समस्तीपुर चुनाव : आलोक मेहता बने सबसे खर्चीले उम्मीदवार, देखें पूरा विवरण
समस्तीपुर में सबसे ज्यादा खर्च करने वाले उम्मीदवार बने आलोक कुमार मेहता, जानें कौन किस सीट पर कितना खर्च किया
समस्तीपुर: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के प्रचार अभियान के दौरान समस्तीपुर जिले के उम्मीदवारों द्वारा किए गए खर्च का ब्योरा निर्वाचन आयोग के आंकड़ों से सामने आया है। 3 नवंबर तक की रिपोर्ट के अनुसार, उजियारपुर विधानसभा सीट से आरजेडी प्रत्याशी आलोक कुमार मेहता पूरे जिले में सबसे अधिक खर्च करने वाले उम्मीदवार रहे हैं। उनके द्वारा अब तक 24 लाख 90 हजार 286 रुपये खर्च किए जाने की सूचना दी गई है।
उजियारपुर में आलोक मेहता सबसे आगे
आलोक कुमार मेहता, जो आरजेडी के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री भी हैं, ने अपने क्षेत्र उजियारपुर में प्रचार-प्रसार, जनसभाओं और सोशल मीडिया प्रचार पर भारी-भरकम खर्च किया है। यह खर्च जिले में सबसे अधिक माना गया है। उनके प्रचार में न केवल बड़े पोस्टर-बैनर बल्कि सोशल मीडिया और ग्राउंड लेवल पर व्यापक जनसंपर्क अभियान भी शामिल रहा।
कल्याणपुर में महेश्वर हजारी का दूसरा स्थान
कल्याणपुर विधानसभा से जदयू प्रत्याशी महेश्वर हजारी ने 17 लाख 59 हजार 831 रुपये खर्च किए हैं। वहीं, जन सुराज पार्टी के राम बालक पासवान ने 8.81 लाख रुपये, और भाकपा माले के रंजीत कुमार राम ने 6.20 लाख रुपये खर्च किए। यहां जदयू और जन सुराज पार्टी के बीच प्रचार का अंतर साफ दिखा।
वारिसनगर में मंजरिक मृणाल का बढ़त खर्च
वारिसनगर विधानसभा सीट पर जदयू उम्मीदवार मंजरिक मृणाल ने 9.75 लाख रुपये खर्च किए, जन सुराज के सत्यनारायण सहनी ने 6.95 लाख रुपये जबकि रोलजपा के गोविंद कुमार और माले प्रत्याशी फूल बाबू सिंह ने 6.44 लाख रुपये खर्च का ब्यौरा दिया।
समस्तीपुर सीट पर अख्तरुल इस्लाम शाहीन आगे
समस्तीपुर विधानसभा से आरजेडी प्रत्याशी अख्तरुल इस्लाम शाहीन ने 14.79 लाख रुपये खर्च किए हैं। उनके निकटतम प्रतिद्वंदी जदयू की अश्वमेघ देवी का खर्च 11.61 लाख रुपये और जन सुराज पार्टी के मनोज कुमार सिंह का खर्च 6.39 लाख रुपये रहा। यह सीट जिले की सबसे सक्रिय सीटों में मानी जा रही है, जहां मुकाबला तगड़ा है।
मोरवा में विद्या सागर निषाद का खर्च सबसे अधिक
मोरवा विधानसभा में जदयू प्रत्याशी विद्या सागर निषाद ने 12.06 लाख रुपये, आरजेडी के रणविजय साहू ने 10.02 लाख रुपये, निर्दलीय अभय कुमार सिंह ने 9.78 लाख रुपये, और जन सुराज पार्टी की जागृति ने 3.06 लाख रुपये खर्च किए।
सरायरंजन में विजय कुमार चौधरी का जलवा
सरायरंजन विधानसभा से जदयू के दिग्गज नेता विजय कुमार चौधरी ने 17.81 लाख रुपये खर्च किए हैं। वहीं, जन सुराज के सजन मिश्रा ने 13.44 लाख रुपये, निर्दलीय कुणाल कुमार ने 9.45 लाख रुपये, और आरजेडी के अरविंद सहनी ने 6.95 लाख रुपये खर्च किए।
मोहिउद्दीननगर में भाजपा प्रत्याशी आगे
मोहिउद्दीननगर से भाजपा प्रत्याशी राजेश कुमार सिंह का खर्च 18.02 लाख रुपये रहा, जबकि आरजेडी की एज्या यादव ने 7.70 लाख रुपये, जन सुराज पार्टी के राजकपूर सिंह ने 4.70 लाख रुपये, और जेजेडी के अजय बुलगानी ने 1.91 लाख रुपये खर्च किए। भाजपा उम्मीदवार ने यहाँ बाकी सभी को पीछे छोड़ दिया है।
विभूतिपुर में जदयू-भाकपा में कांटे की टक्कर
विभूतिपुर विधानसभा में जदयू की रवीना कुशवाहा ने 18.17 लाख रुपये खर्च किए हैं, जबकि माकपा के अजय कुमार ने 17.57 लाख रुपये खर्च किए। वहीं जन सुराज पार्टी के विश्वनाथ चौधरी का खर्च 6.07 लाख रुपये रहा। यहाँ प्रचार-प्रसार पर खर्च के मामले में जदयू और माकपा के बीच बेहद कम अंतर है।
रोसड़ा में बीजेपी के वीरेंद्र कुमार सबसे आगे
रोसड़ा विधानसभा से भाजपा प्रत्याशी वीरेंद्र कुमार ने 12.68 लाख रुपये खर्च किए हैं। कांग्रेस के ब्रज किशोर रवि ने 11.59 लाख रुपये, और जन सुराज पार्टी के रोहित कुमार ने 6.54 लाख रुपये खर्च किए।
हसनपुर में जदयू के राजकुमार राय अव्वल
हसनपुर विधानसभा से जदयू प्रत्याशी राजकुमार राय ने 12.52 लाख रुपये, आरजेडी की माला पुष्पम ने 10.35 लाख रुपये, और जन सुराज की इंदु देवी ने 5.35 लाख रुपये खर्च किए हैं।
समग्र विश्लेषण
निर्वाचन आयोग के आंकड़ों के अनुसार, उजियारपुर से आरजेडी के आलोक कुमार मेहता अब तक जिले में सबसे अधिक खर्च करने वाले उम्मीदवार बने हैं। उनके बाद विभूतिपुर की रवीना कुशवाहा (जदयू) और मोहिउद्दीननगर के राजेश कुमार सिंह (भाजपा) क्रमशः दूसरे और तीसरे स्थान पर हैं।
वहीं, जन सुराज पार्टी के अधिकतर प्रत्याशियों का खर्च बाकी प्रमुख दलों के मुकाबले आधा या उससे भी कम दर्ज हुआ है। यह दिखाता है कि सीमित संसाधनों के बावजूद नई राजनीतिक पार्टियाँ अपने जनसंपर्क को अलग रणनीति से चला रही हैं।
राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि खर्च का यह आँकड़ा चुनावी प्रभाव का सीधा पैमाना नहीं होता, लेकिन यह बताता है कि किस उम्मीदवार ने प्रचार-प्रसार में कितनी ताक़त झोंकी है।




