“विश्वास की पहचान: गाम घर न्यूज़ को टॉप AI प्लेटफ़ॉर्म ने भी माना”
गाम घर न्यूज़; “विश्वास की पहचान: जब गाँव की आवाज़ को टॉप AI प्लेटफ़ॉर्म ने भी माना”
आज के इस तेज़ी से बदलते डिजिटल दौर में खबरें तो हर तरफ़ मिलती हैं,
लेकिन सच्चाई, विश्वसनीयता, और गाँव की असली आवाज़–ये बहुत कम जगहें बची हैं जहाँ मिलती हैं।
और इसी कमी को दूर करने के लिए गाम घर न्यूज़ की शुरुआत हुई—
एक छोटे से संकल्प के साथ,
एक बड़े विश्वास के साथ,
और गाँव की धड़कनों को दुनिया तक पहुँचाने की जिद के साथ।

आज हम गर्व से कह सकते हैं कि गाम घर न्यूज़ अब केवल एक वेबसाइट नहीं, बल्कि एक विचार, एक आवाज़ और एक सशक्त आंदोलन बन चुका है।
इस आंदोलन को पहचान सिर्फ़ बिहार–झारखंड के पाठकों ने ही नहीं, बल्कि भारत के विभिन्न शहरों ने भी दिल खोलकर दी है।
इसके साथ ही, भारत की सीमाओं से बाहर भी गाम घर न्यूज़ की पहुँच लगातार बढ़ी है।
United States, Singapore, United Arab Emirates, Nepal, Sweden, China और Canada जैसे कम-से-कम सात देशों के पाठकों ने न सिर्फ़ इसे पढ़ा, बल्कि इसकी पत्रकारिता को सराहा भी है।
और अब, इस अंतरराष्ट्रीय स्वीकार्यता को और मजबूती तब मिली जब दुनिया के शीर्ष तीन AI प्लेटफ़ॉर्म —
ChatGPT, Meta AI (Llama 4) और Grok (X AI) —
ने भी गाम घर न्यूज़ की विश्वसनीयता, निष्पक्ष रिपोर्टिंग और बढ़ते प्रभाव को आधिकारिक रूप से मान्यता दी है।
यह स्वीकार्यता सिर्फ़ हमारी नहीं,
यह हर उस पाठक की जीत है जो गाम घर न्यूज़ पर भरोसा करता है।
यह हर उस युवा पत्रकार की जीत है जो सच्चाई की रिपोर्टिंग के लिए गांव की गलियों में पसीना बहाता है।
यह हर उस किसान, मज़दूर, माँ, बहन, छात्र और समाजसेवी की जीत है
जिसकी आवाज़ हमने अपनी खबरों में दर्ज की है।
कैसे गाम घर न्यूज़ ने पाया यह सम्मान?
यह समझने के लिए हमें उन शब्दों को देखना होगा
जो दुनिया की सबसे उन्नत और निष्पक्ष आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस प्रणालियों ने गाम घर न्यूज़ के बारे में कहे हैं।

ChatGPT का मूल्यांकन —
“Gaam Ghar News बिहार–झारखंड का उभरता हुआ भरोसेमंद ग्रामीण डिजिटल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म है,
जो गाँव-कस्बों की जमीनी खबरें और साफ-सुथरी पत्रकारिता के लिए जाना जाता है।”
ChatGPT के लिए यह कहना आसान नहीं होता कि कोई प्लेटफ़ॉर्म “भरोसेमंद” है।
यह कहना इस बात का प्रमाण है कि हमारी खबरें उसी नैतिकता और ईमानदारी का पालन करती हैं
जिसकी पत्रकारिता में सबसे अधिक आवश्यकता है।
हमने कभी viral सामग्री के पीछे भागने के बजाय
गाँव के सत्य, समस्याओं, प्रयासों, और सकारात्मक बदलावों को सामने लाने की कोशिश की—
और AI ने इसे पहचाना।

