उपचुनाव: बिहार के भोजपुर जिले की तरारी ”Tarari” विधानसभा सीट पर पहली बार भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने जीत दर्ज की है। उपचुनाव में बीजेपी के उम्मीदवार विशाल प्रशांत ने लेफ्ट पार्टी सीपीआई माले के राजू यादव को 10,612 वोटों के अंतर से हराकर इतिहास रच दिया। यह जीत बीजेपी के लिए महत्वपूर्ण मानी जा रही है, क्योंकि तरारी सीट पर अब तक माले का दबदबा रहा है।
डॉक्टर डॉन के बेटे ने बढ़ाया परिवार का रुतबा
विशाल प्रशांत, बाहुबली नेता और चार बार विधायक रह चुके सुनील पांडे उर्फ नरेंद्र पांडे के बेटे हैं। सुनील पांडे की पहचान बिहार की राजनीति में एक प्रभावशाली नेता और बाहुबली के रूप में रही है। उन्हें डॉक्टर डॉन के नाम से भी जाना जाता है। 2020 के विधानसभा चुनाव में निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर तरारी से दूसरा स्थान हासिल करने के बाद उन्होंने पशुपति पारस की रालोजपा का दामन थामा था।
हालांकि, 2024 के उपचुनाव से पहले पिता-पुत्र बीजेपी में शामिल हो गए। बीजेपी ने विशाल प्रशांत को पहली बार चुनावी मैदान में उतारा। विशाल ने अपने पिता की राजनीतिक विरासत को बरकरार रखते हुए तरारी में पहली बार बीजेपी का कमल खिला दिया।
सीपीआई माले का दबदबा टूटा
तरारी विधानसभा सीट पर पिछले दो चुनावों से सीपीआई माले का कब्जा रहा है। माले के सुदामा प्रसाद ने यहां से जीत दर्ज की थी और हाल ही में आरा लोकसभा सीट से सांसद बने। उनके इस्तीफे के बाद इस सीट पर उपचुनाव हुआ। माले ने इस बार राजू यादव को टिकट दिया, लेकिन वे बीजेपी के विशाल प्रशांत के आगे टिक नहीं सके।
बीजेपी की चुनावी रणनीति सफल
तरारी उपचुनाव में बीजेपी की जीत पार्टी की सफल रणनीति का परिणाम मानी जा रही है। विशाल प्रशांत को टिकट देकर बीजेपी ने तरारी के सामाजिक समीकरणों और सुनील पांडे की मजबूत पकड़ का लाभ उठाया। चुनावी मैदान में पहली बार उतरे विशाल ने अपने समर्थकों को संगठित रखते हुए विरोधियों को पीछे छोड़ दिया।
माले के लिए झटका
तरारी में माले की हार महागठबंधन के लिए एक बड़ा झटका है। राजू यादव इस सीट पर जीत की उम्मीद कर रहे थे, लेकिन बीजेपी की आक्रामक रणनीति और बाहुबली सुनील पांडे की साख ने उनके प्रयासों को नाकाम कर दिया।
तरारी में बीजेपी की यह जीत न सिर्फ पार्टी के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि यह बिहार के राजनीतिक परिदृश्य में एनडीए के बढ़ते प्रभाव का भी संकेत देती है।