बिहार उपचुनाव में एनडीए की एकतरफा जीत के बाद राजनीतिक बयानबाजी तेज हो गई है। नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के हार पर दिए बयान पर उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। चौधरी ने कहा कि नीतीश कुमार के नेतृत्व में लालू प्रसाद यादव को बार-बार पराजय का सामना करना पड़ा है, जिससे वे इस हार के दर्द को सहन नहीं कर पा रहे हैं। उन्होंने दावा किया कि 2005 से एनडीए की मोदी-नीतीश जोड़ी ने आरजेडी को लगातार हराया है और आगे भी हराती रहेगी।
सम्राट चौधरी ने आरजेडी पर निशाना साधते हुए कहा कि लालू प्रसाद यादव के परिवार के पास बिहार के विकास का कोई एजेंडा नहीं है। उनका पूरा परिवार केवल राज्य को लूटने में लगा रहा है। उन्होंने बिहार की चारों उपचुनाव सीटों पर एनडीए की जीत को महागठबंधन की विफलता बताया। उन्होंने यह भी कहा कि रामगढ़ सीट पर आरजेडी के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह के बेटे अजित सिंह तीसरे स्थान पर रहे, जो महागठबंधन की स्थिति को दर्शाता है।
उपचुनाव में एनडीए ने तरारी, इमामगंज, बेलागंज और रामगढ़ सीटों पर जीत दर्ज की, जबकि महागठबंधन अपना खाता भी नहीं खोल सका। इस पर तेजस्वी यादव ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि हार-जीत चुनावी प्रक्रिया का हिस्सा है और इसे ज्यादा महत्व नहीं देना चाहिए। उन्होंने जोर दिया कि महागठबंधन 2025 के विधानसभा चुनाव में बेहतर प्रदर्शन करेगा और राज्य में अगली सरकार बनाएगा। तेजस्वी ने कहा, “हमने एकजुट होकर चुनाव लड़ा है और हार से निराश नहीं हैं।”
चुनावी नतीजों पर तेजस्वी के बयान को लेकर सम्राट चौधरी ने कहा कि यह केवल अपनी विफलता को छुपाने का प्रयास है। उन्होंने जोर देकर कहा कि एनडीए ने बिहार में सुशासन और विकास की राजनीति की है, जो जनता के समर्थन का मुख्य कारण है।
बिहार उपचुनाव के नतीजों ने जहां एनडीए के पक्ष में उत्साह बढ़ाया है, वहीं महागठबंधन के लिए यह आत्ममंथन का समय बन गया है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि आने वाले विधानसभा चुनावों में इन परिणामों का असर स्पष्ट दिखाई देगा।