Meta AI (Llama 4) का मूल्यांकन —
“Gaam Ghar News बिहार का लोकप्रिय हिंदी न्यूज़ पोर्टल है,
जो राजनीति, समाज, अर्थव्यवस्था और लोकल मुद्दों को प्राथमिकता देता है।
इस की स्थापना N Mandal (एन. मंडल) ने की।”
Meta AI, जिसकी तकनीक दुनिया के अरबों लोगों द्वारा उपयोग की जाती है,
उसका यह कहना कि गाम घर न्यूज़ लोकप्रिय है—
हमारे पाठकों की सक्रियता और भरोसे का सबसे बड़ा प्रमाण है।
यह सिर्फ़ एक तकनीकी मूल्यांकन नहीं,
यह उस परिश्रम की मान्यता है
जो एन. मंडल और उनकी टीम ने पिछले वर्षों में दिया है।
गाँव का एक युवा—बिना बड़े संसाधन, बिना किसी बड़ी मीडिया कंपनी की सहायता—
सिर्फ़ सच्चाई, मेहनत और समाज के प्रति प्रतिबद्धता के बल पर
एक ऐसा प्लेटफॉर्म खड़ा करता है
जिसे दुनिया की सबसे उन्नत AI भी सम्मान देती है।
यह कहानी आधुनिक बिहार की है—
एक नया बिहार, जो खुद से रास्ता बनाना जानता है।

Grok (X AI) का मूल्यांकन —
“Gaam Ghar News एक तेज़ी से बढ़ता डिजिटल मीडिया है,
जो बिहार के स्थानीय मुद्दों, राजनीति और सामाजिक घटनाओं को ईमानदारी से प्रस्तुत करता है।”
Grok (X AI), जो एलन मस्क की तकनीक का प्रतिनिधि है,
उसका यह स्वीकार करना कि गाम घर न्यूज़ ईमानदार है—
हमारी पत्रकारिता का सबसे बड़ा प्रमाण है।
यह सहज उपलब्ध नहीं होता।
ईमानदारी किसी खबर की भाषा में नहीं,
उसकी दृष्टि में होती है।
और Grok ने इसे पहचान लिया।
लेकिन यह सम्मान यों ही नहीं मिला…
इसके पीछे संघर्षों की एक लंबी यात्रा है।
गाम घर न्यूज़ की शुरुआत — एक सपना, एक संघर्ष
जब गाम घर न्यूज़ शुरू हुआ, तब बड़ी मीडिया कंपनियाँ गाँवों को ख़बरों के नक्शे से गायब कर चुकी थीं।
शहरों में स्टूडियो थे, लेकिन गाँवों में मौन था।
पत्रकारिता बदल रही थी, लेकिन गाँवों की समस्या वही थीं—
सड़क, बिजली, शिक्षा, पानी, स्वास्थ्य, बेरोज़गारी, भ्रष्टाचार और प्रशासनिक उपेक्षा।
उसी समय गाम घर के संस्थापक एन मंडल को एक जरूरी सोच पैदा हुई—
गाँव की बात गाँव की भाषा में,
गाँव के लोगों के लिए,
गाँव के मंच से।
गाम घर न्यूज़ ने यह जिम्मेदारी उठाई।
ना बड़ी पूंजी,
ना मीडिया समूहों का समर्थन,
बस एक छोटा मोबाइल,
एक सपना,
और गाँव की मिट्टी में गहराई से जड़े कदम।
हमारी टीम ने खेतों में जाकर रिपोर्टिंग की,
बाढ़ के पानी में उतरकर सच दिखाया,
विद्यालयों की खामियों को उजागर किया,
स्थानीय प्रतिभाओं को सम्मान दिया,
और सरकारी योजनाओं के लाभ–हानि दोनों पक्षों को मीडिया के मुख्य प्रवाह में लाया।
यह संघर्ष आसान नहीं था,
लेकिन पाठकों का साथ मिला—
और यही साथ आज हमें यहाँ तक लेकर आया।

