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NIA रेड के बावजूद JDU ने मनोरमा देवी को बेलागंज से उम्मीदवार बनाया

बिहार उपचुनाव: एनआईए रेड के बाद भी जदयू ने मनोरमा देवी पर जताया भरोसा, बेलागंज से उम्मीदवार घोषित

Patna : बिहार की चार विधानसभा सीटों पर 13 नवंबर को होने वाले उपचुनाव के लिए राजनीतिक सरगर्मी तेज हो गई है। गया जिले की बेलागंज और इमामगंज सीटों पर उपचुनाव को लेकर चर्चा खास है। बेलागंज सीट पर जदयू ने पूर्व एमएलसी मनोरमा देवी को अपना उम्मीदवार घोषित किया है। यह वही मनोरमा देवी हैं, जिनके घर हाल ही में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने छापेमारी की थी। इस छापेमारी में जांच एजेंसी को तीन करोड़ रुपये कैश और कुछ हथियार बरामद हुए थे। इस घटना ने पूरे बिहार में राजनीतिक हलचल मचा दी थी।

जदयू के इस फैसले ने राजनीतिक गलियारों में नई चर्चाओं को जन्म दे दिया है। कुछ लोगों का मानना है कि एनआईए की कार्रवाई के बाद जदयू को मनोरमा देवी को टिकट नहीं देना चाहिए था, जबकि पार्टी ने इस विवाद को दरकिनार कर उन्हें बेलागंज से अपना उम्मीदवार बना दिया। जदयू के जिलाध्यक्ष द्वारिक प्रसाद ने घोषणा की है कि 23 अक्टूबर को एनडीए के वरिष्ठ नेता बेलागंज विधानसभा में जनसभा को संबोधित करेंगे, और 24 अक्टूबर को मनोरमा देवी नामांकन पत्र दाखिल करेंगी।

मनोरमा देवी ने इससे पहले 2020 के बिहार विधानसभा चुनाव में जदयू के टिकट पर अतरी विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ा था, लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। इसके बावजूद, पार्टी ने एक बार फिर उन पर भरोसा जताते हुए उन्हें बेलागंज विधानसभा उपचुनाव में मैदान में उतारा है। पार्टी का मानना है कि उनके अनुभव और क्षेत्र में उनकी पहचान से जदयू को फायदा होगा।

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बेलागंज विधानसभा क्षेत्र में मनोरमा देवी का मुख्य मुकाबला आरजेडी के युवा नेता विश्वनाथ यादव से माना जा रहा है, जो जहानाबाद के सांसद डॉ. सुरेंद्र प्रसाद यादव के पुत्र हैं। विश्वनाथ यादव ने बेलागंज में अपनी जमीनी पकड़ मजबूत करने के लिए पिछले कई महीनों से क्षेत्र में प्रचार-प्रसार में जुटे हुए हैं। दोनों के बीच कड़ी टक्कर की उम्मीद है, जिससे चुनावी मैदान में रोमांच बढ़ गया है।

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मनोरमा देवी के बेटे रॉकी यादव भी पिछले तीन महीनों से बेलागंज क्षेत्र में लगातार सक्रिय रहे हैं और लोगों के बीच अपनी उपस्थिति दर्ज करवा रहे हैं। रॉकी यादव ने अपनी मां के समर्थन में क्षेत्र के मतदाताओं से संवाद कर चुनावी माहौल तैयार करने की कोशिश की है।

बेलागंज विधानसभा उपचुनाव को लेकर जनता के बीच चर्चाओं का बाजार गर्म है। जहां एक ओर एनआईए की कार्रवाई के बाद मनोरमा देवी की उम्मीदवारी पर सवाल उठ रहे हैं, वहीं दूसरी ओर जदयू ने इस फैसले से यह संदेश देने की कोशिश की है कि पार्टी का पूरा भरोसा मनोरमा देवी पर है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि 13 नवंबर को होने वाले मतदान में जनता किसे अपना प्रतिनिधि चुनती है।

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बेलागंज के अलावा इमामगंज, रामगढ़ और तरारी में भी उपचुनाव हो रहे हैं, जिनके नतीजे 23 नवंबर को घोषित किए जाएंगे। इन उपचुनावों को बिहार की आगामी राजनीतिक दिशा तय करने में अहम माना जा रहा है, क्योंकि यह नतीजे 2025 में होने वाले विधानसभा चुनावों के लिए भी संकेत दे सकते हैं।

Gaam Ghar News Desk

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