मोकामा विधायक अनंत सिंह की बेल खारिज, दुलारचंद ह’त्या केस में जेल जारी
मोकामा विधायक अनंत सिंह को बड़ा झटका: दुलारचंद यादव मर्डर केस में बेल खारिज, फिलहाल बेऊर जेल में ही रहेंगे
बिहार की चर्चित मोकामा सीट से छठी बार विधायक चुने गए बाहुबली नेता अनंत सिंह को बड़ी कानूनी राहत मिलने की उम्मीदें फिलहाल खत्म हो गई हैं। चुनाव जीतने के बावजूद उनकी मुश्किलें कम नहीं हो रही हैं। पटना की विशेष अदालत ने दुलारचंद यादव ह’त्याकांड में दायर उनकी जमानत याचिका को खारिज कर दिया, जिसके बाद वह आगे भी जेल में ही रहेंगे। यह मामला बिहार विधानसभा चुनाव के प्रचार के दौरान हुए एक बेहद विवादास्पद और हिंसक टकराव से जुड़ा है।
चुनाव प्रचार के दौरान ह’त्या, फिर गिरफ्तारी
30 अक्टूबर को पटना जिले के मोकामा विधानसभा क्षेत्र के टाल इलाके में चुनाव प्रचार के दौरान जन सुराज पार्टी के समर्थक दुलारचंद यादव की ह’त्या हो गई थी। दुलारचंद पार्टी प्रत्याशी पीयूष प्रियदर्शी के समर्थन में प्रचार कर रहे थे। घटना उस समय हुई जब पीयूष प्रियदर्शी और जेडीयू प्रत्याशी अनंत सिंह का काफिला आमने-सामने आ गया।
जैसे ही दोनों काफिले भिड़े, माहौल बिगड़ गया। आरोप है कि दोनों पक्षों के समर्थकों में विवाद बढ़कर गाली-गलौज, मारपीट और फिर फायरिंग तक पहुंच गया। इसी बीच दुलारचंद यादव गंभीर रूप से घायल हो गए और उनकी मौके पर ही मौ’त हो गई।
पुलिस की जांच: गोली लगने से नहीं, वाहन से कुचले जाने से मौ’त
पटना पुलिस की शुरुआती रिपोर्ट के अनुसार दुलारचंद यादव के पैर में गोली लगी थी, लेकिन उनकी मौ’त गोली से नहीं बल्कि शरीर पर किसी भारी वस्तु के गुजरने की वजह से हुई। आशंका जताई गई कि गाड़ी के नीचे आने से मौत हुई।
दुलारचंद के परिवार ने बेहद गंभीर आरोप लगाए हैं। उनका कहना है कि:
- पहले अनंत सिंह और उनके समर्थकों ने गोली मारी,
- उसके बाद जानबूझकर गाड़ी चढ़ाकर ह’त्या कर दी।
इस घटना ने इलाके में तनाव बढ़ा दिया था।
80 से अधिक लोगों की गिरफ्तारी, अनंत सिंह भी जेल भेजे गए
हत्या की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने बड़ी कार्रवाई की।
- 80 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया गया।
- अनंत सिंह को हिरासत में लिया गया और विशेष अदालत में पेश कर न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।
हालांकि, तत्कालीन डीजीपी विनय कुमार ने बयान दिया था कि यह “दंगाई भीड़ द्वारा की गई हिंसा” जैसा मामला दिखता है और वहां मौजूद हर व्यक्ति संदेह के घेरे में है। साथ ही उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि यह अभी जांच का विषय है कि दुलारचंद पर जानबूझकर गाड़ी चढ़ाई गई या यह एक दुर्घटना थी।
जेल में रहते हुए जीता चुनाव
6 नवंबर को मोकामा विधानसभा सीट पर मतदान हुआ था। परिणाम 14 नवंबर को आए, जिसमें अनंत सिंह ने जेल में रहते हुए भी शानदार प्रदर्शन किया और बड़ी जीत दर्ज की।
उन्होंने:
- आरजेडी उम्मीदवार और बाहुबली सूरजभान सिंह की पत्नी वीणा देवी को
- 28,000 से अधिक वोटों से हराया।
जन सुराज उम्मीदवार पीयूष प्रियदर्शी तीसरे स्थान पर रहे और लगभग 19,000 वोट पाए।
यह परिणाम इस बात को दर्शाता है कि अनंत सिंह का मोकामा में जनाधार बेहद मजबूत है।
जमानत अर्जी खारिज—आगे भी जेल में रहेंगे
अनंत सिंह ने अदालत में अपनी जमानत के लिए याचिका दायर की थी, लेकिन विशेष अदालत ने इसे साक्ष्यों और केस की गंभीरता को देखते हुए खारिज कर दिया। इससे साफ है कि वह अभी बेऊर जेल में ही रहेंगे और लंबे समय तक बाहर आने की संभावना फिलहाल कम दिखती है।
आगे की राह
पुलिस की जांच जारी है।
मुख्य सवाल अभी भी यही है:
- दुलारचंद यादव की मौत ह’त्या थी या हादसा?
- क्या भीड़ में मौजूद कुछ लोगों ने अनंत सिंह का नाम राजनीतिक कारणों से घसीटा?
- या क्या वास्तव में घटना में उनकी भूमिका थी?
इन सवालों के जवाब अदालत और जांच तय करेगी।
लेकिन एक बात साफ है कि यह केस अब राजनीतिक और आपराधिक दोनों ही स्तरों पर बेहद संवेदनशील बन चुका है।