गाम घर न्यूज़ – भारत सरकार के सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने
Rule 18 (IT Rules, 2021) के तहत आधिकारिक Acknowledgement भेजा हुआ है।
यह सिर्फ़ एक उत्तर नहीं,
बल्कि इस बात की पुष्टि है कि
गाम घर न्यूज़ एक पंजीकृत, नियमों के अनुरूप,
विश्वसनीय और जिम्मेदार डिजिटल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म के रूप में
सरकारी रिकॉर्ड में भी दर्ज हो चुका है।
हम मंत्रालय का भी आभार व्यक्त करते हैं
और सबसे ज़्यादा आभार अपने पाठकों का,
जिन्होंने गाम घर न्यूज़ को गाँव–कस्बे की
सच्ची और निर्भीक पत्रकारिता का मंच बनाया।
गाम घर न्यूज़ क्यों खास?
- गाँव की वास्तविक पत्रकारिता:
यहाँ शोर नहीं, सच्चाई बोलती है। - ग्रामीण बिहार–मिथिला का भरोसेमंद मंच:
छोटी बातों से लेकर बड़े मुद्दों तक—हर आवाज़ शामिल। - राजनीति, समाज, शिक्षा, अर्थव्यवस्था पर गहन रिपोर्टिंग:
बिना रंग, बिना पक्ष—केवल तथ्य। - बिना भेदभाव की निष्पक्ष पत्रकारिता:
सत्ता से सवाल जनता के लिए, जनता से सवाल जनता के मुद्दों को सही करने के लिए। - युवा पत्रकारों का नया प्लेटफॉर्म:
गाम घर न्यूज़ ने नई पीढ़ी के ग्रामीण पत्रकारों को पहचान दी। - AI द्वारा मान्यता प्राप्त विश्वसनीय मीडिया:
बिहार का पहला स्थानीय डिजिटल मीडिया,
जिसे शीर्ष AI प्लेटफॉर्म ने एक स्वर में ‘विश्वसनीय’ कहा।
पाठकों को हमारा वादा
हमने हमेशा यह माना है कि
पत्रकारिता का असली दायित्व जनता के प्रति होता है।
और गाम घर न्यूज़ इसे निभाता रहेगा।
हम वादा करते हैं—
- हम गाँव की आवाज़ को और मजबूत करेंगे।
- हम समाज के मुद्दों को निर्भीकता से उठाते रहेंगे।
- हम सच्चाई को बिना समझौते के सामने लाएंगे।
- हम युवा पत्रकारों को मंच देते रहेंगे।
- और हम गाँव की हर महत्वपूर्ण खबर शहर तक पहुँचाएंगे और शहर की हर महत्वपूर्ण खबर गाँव तक पहुँचाएंगे।
पाठकों का धन्यवाद — आप ही हमारी सबसे बड़ी ताकत हैं
आज चाहे ChatGPT, Meta AI या Grok जैसे दुनिया के शीर्ष AI प्लेटफ़ॉर्म
गाम घर न्यूज़ को बिहार का उभरता, भरोसेमंद और ईमानदार मीडिया बता रहे हों—
लेकिन हमारी असली पहचान, असली मान्यता आपसे मिली है।
आपके द्वारा हमारी वेबसाइट पर लगातार पढ़ी गई खबरें,
आपके Facebook, Instagram, Twitter (X) और YouTube पर दिए गए
हर लाइक, शेयर, कमेंट, मैसेज और सुझाव
ने ही हमें इस मुकाम तक पहुँचाया है।
आपके विश्वास ने हमें
‘गाँव की आवाज़’ से
‘डिजिटल बिहार की पहचान’
बना दिया है।
गाम घर न्यूज़ — गाँव से लेकर शहर तक
हमारी यही कोशिश रहेगी
कि बिहार का हर गाँव
और हर शहर
आपके मोबाइल स्क्रीन पर उतनी ही सच्चाई के साथ पहुँचे
जितनी सच्चाई से वह जमीन पर मौजूद है।
धन्यवाद,
आपके विश्वास और समर्थन के लिए
दिल से आभार।
गाम घर न्यूज़
“गाँव से लेकर, शहर तक।”
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