पटना : पुराने सचिवालय स्थित सामान्य प्रशासन विभाग के सभागार में आज बिहार सरकार के प्रशासनिक सुधारों की दिशा में एक महत्वपूर्ण बैठक का आयोजन किया गया। इस बैठक में मुख्य सचिव श्री अमृत लाल मीणा और सामान्य प्रशासन विभाग के अपर मुख्य सचिव सहित कई वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। बैठक का मुख्य आकर्षण बिहार सचिवालय सेवा संवर्ग के कर्मियों की सिविल लिस्ट का विमोचन और उसका वितरण रहा।
सिविल लिस्ट का विमोचन और महत्व
मुख्य सचिव ने सामान्य प्रशासन विभाग के अपर मुख्य सचिव और उनकी टीम को सिविल लिस्ट के विमोचन की इस उपलब्धि के लिए बधाई दी। उन्होंने इसे सरकारी कार्यों को सुचारू रूप से संचालित करने में अत्यंत महत्वपूर्ण दस्तावेज बताया। सिविल लिस्ट में कर्मियों की शैक्षणिक योग्यता, पता, और सेवा से जुड़ी अन्य जानकारियां समाहित होती हैं। यह सूची प्रशासनिक निर्णय लेने और योजना निर्माण में एक महत्वपूर्ण उपकरण है।
मुख्य सचिव ने यह भी निर्देश दिया कि सिविल लिस्ट को समय-समय पर अद्यतन रखा जाए, ताकि यह प्रशासनिक कार्यप्रणाली को सटीक और प्रभावी बनाने में मदद करे। उन्होंने विभागीय अधिकारियों से इसे सही और त्रुटिहीन बनाए रखने पर विशेष ध्यान देने की अपील की।
डिजिटलीकरण की ओर बढ़ता बिहार
बैठक में बिहार सरकार के ई-ऑफिस प्रणाली को जल्द लागू करने की योजना पर चर्चा हुई। मुख्य सचिव ने इसे सरकारी प्रक्रियाओं में पारदर्शिता, दक्षता और गति सुनिश्चित करने का एक अहम कदम बताया। ई-ऑफिस प्रणाली के तहत सभी फाइलें और दस्तावेज डिजिटल रूप में संरक्षित किए जाएंगे, जिससे कागजी कार्यवाही की आवश्यकता को कम किया जा सकेगा।
इसके अलावा, उन्होंने बताया कि ई-ऑफिस को प्रभावी ढंग से लागू करने के लिए सभी सरकारी कर्मियों का तकनीकी प्रशिक्षण अनिवार्य किया जाएगा। यह प्रशिक्षण उन्हें नई प्रणाली को समझने और उसका उपयोग करने में सक्षम बनाएगा।
बायोमेट्रिक उपस्थिति पर जोर
मुख्य सचिव ने कर्मियों की उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिए बायोमेट्रिक प्रणाली को व्यापक रूप से लागू करने की आवश्यकता पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि यह प्रणाली कार्यस्थल पर अनुशासन और जवाबदेही बढ़ाने में सहायक होगी। बायोमेट्रिक उपस्थिति से न केवल कर्मियों की कार्यक्षमता में सुधार होगा, बल्कि इससे प्रशासनिक व्यवस्था भी सुदृढ़ होगी।
मिशन कर्मयोगी और iGOT प्रशिक्षण
बैठक में मिशन कर्मयोगी के तहत iGOT (इंटीग्रेटेड गवर्नमेंट ऑनलाइन ट्रेनिंग) प्लेटफॉर्म पर प्रशिक्षण प्राप्त करने की आवश्यकता पर भी चर्चा की गई। मुख्य सचिव ने कहा कि यह प्लेटफॉर्म सरकारी कर्मियों के कौशल विकास और क्षमता निर्माण के लिए एक अत्याधुनिक माध्यम है। उन्होंने सभी कर्मियों से इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में भाग लेने और अपनी दक्षता को बढ़ाने का आग्रह किया।
मिशन कर्मयोगी का उद्देश्य सरकारी सेवाओं को नागरिक केंद्रित और प्रभावी बनाना है। iGOT प्लेटफॉर्म के माध्यम से कर्मचारी न केवल नई प्रौद्योगिकियों को सीखेंगे, बल्कि उनकी कार्यक्षमता में भी सुधार होगा।
तकनीकी बदलाव के लिए तैयार बिहार सरकार
मुख्य सचिव ने इस अवसर पर यह भी कहा कि बिहार सरकार डिजिटलीकरण और तकनीकी सुधारों को अपनाने के लिए पूरी तरह से तैयार है। उन्होंने जोर देकर कहा कि प्रशासनिक सुधारों और प्रौद्योगिकी के बेहतर उपयोग से बिहार को नई ऊंचाइयों तक ले जाया जा सकता है। ई-ऑफिस, बायोमेट्रिक उपस्थिति, और तकनीकी प्रशिक्षण जैसी पहलें इसी दिशा में महत्वपूर्ण कदम हैं।
कार्यक्रम में अधिकारियों की उपस्थिति
इस कार्यक्रम में मंत्रिमंडल सचिवालय विभाग और सामान्य प्रशासन विभाग के कई वरिष्ठ अधिकारी और कर्मचारी उपस्थित थे। उपस्थित अधिकारियों ने सिविल लिस्ट और ई-ऑफिस प्रणाली की इस पहल की सराहना की। उन्होंने इसे बिहार सरकार के प्रशासनिक सुधारों में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर बताया।
सिविल लिस्ट का विमोचन, ई-ऑफिस प्रणाली का प्रस्ताव और बायोमेट्रिक उपस्थिति जैसे कदम बिहार सरकार के प्रशासनिक सुधारों की दिशा में बड़े प्रयास हैं। तकनीकी प्रशिक्षण और मिशन कर्मयोगी के माध्यम से कर्मचारियों को अधिक कुशल और प्रभावी बनाया जाएगा। इन पहलों से बिहार में सरकारी सेवाओं की गुणवत्ता और प्रशासनिक कार्यक्षमता में अभूतपूर्व सुधार होने की संभावना है।
देश और दुनिया की तमाम खबरों के लिए हमारा YouTube Channel ‘Gaam Ghar’ को अभी subscribe करें। आप हमें FACEBOOK, INSTAGRAM, X, Whatsapp Channel और Google News पर भी फॉलो कर सकते हैं।