धर्म-कर्मसमाचार

दुर्लभ योगों में अक्षय तृतीया, जानिए तिथि, महत्व शुभ मुहूर्त

दुर्लभ योगों में अक्षय तृतीया, जानिए तिथि, महत्व और खरीदारी का शुभ मुहूर्त

धर्म कर्म: हिन्दू धर्म में “अक्षय तृतीया” (Akshaya Tritiya) का दिन बहुत ही शुभ एवं महत्वपूर्ण माना जाता है l वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया को “अक्षय तृतीया” कहते हैं l यह दिन अत्यंत शुभ होता है, क्योंकि इस दिन अबूझ मुहूर्त होने के कारण हर तरह के शुभ कार्य या नया कार्य कर सकते हैं l इस वर्ष, मुंबई पंडित रोहित झा के अनुसार, इस साल “अक्षय तृतीया” 10 मई दिन शुक्रवार को पड़ रही है l ऐसी मान्यता है कि “अक्षय तृतीया” के दिन दान – पुण्य करने से तथा धार्मिक – अनुष्ठान करने से दोगुना फल की प्राप्ति होती है l

हमारे व्हाट्सएप चैनल को फॉलो करने के लिए यहां क्लिक करें
धार्मिक मान्यता है कि अक्षय तृतीया के दिन जुटाए गए भौतिक संसाधन हमारे जीवन में हमेशा बने रहते है । इसलिए “अक्षय तृतीया” के दिन लोग नए काम की शुरुआत करने के साथ ही सोना, चांदी और अन्य बहुमूल्य वस्तुओं की खरीदारी करते हैं l माना जाता है कि इस दिन खरीदा गया सोना पीढ़ियों के साथ बढ़ता जाता है तथा सुख – समृद्धि की अपार वृद्धि होती है एवं घर – परिवार में सदैव खुशहाली बनी रहती है l “अक्षय तृतीया” के दिन किसी भी कार्य की शुरुआत की जाती है तो उस कार्य में सफलता अवश्य प्राप्त होती है l

पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, सतयुग और त्रेतायुग का आरंभ “अक्षय तृतीया” से हुआ था, भगवान् परशुराम का जन्म “अक्षय तृतीया” को हुआ था, भगवान् नर – नारायण का अवतार अक्षय तृतीया को हुआ था, भगवान् गणेश महाभारत – काव्य लिखना इसी शुभ तिथि से किया था, “अक्षय तृतीया” से ही बद्रीनाथ धाम के कपाट खुलते हैं, केवल इसी दिन वृन्दावन में भगवान् बांके बिहारी जी के श्रीचरणों के दर्शन होते हैं तथा “अक्षय तृतीया” को ही भगवान् विष्णु के चरणों से माॅं गंगा धरती पर अवतरित हुई थी l “अक्षय तृतीया” को सूर्य और चंद्रमा दोनों ही अपनी उच्च राशि में स्थित होते हैं और शुभ परिणाम देते हैं ! इन दोनों की सम्मिलित कृपा का फल अक्षय होता है l

यह भी पढ़ें  सलखुआ प्रखंड में नए सुलिश गेट निर्माण स्थल का सांसद ने किया निरीक्षण

धार्मिक मान्यता है कि “अक्षय तृतीया” के दिन सूर्य की किरणें बहुत तेज होती है इसलिए “अक्षय तृतीया” के दिन सूर्य देव की पूजा करना शुभ होता है l मिथिला परंपरा में एक दूसरे को शर्बत पिलाते हैं और ब्राह्मणों को दक्षिणा देते हैं l इस दिन पवित्र नदियों में स्नान करके अक्षत, पुष्प, धूप-दीप और नैवेद्य से सूर्य देव की पूजा की जाती है तथा भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा का भी विधान है । मान्यताओं के अनुसार अक्षय तृतीया पर गंगा नदी में स्नान करने से भक्त को सभी पापों से मुक्ति मिलती है। इस दिन पितृ – संबंधित कार्य करने से पितरों का आर्शीवाद प्राप्त होता है l

यह भी पढ़ें  नीतीश कैबिनेट के मंत्रियों का विभाग बंटा देखिए सूची

इस दिन पेड़़ – पौधे लगाने का भी विशेष महत्व होता है l इससे न केवल मनुष्य के ग्रहों की शांति होती है बल्कि वह प्रकृति की सेवा का भागीदार भी बनता है l

अगर आप और कुछ आचार्य श्री वैदिक पंडित रोहित झा से जानना चाहते है तो इनसे संपर्क कर सकते है इनका सम्पर्क सूत्र – 9930105085 हैं l

यह भी पढ़ें  इन्फ्लुएंसर बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स विजेता फिल्म निर्देशक एन मंडल

Gaam Ghar News Desk

गाम घर न्यूज़ डेस्क के साथ भारत और दुनिया भर से नवीनतम ब्रेकिंग न्यूज़ और विकास पर नज़र रखें। राजनीति, एंटरटेनमेंट और नीतियों से लेकर अर्थव्यवस्था और पर्यावरण तक, स्थानीय मुद्दों से लेकर राष्ट्रीय घटनाओं और वैश्विक मामलों तक, हमने आपको कवर किया है। Follow the latest breaking news and developments from India and around the world with Gaam Ghar' newsdesk. From politics , entertainment and policies to the economy and the environment, from local issues to national events and global affairs, we've got you covered.

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button