Digitalअंतर्राष्ट्रीय समाचारसमाचार

“बांग्लादेश: शेख हसीना को फांसी, पूर्व मंत्री बोले—यह 1971 की साजिश”

बांग्लादेश की पूर्व पीएम शेख हसीना को मौ'त की सजा — भारत में शरण लेने के बाद राजनीतिक भूकंप

ढाका : बांग्लादेश की राजनीति में सोमवार को बड़ा झटका लगा, जब अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण (ICT-BD) ने पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना और उनके गृहमंत्री रहे असदुज्जमां खान कमाल को मानवता के खिलाफ अपराध में दोषी करार देते हुए फांसी की सज़ा सुनाई। यह मुकदमा हसीना की गैर-मौजूदगी में चलाया गया, क्योंकि वे पिछले वर्ष हुए छात्र-नेतृत्व वाले विद्रोह के दौरान स्थिति बेकाबू होने पर भारत में शरण लेकर आई थीं

हालाँकि अदालत का यह फैसला आने के तुरंत बाद ही बांग्लादेश में भारी राजनीतिक हलचल मच गई। हसीना और उनके सहयोगियों पर लगाए गए आरोपों को पूर्व गृहमंत्री असदुज्जमां खान कमाल ने “पूरी तरह राजनीतिक प्रतिशोध”, “फर्जी साक्ष्यों पर आधारित” और “1971 के मुक्ति संग्राम की घटनाओं का बदला” बताया है।

“यह 1971 का बदला लेने की साजिश है”—असदुज्जमां खान कमाल

सीएनएन-न्यूज़18 से बातचीत में कमाल ने बेहद तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा:

“सब कुछ फर्जी है। यह 1971 में हुई घटनाओं का बदला लेने के लिए रची गई एक राजनीतिक साजिश है। अदालत की कार्यवाही न तो पारदर्शी थी और न ही विश्वसनीय।”

उन्होंने दावा किया कि मुख्य न्यायाधीश ने पिछले 15 दिनों में अदालत में उपस्थिति नहीं दी, लेकिन स्वयं ही यह फैसला तैयार किया। कमाल के अनुसार, यह पूरा ट्रायल “पूर्वनिर्धारित नतीजे” देने के उद्देश्य से डिजाइन किया गया था।

यह भी पढ़ें  महावीर लाल अवध बिहारी प्रसाद चित्रांश वेलफ़ेयर ट्रस्ट का द्वितीय स्थापना दिवस समारोह

डिजिटल सबूतों को बताया अविश्वसनीय

पूर्व गृहमंत्री ने मामले में इस्तेमाल किए गए सबूतों पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा:

“डिजिटल सामग्री AI से बदली जा सकती है। कोई भौतिक सबूत नहीं है। ऐसे डिजिटल सबूतों के आधार पर किसी को मौत की सजा देना कानून और न्याय के खिलाफ है।”

कमाल का कहना है कि यह पूरा केस “सुनियोजित राजनीतिक रणनीति” का हिस्सा है और इसका लक्ष्य पिछली सरकार के नेतृत्व को पूरी तरह समाप्त करना है।

यह भी पढ़ें  Nawazuddin Siddiqui : ''मैंने कभी नहीं सोचा था कि मैं ये सब कर पाऊंगा''

हसीना ने भी फैसले को बताया ‘फर्जी’, भारत से लौटने से इनकार

फैसले से पहले जारी एक बयान में शेख हसीना ने कहा था कि आरोप “पूरी तरह झूठे और राजनीतिक रूप से प्रेरित” हैं। उन्होंने साफ कहा—

यह भी पढ़ें  मकर संक्रांति पर पटना प्रशासन सतर्क, 29 घाटों पर 50 अधिकारियों की तैनाती

“मैं ऐसे फैसलों से नहीं डरती। पर भारत से लौटकर इस राजनीतिक नाटक का हिस्सा नहीं बनूंगी।”

हसीना ने अगस्त 2024 में छात्र-आंदोलन में हिंसा बढ़ने और पुलिस फायरिंग के आरोपों के बाद ढाका छोड़ दिया था। विद्रोह में लगभग 1,400 लोगों की मौत हुई थी, जिसके आधार पर उन्हें “मानवता के विरुद्ध अपराध” का आरोपी बनाया गया।

बांग्लादेश में तनाव, सरकार अलर्ट पर

फैसले के बाद ढाका सहित कई शहरों में तनाव बढ़ गया है और सुरक्षा बलों को हाई अलर्ट पर रखा गया है। अंतरिम प्रधानमंत्री यूनुस की सरकार पर विपक्ष पहले से ही “राजनीतिक बदले” का आरोप लगाती रही है, जिसे इस फैसले ने और हवा दे दी है।

Gaam Ghar Desk

गाम घर डेस्क के साथ भारत और दुनिया भर से नवीनतम ब्रेकिंग न्यूज़ और विकास पर नज़र रखें। राजनीति, एंटरटेनमेंट और नीतियों से लेकर अर्थव्यवस्था और पर्यावरण तक, स्थानीय मुद्दों से लेकर राष्ट्रीय घटनाओं और वैश्विक मामलों तक, हमने आपको कवर किया है। Follow the latest breaking news and developments from India and around the world with 'Gaam Ghar' news desk. From politics , entertainment and policies to the economy and the environment, from local issues to national events and global affairs, we've got you covered.

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button