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दिल्ली बस: 2012 की घटना पर फिल्म, 6 साल बाद सेंसर बोर्ड से मंजूरी

दिल्ली बस: 2012 की दिल दहला देने वाली घटना पर आधारित फिल्म, सेंसर बोर्ड से मिली मंजूरी

मुंबई : 16 दिसंबर 2012 को दिल्ली में हुई एक दर्दनाक घटना ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया था। चलती बस में एक लड़की के साथ हुए बर्बर अपराध ने समाज को शर्मसार कर दिया था। इसी घटना को केंद्र में रखकर बनाई गई फिल्म दिल्ली बस को सेंसर बोर्ड ने आखिरकार 6 साल बाद सर्टिफिकेट दे दिया है।

हाल ही में फिल्म का ट्रेलर लॉन्च किया गया। 1 मिनट 43 सेकेंड के इस ट्रेलर ने 2012 की घटना की यादें ताजा कर दीं। ट्रेलर में दिखाया गया है कि रात के समय एक कपल की बाइक दिल्ली की सड़क पर खराब हो जाती है। वह एक ऑटो रिक्शा लेने की कोशिश करते हैं, लेकिन रिक्शा चालक ठंड का बहाना बनाकर मना कर देता है। इसी दौरान एक बस उन्हें लिफ्ट देती है, जिसमें पहले से ही 6 लोग सवार होते हैं। लड़की को देखकर वे बेकाबू हो जाते हैं और बस में वह वीभत्स अपराध होता है, जिसने पूरे देश को हिला कर रख दिया था।

फिल्म के डायरेक्टर शरीक मिन्हाज ने कहा, “यह फिल्म उस बहादुर लड़की को श्रद्धांजलि है, जिसे पूरा देश निर्भया के नाम से जानता है। उसने अपनी जिंदगी और सम्मान के लिए आखिरी सांस तक लड़ाई लड़ी। इस फिल्म के जरिए हम महिलाओं के खिलाफ हो रहे अत्याचारों को उजागर करना और समाज में बदलाव लाना चाहते हैं।”

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फिल्म में प्रमुख भूमिकाएं शाहिद कपूर की मां नीलिमा आजमी, ताहिर कमाल खान, अंजन श्रीवास्तव, आज़ाद हुसैन, दिव्या सिंह, जावेद हैदर, शीश खान और विक्की आहूजा ने निभाई हैं।

सेंसर बोर्ड से मंजूरी के लिए लंबा संघर्ष
फिल्म के एक्टर ताहिर कमाल खान ने बताया कि दिल्ली बस की सच्चाई को पर्दे पर लाने में कई चुनौतियां आईं। उन्होंने कहा, “फिल्म के कुछ दृश्यों पर सेंसर बोर्ड को आपत्ति थी। हमें इन आपत्तियों को दूर करने और फिल्म को मंजूरी दिलाने के लिए 6 साल लंबा संघर्ष करना पड़ा। अब, जब फिल्म को सर्टिफिकेट मिल चुका है, हमें उम्मीद है कि यह समाज में जागरूकता लाने में सफल होगी।”

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निर्माण और रिलीज
फिल्म का निर्देशन शरीक मिन्हाज ने किया है और निर्माता विपुल शाह हैं। सह-निर्माता तारिक खान और प्रचारक संजय भूषण पटियाला हैं। फिल्म 29 नवंबर 2024 को सिनेमाघरों में रिलीज होने जा रही है।

समाज में बदलाव लाने का उद्देश्य
डायरेक्टर मिन्हाज ने कहा कि यह फिल्म केवल एक घटना को दोबारा दिखाने के लिए नहीं, बल्कि महिलाओं के प्रति समाज के नजरिए को बदलने और उनके साथ होने वाले अत्याचारों को रोकने के उद्देश्य से बनाई गई है। उन्होंने कहा, “निर्भया की कहानी ने हमें झकझोर दिया था। हम चाहते हैं कि यह फिल्म न केवल घटना की सच्चाई बताए, बल्कि समाज में बदलाव लाने का माध्यम बने।”

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समर्पण और संदेश
फिल्म में न केवल निर्भया को श्रद्धांजलि दी गई है, बल्कि यह महिलाओं के खिलाफ हो रहे अपराधों को उजागर करने और उन्हें रोकने के लिए समाज से एकजुट होकर कदम उठाने का आह्वान करती है। *दिल्ली बस* न केवल एक फिल्म है, बल्कि समाज में बदलाव की ओर एक सशक्त संदेश है।

Abhishek Anand

Abhishek Anand, Working with Gaam Ghar News as a author. Abhishek is an all rounder, he can write articles on any beat whether it is entertainment, business, politics and sports, he can deal with it.

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