खीरी, प्रयागराज : ग्राम ढेरहन में मंगलवार को एक ऐतिहासिक और प्रेरणादायक पहल की शुरुआत हुई, जब भूषण फैमिली फाउंडेशन (Bhushan Family Foundation) का भव्य उद्घाटन समारोह आयोजित किया गया। फाउंडेशन के संस्थापक संजय भूषण ने स्वयं रिबन काटकर इस सामाजिक संगठन की औपचारिक शुरुआत की। इस अवसर पर ग्राम प्रधान अनिल कुमार, तथा स्थानीय निवासी अजय कुशवाहा, चंद्र भूषण, बिभा कुमारी, नीरज गुप्ता, रेशमा सिंह, अनीता सिंह और अयोध्या प्रसाद सहित बड़ी संख्या में ग्रामीण मौजूद रहे।
महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने का संकल्प
उद्घाटन समारोह में संजय भूषण ने कहा कि फाउंडेशन का पहला लक्ष्य गांव की महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाना है।
उन्होंने घोषणा की—
“ढेरहन के हर घर की महिलाओं को मुफ्त में सिलाई-कटाई सिखाई जाएगी। यह सिर्फ एक प्रशिक्षण नहीं, बल्कि आत्मनिर्भरता की राह है।”
यह कार्यक्रम ग्रामीण महिलाओं को रोजगार और सम्मान दोनों दिलाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।
शिक्षा, स्वास्थ्य और सामाजिक सेवा मुख्य लक्ष्य
भूषण फैमिली फाउंडेशन शिक्षा, स्वास्थ्य और सामाजिक सेवा को अपनी प्राथमिक कार्यसूची में शामिल करता है।
फाउंडेशन का उद्देश्य समाज के वंचित और पिछड़े वर्गों तक बुनियादी सुविधाएं पहुंचाना और उन्हें मुख्यधारा में लाना है।
संजय भूषण ने आगे कहा—
“हमारा लक्ष्य केवल आज नहीं, आने वाले कई वर्षों तक गांव के विकास को दिशा देना है। जल्द ही ढेरहन गांव को फाउंडेशन की ओर से मुफ्त एंबुलेंस सेवा उपलब्ध कराने का प्रयास किया जाएगा।”
यह घोषणा स्वास्थ्य सेवाओं की सीमित पहुंच वाले ग्रामीण क्षेत्रों के लिए बेहद महत्वपूर्ण मानी जा रही है।
ग्राम प्रधान ने की पहल की सराहना
ग्राम प्रधान अनिल कुमार ने संजय भूषण के कदम की प्रशंसा करते हुए कहा—
“भूषण फैमिली फाउंडेशन गांव के विकास के लिए जो सोच और प्रयास लेकर आया है, वह सराहनीय है। संजय भूषण समाजसेवा की नई मिसाल कायम कर रहे हैं।”
सांस्कृतिक कार्यक्रम और भोजन वितरण
उद्घाटन समारोह में सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसने ग्रामीणों को उत्साह से भर दिया। इसके बाद भोजन वितरण हुआ, जिसमें लगभग 400 लोगों ने हिस्सा लिया।
गांव में विकास का नया अध्याय शुरू
भूषण फैमिली फाउंडेशन की स्थापना के साथ ही ढेरहन गांव में विकास और सामाजिक उत्थान का एक नया अध्याय शुरू हो चुका है। महिलाओं की शिक्षा, स्वास्थ्य सेवाओं का विस्तार और सामाजिक सशक्तिकरण पर आधारित यह पहल आने वाले समय में पूरे क्षेत्र के लिए मॉडल साबित हो सकती है।




