बिहारराजनीतिसमाचार

एन. मंडल की बढ़ती सक्रियता से सियासी हलचल तेज, क्या लड़ेंगे 2025 चुनाव?

एन. मंडल की बढ़ती राजनीतिक सक्रियता से तेज़ हुई हलचल: क्या 2025 में लड़ेंगे विधानसभा चुनाव?

पटना : बिहार की राजनीति (Political) इस समय सामाजिक पुनर्संरचना और नए समीकरणों के उभार के दौर से गुजर रही है। ऐसे में फिल्मकार, सामाजिक कार्यकर्ता और जनसेवक एन. मंडल की बढ़ती राजनीतिक सक्रियता ने राजनीतिक हलचलें तेज़ कर दी हैं। सोशल मीडिया पर उनकी बेबाक टिप्पणियाँ, सामाजिक न्याय की मांग और प्रतिनिधित्व की पुरज़ोर वकालत ने यह सवाल खड़ा कर दिया है—क्या एन. मंडल 2025 के विधानसभा चुनावी समर में उतरने जा रहे हैं?

“पद नहीं, प्रतिनिधित्व चाहिए”— आवाज़ बनता एक आंदोलन
एन. मंडल ने हाल ही में सोशल मीडिया के ज़रिए जो विचार रखे हैं, वे केवल नारों तक सीमित नहीं, बल्कि सामाजिक और राजनीतिक चेतना को झकझोरने वाले हैं।
उनका कहना है:

“क्या सिर्फ एक पद देकर पूरे समाज की भागीदारी को समाप्त मान लिया जाएगा?”
“सम्मान प्रतीकात्मक नहीं, सत्ता में भागीदारी चाहिए।”
“अगर 35 सीटों का हक़ है, तो वह टिकट में दिखना चाहिए।”

इन बयानों को धानुक समाज समेत पूरे ईबीसी (अति पिछड़ा वर्ग) समुदाय से जोरदार समर्थन मिला है। सोशल मीडिया से लेकर गांव-गांव की बैठकों तक अब एक ही स्वर सुनाई दे रहा है— “अब वादा नहीं, सत्ता में हिस्सा चाहिए!”

यह भी पढ़ें  Litterateur: डा. नरेश कुमार विकल को मिलेगा किरण सम्मान

जन समर्थन में उठी मांग: ‘एन. मंडल को बनाया जाए प्रत्याशी’
गांव, पंचायत, छात्र-युवा संगठनों और सामाजिक मंचों से स्पष्ट रूप से आवाज़ उठ रही है कि एन. मंडल जैसे ईमानदार, पढ़े-लिखे और ज़मीन से जुड़े व्यक्ति को विधानसभाओं में प्रतिनिधित्व मिलना चाहिए।
लोगों का कहना है:
“अब वक्त है कि हमारे मुद्दों को कोई अपना उठाए। एन. मंडल हमारे लिए वही आवाज़ बन सकते हैं।”
“आप राजनीति में आइए, समाज आपके साथ खड़ा है।”

कुछ संगठनों ने तो ‘35 सीटों पर ईबीसी हिस्सेदारी’ की मांग को लेकर एक अभियान भी शुरू कर दिया है।

राजनीतिक दलों की नजर में एन. मंडल: कौन देगा टिकट?
एन. मंडल अब केवल सामाजिक कार्यकर्ता नहीं, बल्कि राजनीतिक दलों के लिए एक संभावित उम्मीदवार भी बनते जा रहे हैं।
वे अब तक राजद के आलोक कुमार मेहता, रणविजय साहू और शाहीन; जदयू के अशोक कुमार मुन्ना; भाजपा के जीवेश मिश्रा, नारायण प्रसाद और आलोक रंजन जैसे नेताओं के साथ फोटो देखा जा चुका हैं।

यह भी पढ़ें  समस्तीपुर जिला को श्री योगेंद्र सिंह के रूप में मिला एक ईमानदार डी. एम.

सबसे अहम बात यह रही कि हाल ही में भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री श्री विनोद तावड़े ने एन. मंडल को उनके कार्यों के लिए पत्र लिखा:

“आप बिहार और देश के लिए जो काम कर रहे हैं, वह प्रेरणादायक है। आपने मेहनत से जो पहचान बनाई है, वह काबिले तारीफ है।” यह बयान राजनीति में उनकी विश्वसनीयता और सराहना का प्रमाण है।

धानुक समाज की नई चेतना: अब केवल प्रतीक नहीं, सत्ता में भागीदारी चाहिए
एन. मंडल की आवाज़ में जिस सामाजिक पीड़ा की अभिव्यक्ति है, वह दरअसल बिहार के उपेक्षित ईबीसी समुदाय की दशकों पुरानी पीड़ा है।
“पद नहीं, प्रतिनिधित्व चाहिए”—यह सिर्फ नारा नहीं, बल्कि सत्ता में हिस्सेदारी की स्पष्ट मांग है।
धानुक समाज, जो लंबे समय तक वोट बैंक तो बना, लेकिन सत्ता में हिस्सेदार नहीं बन पाया, अब सजग हो चुका है। यह वर्ग अब नीतियों के निर्माण में भागीदार बनना चाहता है, न कि सिर्फ नीतियों के उपभोक्ता।

2025: क्या बदल जाएगा बिहार का चुनावी समीकरण?
यह लगभग तय माना जा रहा है कि यदि एन. मंडल को कोई प्रमुख राजनीतिक दल प्रत्याशी बनाता है, तो उन्हें न केवल धानुक समाज का बल्कि पूरा ईबीसी वर्ग का सशक्त समर्थन मिल सकता है। यह समर्थन न केवल एक सीट का चुनाव परिणाम प्रभावित कर सकता है, बल्कि राज्यव्यापी ईबीसी ध्रुवीकरण की संभावनाओं को भी जन्म दे सकता है।

यह भी पढ़ें  अभिनेता गोविंदा के साथ हादसा; अपनी रिवॉल्वर से पैर में लगी गोली

और यदि कोई दल चूक करता है—तो यह संभावना भी प्रबल है कि एन. मंडल एक स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में भी राजनीतिक समीकरणों को उलट सकते हैं।

बिहार की राजनीति में एक नई ज़मीन तैयार हो रही है—नाम है: जनसेवक एन. मंडल
बिहार की राजनीति अब केवल जातीय और दलगत समीकरणों पर नहीं टिकेगी, बल्कि प्रामाणिक नेतृत्व, जन सरोकार, और सामाजिक न्याय की मांग नई दिशा तय करेगी।

एन. मंडल उसी बदलाव की आहट हैं।
क्या वे 2025 बिहार विधानसभा के चुनाव में उतरेंगे?
क्या कोई दल उन्हें टिकट देगा या वे स्वतंत्र रास्ता चुनेंगे?
जो भी हो—बिहार की राजनीति में एक नया अध्याय लिखा जाना तय है।

Gaam Ghar Desk

गाम घर डेस्क के साथ भारत और दुनिया भर से नवीनतम ब्रेकिंग न्यूज़ और विकास पर नज़र रखें। राजनीति, एंटरटेनमेंट और नीतियों से लेकर अर्थव्यवस्था और पर्यावरण तक, स्थानीय मुद्दों से लेकर राष्ट्रीय घटनाओं और वैश्विक मामलों तक, हमने आपको कवर किया है। Follow the latest breaking news and developments from India and around the world with 'Gaam Ghar' news desk. From politics , entertainment and policies to the economy and the environment, from local issues to national events and global affairs, we've got you covered.

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button