पटना : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज 1, अणे मार्ग स्थित ‘संकल्प’ से ग्रामीण विकास विभाग के तहत राज्य भर के 5671 ग्राम पंचायतों में 6659 खेल मैदानों के निर्माण कार्य का रिमोट के माध्यम से शुभारंभ किया। इस आयोजन में मुख्यमंत्री के साथ उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी, उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा, ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार और राज्य के कई वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे।
यह योजना राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में खेल को बढ़ावा देने, युवाओं को खेल के अवसर प्रदान करने और खेल की आधारभूत संरचनाओं को मजबूत बनाने के लिए लागू की जा रही है। ग्रामीण विकास विभाग ने मनरेगा योजना के तहत राज्य के सभी 38 जिलों के 533 प्रखंडों में 5671 ग्राम पंचायतों में खेल मैदानों के निर्माण को मंजूरी दी है, जिन पर कुल 63,827.35 लाख रुपये खर्च किए जाएंगे।
कार्यक्रम के दौरान ग्रामीण विकास विभाग के सचिव लोकेश कुमार सिंह ने इस महत्वाकांक्षी परियोजना के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इस खेल मैदान निर्माण योजना के तहत ग्रामीण युवाओं को खेल के प्रति जागरूक करने और उत्साहवर्धन करने के साथ-साथ रोजगार के भी अवसर मिलेंगे। अनुमानित रूप से इस परियोजना में करीब 41 लाख मानव दिवस का सृजन होगा, जिससे ग्रामीण क्षेत्र के मजदूरों को रोजगार मिलेगा।
खेल मैदानों के प्रकार और सुविधाएं:
यह खेल मैदान तीन प्रकार के होंगे, जो भूमि की उपलब्धता के आधार पर निर्धारित किए गए हैं:
1. बड़े आकार के खेल मैदान: इनका क्षेत्रफल 4 एकड़ तक होगा, और इनमें क्रिकेट, फुटबॉल, बास्केटबॉल, वॉलीबॉल, रनिंग ट्रैक, बैडमिंटन, ऊंची कूद, लंबी कूद, कबड्डी और खो-खो जैसी खेल सुविधाएं स्थानीय जरूरतों के अनुसार विकसित की जाएंगी।
2. मध्यम आकार के खेल मैदान: इनका क्षेत्रफल 1 से 1.5 एकड़ तक होगा, और इनमें क्रिकेट, फुटबॉल, बास्केटबॉल, वॉलीबॉल, रनिंग ट्रैक, बैडमिंटन, ऊंची कूद और लंबी कूद की सुविधाएं होंगी।
3. छोटे आकार के खेल मैदान: इनका क्षेत्रफल 1 एकड़ से कम होगा, और इनमें बास्केटबॉल, वॉलीबॉल, रनिंग ट्रैक और बैडमिंटन जैसी सुविधाएं दी जाएंगी।
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर एक हरित पौधा भेंट कर ग्रामीण विकास विभाग के सचिव लोकेश कुमार सिंह का स्वागत किया। साथ ही, उन्होंने इस योजना को ग्रामीण क्षेत्रों में खेल के प्रति जागरूकता बढ़ाने और युवाओं में स्वस्थ प्रतिस्पर्धा को प्रोत्साहित करने का महत्वपूर्ण कदम बताया।
मुख्यमंत्री ने क्या कहा:
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपने संबोधन में कहा कि यह योजना राज्य में ग्रामीण युवाओं को खेल कूद के अवसर उपलब्ध कराने और उनके शारीरिक और मानसिक विकास के लिए एक बड़ी पहल है। खेल मैदानों के निर्माण से न केवल युवाओं का मनोबल बढ़ेगा, बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों में खेल का माहौल भी बनेगा। इससे स्थानीय समुदाय में एकजुटता और सहयोग का माहौल भी बनेगा।
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि खेल की सुविधाएं विकसित होने से युवा अपनी खेल प्रतिभाओं को निखार सकेंगे और विभिन्न खेल प्रतियोगिताओं में भाग लेकर अपने क्षेत्र का नाम रोशन करेंगे। इस पहल से राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में खेलों का स्तर भी बढ़ेगा और राज्य को खेल के क्षेत्र में नए आयाम मिलेंगे।
कार्यक्रम में उपस्थित अन्य महत्वपूर्ण व्यक्ति:
इस कार्यक्रम में उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी, उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा, ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव दीपक कुमार, मुख्य सचिव अमृतलाल मीणा, विकास आयुक्त प्रत्यय अमृत, और राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार सिंह समेत कई अन्य वरीय अधिकारी भी उपस्थित थे।
इसके अलावा, वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सभी जिलों के जिलाधिकारी और पंचायत जनप्रतिनिधि इस महत्वपूर्ण आयोजन से जुड़े थे। पंचायतों के युवा भी वेब कास्टिंग के माध्यम से कार्यक्रम में शामिल हुए और उन्होंने इसका सीधा प्रसारण देखा।
यह योजना है बदलाव की दिशा में एक और कदम:
ग्रामीण क्षेत्रों में खेल के मैदानों का निर्माण, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सरकार की उस नीति का हिस्सा है, जिसमें ग्रामीण युवाओं के लिए रोजगार, विकास और सामाजिक समावेश को बढ़ावा दिया जा रहा है। इस पहल से न केवल ग्रामीण क्षेत्रों में शारीरिक शिक्षा को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि यह ग्रामीण विकास के दृष्टिकोण को भी मजबूत करेगा।
इस कदम से राज्य के गांवों में खेलकूद के अवसर और सुविधाएं उपलब्ध होंगी, जिससे पूरे बिहार में खेल का माहौल बनेगा और युवा अपनी छिपी हुई खेल प्रतिभा को आगे बढ़ा सकेंगे।
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