बिहार सरकार आज राज्य की लगभग 10 लाख महिलाओं के बैंक खाते में 10-10 हजार रुपये की आर्थिक सहायता राशि ट्रांसफर करने जा रही है। मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना के तहत यह राशि डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT) के जरिए भेजी जाएगी। यह योजना महिलाओं को रोजगार शुरू करने और आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में सरकार की एक महत्वाकांक्षी परियोजना है, जो विधानसभा चुनाव से पहले काफी चर्चा में रही।
कौन-कौन महिलाएं शामिल?
ग्रामीण विकास विभाग ने बताया कि चयनित लाभार्थियों में 9.50 लाख महिलाएं ग्रामीण क्षेत्रों से और 50 हजार महिलाएं शहरी क्षेत्रों से हैं। सरकार द्वारा पहले से बनाए गए जीविका समूह (SHG) से जुड़ीं महिलाओं को प्राथमिकता के साथ योजना का लाभ दिया जा रहा है। कई जिलों में पहले चरण में ही लाखों महिलाओं के खाते में राशि भेज दी गई थी। अब दूसरे चरण में उन महिलाओं को भुगतान किया जा रहा है जो योजना शुरू होने के बाद जीविका समूह में जुड़ी हैं।
अब तक कितनों के खाते में पहुंचे पैसे?
सरकार के आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार अब तक 1.40 करोड़ महिलाओं के खाते में इस योजना के तहत 10-10 हजार रुपये की राशि भेजी जा चुकी है। यह योजना बिहार में महिलाओं के आर्थिक सशक्तीकरण की सबसे बड़ी DBT पहल बन गई है। अब सरकार 14 दिसंबर तक शेष सभी पात्र महिलाओं के खाते में राशि भेजने का लक्ष्य लेकर आगे बढ़ रही है।
ऑनलाइन आवेदन करने वाली महिलाओं का क्या?
सरकार ने शहरी इलाकों की महिलाओं के लिए ऑनलाइन आवेदन की सुविधा दी थी, जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में ऑफलाइन आवेदन प्रक्रिया अपनाई गई। विभाग के अनुसार लगभग 13 लाख ऑनलाइन आवेदनों की जांच जारी है। इनमें से कई महिलाओं के दस्तावेजों का सत्यापन अंतिम चरण में है और विभाग ने आश्वासन दिया है कि जल्द ही इनके खाते में भी 10-10 हजार रुपये भेज दिए जाएंगे।
समीक्षा के बाद मिलेंगे 2 लाख रुपये तक
योजना में सबसे खास बात यह है कि सरकार सिर्फ 10 हजार रुपये देकर प्रक्रिया समाप्त नहीं कर रही है। छह महीने बाद लाभार्थी महिलाओं के कार्यों की समीक्षा की जाएगी। जो महिलाएं दिए गए पैसे से छोटा व्यवसाय शुरू कर लेंगी या स्वरोजगार की दिशा में आगे बढ़ेंगी, उन्हें सरकार की ओर से 2 लाख रुपये तक की अतिरिक्त सहायता भी उपलब्ध कराई जाएगी।
योजना का उद्देश्य
मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना का मुख्य उद्देश्य महिलाओं को आर्थिक रूप से मजबूत बनाना, उनके स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर बढ़ाना और जीविका समूहों को विस्तार देना है। सरकार चाहती है कि महिलाएं घर से ही छोटे उद्योग, व्यवसाय या स्वरोजगार की शुरुआत करें और परिवार की आय को बढ़ाने में अहम भूमिका निभाएं।
14 दिसंबर तक पूरा होगा लक्ष्य
ग्रामीण विकास विभाग ने कहा है कि 14 दिसंबर तक सभी पात्र महिलाओं को DBT के माध्यम से राशि उपलब्ध करा दी जाएगी। सरकार प्रशासनिक स्तर पर जिला व प्रखंड स्तरीय टीमों की सहायता से निरंतर भुगतान प्रक्रिया की समीक्षा कर रही है।
आज बड़ी संख्या में महिलाओं को सीधे आर्थिक लाभ मिलने से योजना एक बड़े मील के पत्थर की ओर बढ़ गई है। बिहार सरकार के इस कदम से लाखों परिवारों को राहत और नए रोजगार के अवसर मिलने की उम्मीद है।




