‘संकल्प’ समीक्षा: सचिवालय-निगरानी विभाग में पारदर्शिता और…
‘संकल्प’ में समीक्षा बैठक: मंत्रिमंडल सचिवालय व निगरानी विभाग के कार्यों में पारदर्शिता व जीरो टॉलरेंस पर जोर
Patna : पटना — 1 अणे मार्ग स्थित ‘संकल्प’ में आयोजित एक सघन समीक्षा बैठक में मंत्रिमंडल सचिवालय विभाग तथा निगरानी विभाग के समेकित क्रियान्वयन और सुधारात्मक कदमों पर व्यापक चर्चा की गई। बैठक में उपस्थित अधिकारियों को निर्देश दिए गए कि वे राज्य सरकार की नीतियों और योजनाओं के सुचारू तथा पारदर्शी क्रियान्वयन के लिए ठोस योजना बनाकर तत्काल लागू करें।
बैठक की अध्यक्षता करते हुए उच्च पदस्थ अधिकारियों ने कहा कि सरकार का उद्देश्य भ्रष्टाचारमुक्त शासन सुनिश्चित करना तथा आम नागरिकों को योजनाओं का त्वरित और प्रत्यक्ष लाभ पहुँचाना है। उन्होंने स्पष्ट किया कि इसके लिए ‘जीरो टॉलरेंस’ की नीति का सख्ती से पालन आवश्यक है और किसी भी प्रकार की अनियमितता को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। अधिकारियों को निर्देश दिए गए कि वे हर स्तर पर निगरानी तंत्र को सक्रिय करें और शिकायत निवारण प्रणालियों को और त्वरित बनाएं।
समीक्षा के दौरान मंत्रिमंडल सचिवालय के कार्यान्वयन से जुड़े विभिन्न पहलुओं—योजना प्रबंधन, अनुदान वितरण, लाभार्थी चयन प्रक्रिया, एवं फाइलों के समयबद्ध निपटान—पर विशेष ध्यान दिया गया। निगरानी विभाग से कहा गया कि वह टेक्नोलॉजी-आधारित मॉनिटरिंग प्रणाली को और प्रभावी बनाए ताकि जमीन स्तर पर योजनाओं की प्रगति, वित्तीय लेन-देन तथा परिणामों का वास्तविक समय में आकलन किया जा सके। अधिकारियों ने प्रस्तावित डिजिटल ऑडिट, GPS-ट्रैकिंग और मोबाइल-आधारित फीडबैक मैकेनिज़्म को जल्द ही लागू करने के संकेत भी दिए।
बैठक में निर्देश दिए गए कि प्रत्येक विभागीय परियोजना के लिए लक्ष्य-निर्धारण और समयसीमा स्पष्ट हों; साथ ही हर परियोजना के लिए एक समर्पित निगरानी अधिकारी नियुक्त किया जाए जो प्रगति की मासिक रिपोर्ट प्रस्तुत करेगा। उक्त रिपोर्टों का विश्लेषण करके उच्च स्तरीय समन्वय बैठकों के माध्यम से त्वरित सुधारात्मक कदम उठाए जाएँगे।
सदस्यों ने यह भी रेखांकित किया कि सुशासन व पारदर्शिता केवल शाब्दिक नहीं बल्कि व्यवहारिक रूप से दिखना चाहिए। इसलिए शिकायतों के निस्तारण में पारदर्शिता सुनिश्चित करने हेतु सार्वजनिक पोर्टल पर शिकायतों तथा उनके निस्तारण की स्थिति सार्वजनिक रूप से दिखाई जाएगी। इससे न केवल जवाबदेही बढ़ेगी बल्कि जनता का विश्वास भी मजबूत होगा।
अधिकारियों को निर्देश दिए गए कि वे कार्यस्थलों पर प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित कर कर्मचारियों में नयी निगरानी प्रणालियों, आईटी टूल्स और नैतिक व्यवहार को लेकर जागरूकता बढ़ाएं। साथ ही भ्रष्टाचार के विरुद्ध शिकायतों का गंभीरता से संज्ञान लेते हुए त्वरित कानूनी और अनुशासनात्मक कार्रवाई सुनिश्चित करने के आदेश दिए गए।
बैठक समापन पर यह संकल्प लिया गया कि मंत्रिमंडल सचिवालय तथा निगरानी विभाग अगले तिमाही तक इन निर्देशों के आधार पर विस्तृत कार्ययोजना प्रस्तुत करेंगे और उसकी प्रगति के नियमित सत्यापन के लिए हर महीने समीक्षा बैठकें आयोजित की जाएँगी। अधिकारियों ने आश्वासन दिया कि ये कदम राज्य में सुशासन और पारदर्शिता की दिशा में ठोस बदलाव लाएँगे और आम नागरिकों को योजनाओं का सीधा, शीघ्र तथा पारदर्शी लाभ मिलेगा।




