
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के नतीजे आते ही राजनीतिक माहौल पूरी तरह गर्म हो गया है। जहां पूरे राज्य में एनडीए का अभूतपूर्व प्रदर्शन देखने को मिल रहा है, वहीं सीमांचल में असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी AIMIM ने एक बार फिर अपने प्रभाव का मजबूत प्रदर्शन किया है। इस इलाके की 24 सीटों में से AIMIM 6 सीटों पर निर्णायक बढ़त बनाए हुए है, और कुछ सीटों पर मुकाबला बेहद कड़ा है। बड़े वोट अंतर के साथ मिल रहे इन रुझानों ने महागठबंधन, खासकर RJD के लिए बड़ी चुनौती खड़ी कर दी है।
AIMIM की बढ़त और तेजस्वी की “चॉकलेट” कहानी
चुनाव प्रचार के दौरान ओवैसी ने एक बयान में कहा था कि—
“जब हम सीमांचल में पूरी ताकत से उतरेंगे तो कोई ये न बोले कि मम्मी-मम्मी चॉकलेट छीन ली।”
यह टिप्पणी तेजस्वी यादव की ओर इशारा करते हुए की गई थी।
आज के नतीजों ने ओवैसी की इस बात को सच साबित कर दिया है।
सीमांचल के अहम विधानसभा क्षेत्रों—
- जोकिहाट,
- अमोर,
- ठाकुरगंज,
- बहादुरगंज,
- बैसी,
- कोचाधामन,
में AIMIM के उम्मीदवार हजारों वोटों से आगे चल रहे हैं। इन सीटों पर AIMIM की पकड़ इतनी मजबूत दिख रही है कि मुकाबला एकतरफा होता जा रहा है।
2020 के प्रदर्शन को भी पीछे छोड़ती AIMIM
AIMIM का सीमांचल में प्रदर्शन नया नहीं है।
2020 विधानसभा चुनाव में भी पार्टी ने यहां से 5 सीटें जीती थीं।
महागठबंधन से गठबंधन नहीं होने के बाद AIMIM उम्मीदवारों ने इस बार सीमांचल की सभी मुस्लिम-बहुल और सामाजिक रूप से उपेक्षित सीटों पर जोरदार तरीके से प्रचार किया।
पार्टी की रणनीति रही कि वह स्थानीय मुद्दों—
- बाढ़,
- शिक्षा,
- बेरोजगारी,
- सड़क और स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी
को लेकर जनता से सीधे जुड़ाव बनाए। इसी का नतीजा है कि AIMIM हजारों की बढ़त से आगे दिख रही है।
महागठबंधन को भारी नुकसान, एनडीए का शानदार प्रदर्शन
जहां AIMIM सीमांचल में अपनी पकड़ मजबूत कर रही है, वहीं महागठबंधन की स्थिति बेहद खराब दिखाई दे रही है।
तेजस्वी यादव की RJD यहां अपना मजबूत आधार बचाने में भी संघर्ष कर रही है।
दूसरी ओर सीमांचल में एनडीए कम से कम 18 सीटों पर आगे चल रहा है, जो इस चुनाव में भाजपा-जेडीयू गठबंधन की लहर को और स्पष्ट करता है।
सीमांचल में एनडीए की बढ़त पिछले चुनावों की तुलना में 5–6 सीटें अधिक हो सकती हैं।
कुल मिलाकर राज्य की तस्वीर
- एनडीए — 200+ सीटों पर आगे
- महागठबंधन — कई रीजन में सूपड़ा साफ
- AIMIM — सीमांचल में मजबूत पकड़, 6 सीटें लगभग तय
- अन्य दल — सीमांचल में मामूली प्रभाव
इस चुनाव में सीमांचल ने एक बार फिर साबित किया है कि यहां की राजनीति बिहार के बाकी हिस्सों से अलग दिशा लेती है।
AIMIM का यहां लगातार दूसरा चुनाव में डेटा-आधारित, जमीन-स्तर पर सक्रिय और मुद्दा-केंद्रित अभियान रंग लाया है।
तेजस्वी यादव के लिए यह नतीजा बड़ा झटका है, जबकि ओवैसी की रणनीति पूरी तरह सफल दिख रही है।
सीमांचल के नतीजों ने इस बार बिहार की राजनीति में एक बार फिर नई कहानी लिख दी है।




