बिहारसमाचार

बिहार;15 अक्टूबर से बालू खनन शुरू, ड्रोन से माफियाओं पर कड़ी नजर

पटना : बिहार में बालू खनन पर सख्त नियंत्रण और पारदर्शिता बनाए रखने के लिए इस साल से ड्रोन के जरिए निगरानी की जाएगी। राज्य में बालू खनन 15 अक्टूबर से शुरू होने जा रहा है, जिसके तहत घाटों की चौहद्दी पर खास नजर रखी जाएगी ताकि अवैध खनन की घटनाओं को रोका जा सके। उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा, जो खान एवं भूतत्व विभाग के मंत्री भी हैं, ने बुधवार को बरसात बाद खनन की समीक्षा बैठक में यह निर्देश दिए। इसके साथ ही, बालू माफियाओं पर कड़ी कार्रवाई की योजना बनाई गई है।

ड्रोन से निगरानी की तैयारी
15 अक्टूबर से बालू घाटों की निगरानी ड्रोन के माध्यम से की जाएगी। ड्रोन की सहायता से घाटों की सीमाओं पर नजर रखी जाएगी ताकि अवैध खनन की जानकारी तुरंत मिल सके। सरकार ने इस व्यवस्था को अवैध खनन पर सख्त नियंत्रण के लिए लागू किया है। साथ ही, खनन की प्रक्रिया में पारदर्शिता लाने के लिए प्रत्येक जिले और बालू घाटों पर बैनर लगाए जाएंगे। जिन घाटों की बंदोबस्ती नहीं की गई है, वहां सरकारी बैनर लगाकर स्पष्ट किया जाएगा कि अवैध खनन की अनुमति नहीं है।

उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा ने स्पष्ट किया कि अगर किसी घाट पर अवैध खनन होता है, तो संबंधित अधिकारियों और बगल के बंदोबस्तधारियों को इसका उत्तरदायी ठहराया जाएगा। इस संबंध में अगर कोई व्यक्ति अवैध खनन की सूचना देता है, तो उसकी पहचान गुप्त रखी जाएगी और उसे सम्मानित भी किया जाएगा।

यह भी पढ़ें  सिने संसार के सुपरिचित चेहरा हैं समस्तीपुर निवासी फिल्मकार एन मंडल

सेकेंडरी लोडिंग को लाइसेंस में बदलने की योजना
समीक्षा बैठक के दौरान यह भी बताया गया कि कुछ लोगों द्वारा सेकेंडरी लोडिंग का सही लेखा-जोखा नहीं रखा जा रहा है। इसे ध्यान में रखते हुए, सरकार अब सेकेंडरी लोडिंग को को-लाइसेंस में तब्दील करने की योजना बना रही है, जिससे खनन कार्यों में और अधिक पारदर्शिता लाई जा सके। यह बदलाव बालू खनन को अधिक सुव्यवस्थित और नियमबद्ध बनाने के उद्देश्य से किया जा रहा है।

यह भी पढ़ें  ताइक्वांडो खिलाड़ियों को राज्य स्तरीय प्रतियोगिता के लिए किया गया चयन

अवैध खनन पर पुलिस निरीक्षक होंगे जिम्मेदार
अवैध खनन पर शिकंजा कसने के लिए सरकार ने संबंधित थानों के पुलिस निरीक्षकों को भी जिम्मेदारी सौंपी है। यदि किसी क्षेत्र में अवैध खनन की जानकारी मिलती है, तो स्थानीय पुलिस निरीक्षक को इसके लिए जिम्मेदार ठहराया जाएगा। इसके अलावा, बगल के बंदोबस्तधारियों को भी नोटिस जारी किया जाएगा, यदि उन्होंने अवैध खनन की सूचना नहीं दी है।

राजस्व में 80% वृद्धि
उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा ने बताया कि बालू खनन से राज्य के राजस्व में इस साल भारी वृद्धि दर्ज की गई है। पिछले साल की तुलना में इस बार 80 प्रतिशत अधिक राजस्व प्राप्त हुआ है। सितंबर 2022 में जहां 575 करोड़ रुपये का राजस्व मिला था, वहीं इस साल सितंबर में यह बढ़कर 1034 करोड़ रुपये हो गया है। यह आंकड़े इस बात का प्रमाण हैं कि सरकार द्वारा खनन क्षेत्र में लाई गई पारदर्शिता और सख्त नियमों का सकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है।

यह भी पढ़ें  VIP को BJP की दो टूक चेतावनी

बिहार में 15 अक्टूबर से शुरू हो रहे बालू खनन को लेकर राज्य सरकार ने सख्त नियमों और निगरानी की नई व्यवस्था लागू की है। ड्रोन से घाटों की चौहद्दी की निगरानी, सेकेंडरी लोडिंग को लाइसेंस में बदलने की योजना, और पुलिस निरीक्षकों को अवैध खनन पर जवाबदेह बनाने जैसे कदम इस बात का संकेत हैं कि सरकार अवैध खनन पर सख्त कार्रवाई के लिए पूरी तरह तैयार है। बालू खनन से मिलने वाले राजस्व में भारी वृद्धि भी इन सख्त उपायों का एक सकारात्मक परिणाम है। अब देखना होगा कि यह नई व्यवस्था माफियाओं पर कितना प्रभाव डालती है और खनन कार्यों में कितनी पारदर्शिता लाती है।

Gaam Ghar News Desk

गाम घर न्यूज़ डेस्क के साथ भारत और दुनिया भर से नवीनतम ब्रेकिंग न्यूज़ और विकास पर नज़र रखें। राजनीति, एंटरटेनमेंट और नीतियों से लेकर अर्थव्यवस्था और पर्यावरण तक, स्थानीय मुद्दों से लेकर राष्ट्रीय घटनाओं और वैश्विक मामलों तक, हमने आपको कवर किया है। Follow the latest breaking news and developments from India and around the world with Gaam Ghar' newsdesk. From politics , entertainment and policies to the economy and the environment, from local issues to national events and global affairs, we've got you covered.

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button