पर प्रैक्टिस कर रहे खिलाड़ियों के साथ एडीएम द्वारा दुर्व्यवहार किया गया। घटना का वीडियो सामने आने के बाद यह मामला चर्चा में आ गया है।
खेल के दौरान विवाद और मारपीट
शनिवार शाम कुछ खिलाड़ी स्टेडियम में बैडमिंटन की प्रैक्टिस कर रहे थे। इसी दौरान एडीएम शिशिर कुमार मिश्र वहां पहुंचे और खिलाड़ियों को उनके साथ बैडमिंटन खेलने के लिए दबाव डालने लगे। खिलाड़ी प्रैक्टिस से थके हुए थे, इसलिए उन्होंने खेलने से मना कर दिया। लेकिन दबाव के चलते खिलाड़ियों ने खेलना शुरू किया।
मैच के दौरान एक खिलाड़ी द्वारा गलती से गलत शॉट खेले जाने पर एडीएम भड़क गए। उन्होंने गुस्से में बैडमिंटन रैकेट फेंककर खिलाड़ी को मारने की कोशिश की। जब अन्य खिलाड़ी उसे बचाने आए, तो एडीएम ने उनकी भी रैकेट से पिटाई कर दी। इस दौरान एक खिलाड़ी के सिर, गले और हाथ में चोटें आईं। उन्होंने उस खिलाड़ी की रैकेट भी तोड़ दी और भविष्य में कोर्ट में प्रैक्टिस न करने की धमकी दी।
घटना का वीडियो वायरल
पूरी घटना का वीडियो एक मोबाइल फोन में रिकॉर्ड हो गया, जो अब सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। वीडियो में एडीएम की हरकतें साफ तौर पर देखी जा सकती हैं। पीड़ित खिलाड़ी इस घटना से बेहद डरे और सहमे हुए हैं। उन्होंने जिलाधिकारी से न्याय की मांग की है।
एडीएम ने दी सफाई
घटना को लेकर एडीएम शिशिर कुमार मिश्र ने अपनी सफाई देते हुए कहा कि स्टेडियम में कुछ बच्चे मोबाइल पर अनुचित चीजें देख रहे थे। जब उन्होंने बच्चों को डांटा, तो वे ठहाका मारकर हंसने लगे और उन्हें ‘बूढ़ा’ कहकर चिढ़ाने लगे। एडीएम ने कहा कि इसी बात से नाराज होकर उन्होंने बच्चों को डांटा।
खिलाड़ियों का आरोप और प्रशासन से गुहार
घायल खिलाड़ी और उनके साथियों ने बताया कि एडीएम का व्यवहार अपमानजनक और अनुचित था। खिलाड़ियों ने प्रशासन से मांग की है कि उन्हें न्याय मिले और एडीएम के खिलाफ उचित कार्रवाई की जाए।
प्रशासन ने लिया मामला संज्ञान में
घटना के वीडियो के वायरल होने और मामले के तूल पकड़ने के बाद जिला प्रशासन ने मामले की जांच शुरू कर दी है। जिलाधिकारी ने खिलाड़ियों की शिकायत को गंभीरता से लेते हुए कहा है कि दोषी पाए जाने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
समाज में नकारात्मक संदेश
इस घटना ने खेल जगत और आम लोगों के बीच नकारात्मक संदेश दिया है। सरकारी पद पर बैठे एक अधिकारी द्वारा सार्वजनिक स्थान पर इस प्रकार की हरकतें न केवल कानून व्यवस्था बल्कि प्रशासन की गरिमा पर भी सवाल खड़े करती हैं।
यह घटना न केवल खिलाड़ियों की सुरक्षा पर सवाल उठाती है, बल्कि सरकारी अधिकारियों की जिम्मेदारियों पर भी गंभीर चर्चा की जरूरत को रेखांकित करती है।
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