समस्तीपुर : विभूतिपुर प्रखंड के दाहु चौक स्थित आरडी कॉम्प्लेक्स में संचालित राष्ट्रीय शिक्षा रत्न-गोल्ड मेडल से सम्मानित एवं सीबीएसई, नई दिल्ली से मान्यता प्राप्त सेंट जेवियर्स पब्लिक स्कूल +2 में शनिवार को बाल दिवस के उपलक्ष्य में “बेटी पढ़ाओ, बेटी बचाओ” विषय पर शानदार एवं भव्य सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ विद्यालय के प्रबंधक सह निदेशक विजय कुमार चौधरी, ममता कुमारी, प्राचार्य उज्ज्वल कुमार गौतम एवं उप प्राचार्य श्याम नंद झा द्वारा संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर किया गया।
उद्घाटन के पश्चात उपस्थित छात्र-छात्राओं, अभिभावकों और अतिथियों को संबोधित करते हुए प्रबंधक सह निदेशक विजय कुमार चौधरी ने कहा कि आज के युग में बेटियों की शिक्षा हर परिवार और समाज के लिए अनिवार्य है। उन्होंने कहा कि “बेटे और बेटी में कोई भेदभाव नहीं होना चाहिए। आज बेटियां हर क्षेत्र में बेटों से आगे बढ़कर अपना नाम रोशन कर रही हैं। समाज तभी प्रगतिशील बन सकता है जब बेटियों को पढ़ने, बढ़ने और अपने सपनों को पूरा करने का समान अवसर मिले।”
कार्यक्रम के सांस्कृतिक मंच पर छात्राओं ने मनमोहक प्रस्तुतियां दीं। छात्रा साक्षी के नेतृत्व में “शुभ दिन आयो रे” समूह प्रस्तुति ने कार्यक्रम को ऊर्जा से भर दिया। सोमिनल और स्वाति के समूह द्वारा “बेटी पढ़ाओ” विषय पर प्रस्तुत नृत्य ने समाजिक संदेश दिया। खुशी और स्वस्तिक के समूह ने “वर्दी वाली दुल्हन” के जरिए महिला सशक्तिकरण की भावना को सुंदर रूप में प्रस्तुत किया। वहीं आकांक्षा कुमारी की समूह प्रस्तुति “सारी दुनिया हम बेटियों की” ने दर्शकों को भावविभोर कर दिया। अनिला की टॉक-टू-टॉक प्रस्तुति ने अभिभावकों और विद्यार्थियों को खूब प्रभावित किया।
कार्यक्रम के दौरान विद्यालय प्रबंधन ने मीडिया की भूमिका की सराहना करते हुए विभिन्न प्रतिष्ठित समाचार संस्थानों से आए पत्रकारों को मिथिला की परंपरा के अनुसार चादर, माला, डायरी और कलम देकर सम्मानित किया। सम्मानित पत्रकारों में प्रभात खबर के वरिष्ठ पत्रकार प्रभु नारायण झा, हिंदुस्तान के मनोरंजन प्रसाद मिश्रा, दैनिक भास्कर के अशोक कुमार, टूडे खबर के सौरभ चौधरी, गाम घर के मोहन कुमार, जन दस्तक के अभिषेक कुमार, और मानव सेवा न्यूज के शिवम पराशर शामिल थे।
कार्यक्रम में विद्यालय के सभी शिक्षक एवं शिक्षकेतर कर्मियों की सक्रिय उपस्थिति और सहयोग से कार्यक्रम बेहद सफल रहा। बाल दिवस के इस विशेष आयोजन ने न केवल बच्चों में उत्साह जगाया, बल्कि बेटियों के सम्मान और शिक्षा के महत्व का मजबूत संदेश भी दिया।




