बिहार की राजधानी पटना लंबे इंतजार के बाद मेट्रो युग में कदम रखने जा रही है। अब शहर की पहचान सिर्फ ट्रैफिक जाम और गंदगी नहीं रहेगी, बल्कि आधुनिकता और तेज़ परिवहन का अनुभव भी लोगों को मिलेगा। पटना मेट्रो परियोजना का पहला चरण इस महीने के अंत तक यात्रियों के लिए खोलने की तैयारी कर रहा है।
मेट्रो की रेड लाइन पर परिचालन शुरू करने से पहले अंतिम ट्रायल 29 सितंबर को किया जाएगा। यह ट्रायल मेट्रो रेल सुरक्षा आयुक्त (CMRS) जनक कुमार गर्ग की टीम द्वारा किया जाएगा। इस दौरान ट्रेन रैक और ट्रैक का निरीक्षण किया जाएगा। अधिकारियों के अनुसार, यदि सभी सुरक्षा मानक सही पाए जाते हैं, तो अक्टूबर के पहले सप्ताह में पटना मेट्रो का उद्घाटन संभव है।
मेट्रो से शहर को आधुनिक और तेज़ परिवहन
रेड लाइन पर मेट्रो रेल न्यू पाटलिपुत्र बस टर्मिनल से भूतनाथ तक चलने वाली है। यह ट्रेन अधिकतम 40 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ेगी। इससे यात्रियों का सफर तेज, आरामदायक और सुरक्षित होगा। नगर विकास एवं आवास मंत्री जिवेश कुमार ने बताया कि सुरक्षा निरीक्षण के बाद मेट्रो का शुभारंभ किया जाएगा।
16 सितंबर को भी CMRS ने निरीक्षण किया था और पटना मेट्रो और दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन के अधिकारियों के साथ बैठक की थी। उस दौरान सुरक्षा के दृष्टिकोण से कुछ कमियों को दूर करने के निर्देश दिए गए थे।
स्टेशनों की तैयारियां
रेड लाइन की तीनों स्टेशनों पर तेजी से फिनिशिंग का काम चल रहा है। टिकट काउंटर, यात्रियों के प्रवेश और निकास द्वार, लिफ्ट और एस्केलेटर जैसी सुविधाएं लगभग पूरी हो चुकी हैं। जेरोडोल मिले और ISBT स्टेशन के प्रवेश द्वार के पास फिनिशिंग का काम जारी है। अधिकारियों ने कहा कि 30 सितंबर तक स्टेशनों को पूरी तरह तैयार करना चुनौतीपूर्ण है, लेकिन उद्घाटन की प्रक्रिया पर कोई असर नहीं पड़ेगा।
स्टेशन परिसर में सुरक्षा, लिफ्ट और एस्केलेटर जैसी सुविधाओं के कारण यात्रियों को अधिक सुविधा और सहजता का अनुभव मिलेगा। मेट्रो न केवल शहर के ट्रैफिक की समस्या को कम करेगी बल्कि यात्रियों को आरामदायक, तेज और सुरक्षित सफर मुहैया कराएगी।
शहर में बदलाव और प्रतीकात्मक महत्व
पटना मेट्रो का परिचालन केवल एक यातायात सुविधा नहीं है। यह शहर के लिए बदलाव का प्रतीक है। लंबे इंतजार के बाद यह परियोजना पटनावासियों की उम्मीदों को पूरा करने जा रही है। मेट्रो के आने से शहर में आधुनिक परिवहन, सुव्यवस्थित ट्रैफिक और बेहतर जीवनशैली की शुरुआत होगी।
29 सितंबर को अंतिम ट्रायल के बाद CMRS की मंजूरी पटना मेट्रो के परिचालन की दिशा तय करेगी। यदि सब कुछ योजना अनुसार हुआ, तो अक्टूबर के प्रथम सप्ताह से पटनावासी मेट्रो का अनुभव उठा सकेंगे।
पटना मेट्रो परियोजना सिर्फ एक यातायात साधन नहीं है। यह शहरवासियों को आधुनिकता, सुविधा और तेज़ परिवहन का अनुभव देने के साथ-साथ शहर के बदलते स्वरूप का प्रतीक भी बनेगी। मेट्रो के संचालन के साथ ही पटना के यातायात जाम और गंदगी जैसी समस्याओं में कमी आने की उम्मीद है। यह परियोजना न केवल यात्रियों के लिए सुविधा लाएगी बल्कि शहरवासियों की जीवन शैली में भी सकारात्मक बदलाव लाने का काम करेगी।
पटना मेट्रो के उद्घाटन के साथ ही बिहार की राजधानी परिवहन के मामले में एक नए युग में प्रवेश करेगी।