पटना: बिहार ने ग्रामीण महिलाओं के आर्थिक सशक्तीकरण में एक नया कीर्तिमान स्थापित किया है। राज्य की 31 लाख जीविका दीदियों को “लखपति दीदी” के रूप में चिह्नित किया गया है। यह उपलब्धि राष्ट्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय की हालिया रिपोर्ट में उजागर हुई है, जिसमें बताया गया है कि बिहार इस योजना के तहत देश में शीर्ष स्थान पर है।
क्या है लखपति दीदी योजना?
केंद्र सरकार द्वारा 2023 में शुरू की गई लखपति दीदी योजना का उद्देश्य ग्रामीण महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाना है। इस योजना के तहत महिलाओं को खेती, पशुपालन, छोटे व्यवसाय, और सेवा आधारित गतिविधियों में शामिल किया गया। इसके माध्यम से महिलाओं की वार्षिक आय को एक लाख रुपये या उससे अधिक करने का लक्ष्य रखा गया।
इस योजना का फोकस न केवल आर्थिक सशक्तीकरण पर है, बल्कि यह महिलाओं के सामाजिक सशक्तीकरण, स्थानीय रोजगार सृजन, और स्थायी विकास को भी प्रोत्साहित करता है। महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए प्रशिक्षण, वित्तीय सहायता, और तकनीकी मार्गदर्शन प्रदान किया गया।
बिहार ने कैसे हासिल की यह उपलब्धि?
बिहार में जीविका परियोजना के तहत यह सफलता हासिल हुई। राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में बड़ी संख्या में महिलाओं को इस योजना से जोड़ा गया। खेती, डेयरी, और छोटे व्यवसायों के जरिए उनकी आय में वृद्धि की गई। राज्यभर में 31 लाख से अधिक महिलाओं की सालाना आय एक लाख रुपये या उससे अधिक हो चुकी है। यह देश में सबसे बड़ी संख्या है।
राज्य के ओएसडी (जीविका) राजेश कुमार ने कहा, “लखपति दीदी के रूप में चिह्नित होने से महिलाओं में आत्मविश्वास बढ़ा है। बिहार की यह सफलता अन्य राज्यों के लिए प्रेरणा है।”
लखपति दीदियों से उद्यमिता का प्रशिक्षण
योजना के अगले चरण में, लखपति दीदियों का एक समूह बनाया जाएगा जो अन्य ग्रामीण महिलाओं को उद्यमिता का प्रशिक्षण देगा। इसके तहत, महिलाएं छोटे व्यवसाय शुरू करने, विपणन, और वित्तीय प्रबंधन की जानकारी प्राप्त करेंगी। लखपति दीदियां अपने अनुभव साझा कर उन महिलाओं को प्रेरित करेंगी जो आत्मनिर्भर बनने का सपना देख रही हैं।
महिलाओं के जीवन में सकारात्मक बदलाव
लखपति दीदी योजना ने महिलाओं को न केवल आर्थिक रूप से सशक्त बनाया है, बल्कि उनके जीवन में आत्मविश्वास और सामुदायिक भागीदारी भी बढ़ाई है। इनकी सफलता ने स्थानीय स्तर पर रोजगार के नए अवसर भी पैदा किए हैं।
बिहार का यह मॉडल देशभर में महिलाओं के आर्थिक सशक्तीकरण के लिए मिसाल बन गया है। राज्य सरकार और केंद्र की इस पहल ने ग्रामीण विकास की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया है।