बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के नतीजे सामने आते ही जहां पूरे प्रदेश में राजनीतिक उत्साह, जश्न और कहीं-कहीं निराशा का माहौल दिखा, उसी बीच फ़िल्मकार सह जनसेवक एन. मंडल का सोशल मीडिया संदेश बिहार की राजनीति में एक ताज़गीभरी और परिपक्व आवाज़ के रूप में उभरा है। उनका यह पोस्ट केवल बधाई संदेश नहीं, बल्कि लोकतंत्र की गरिमा, राजनीतिक शुचिता और जनसेवा के संस्कार का एक आदर्श उदाहरण माना जा रहा है।
एन. मंडल ने अपने संदेश की शुरुआत सभी विजयी उम्मीदवारों को हार्दिक बधाई और शुभकामनाओं के साथ की। उन्होंने कहा कि यह जीत जनता के विश्वास, उम्मीदवारों की निष्ठा और सेवा-भाव का परिणाम है। उन्होंने लिखा—
“आप सभी विजेताओं को विजय पर हार्दिक बधाई। यह जीत जनता के विश्वास की स्वाभाविक विजय है। आपके नेतृत्व में क्षेत्र नई प्रगति के रास्ते पर आगे बढ़ेगा — ऐसी पूर्ण आशा है।”
यह संदेश उस समय आया है जब राजनीतिक माहौल तीखे शब्दों और आरोप-प्रत्यारोप से भरा रहता है। ऐसे दौर में एन. मंडल का यह विनम्र और संतुलित संदेश राजनीतिक मर्यादा का उदाहरण बन गया है।
हारने वालों को भी दिया सम्मानपूर्ण संदेश
एन. मंडल ने उन प्रत्याशियों के लिए भी खास शब्द लिखे जिन्हें इस चुनाव में सफलता नहीं मिली। उन्होंने उनके संघर्ष, मेहनत और जनता के प्रति समर्पण को सम्मान देते हुए कहा—
“यह हार क्षणिक है। आपकी आवाज़, आपका अनुभव और आपकी जिजीविषा समाज के लिए बहुत महत्व रखती है। आपके प्रयासों ने जो भरोसा जन्माया है, वही आपकी असली जीत है।”
उनका यह संदेश प्रदेश के उन हजारों कार्यकर्ताओं और समर्थकों के लिए एक प्रेरणा बना है, जो चुनावी परिणाम के कारण मनोबल में कमी महसूस कर रहे थे।
सभी प्रमुख दलों को दिया विशेष संदेश
एन. मंडल ने अपने पोस्ट में केवल शुभकामनाएँ नहीं दीं, बल्कि हर राजनीतिक दल की भूमिका को रचनात्मक दृष्टिकोण से संबोधित किया।
- भाजपा (BJP Bihar): लोकतंत्र की प्रक्रिया और जनादेश के प्रति जिम्मेदारी निभाने की अपील।
- जदयू (Janata Dal United): सूझबूझ, जनसमर्पण और स्थानीय विकास पर ध्यान केंद्रित करने का आग्रह।
- राजद (RJD): कमजोर वर्गों के प्रतिनिधित्व को और मजबूत करने का संदेश।
- कांग्रेस: लोकतांत्रिक संवाद को बनाए रखने और चुनौतियों को सकारात्मक तरीके से उठाने की प्रेरणा।
- Rashtriya Lok Morcha, वीआईपी, हम, AIMIM, जन सुराज और वाम दल: क्षेत्रीय मुद्दों, वैकल्पिक राजनीति और सामाजिक न्याय को आगे बढ़ाने के लिए प्रोत्साहन।
यह पहला अवसर है जब किसी स्वतंत्र जनसेवक ने सभी दलों को एक साथ सम्मानपूर्वक संबोधित करते हुए लोकतंत्र की गरिमा बढ़ाने वाला संदेश दिया हो।
‘विजय को नमन, संघर्ष को सम्मान’ — राजनीति में नई सोच की शुरुआत
एन. मंडल का संदेश मात्र एक पोस्ट नहीं बल्कि नई राजनीतिक संस्कृति का संकेत है। उन्होंने कहा—
“लोकतंत्र का यह पर्व जीतने वालों को जिम्मेदारी और हारने वालों को संबल देता है। चुनाव के बाद की राजनीति में भी संवाद, सम्मान और जनसेवा को प्राथमिकता देनी चाहिए।”
उन्होंने यह भी कहा कि राजनीति का असली उद्देश्य जनता की आकांक्षाओं को पूरा करना है, न कि केवल चुनाव जीतना।
उनके दो वाक्य विशेष रूप से वायरल हो रहे हैं—
“विजय को नमन, संघर्ष को सम्मान — लोकतंत्र चलता रहे।”
“हार से सीख, जीत से दायित्व — जनसेवा की यात्रा जारी रहे।”
ये पंक्तियाँ राजनीतिक कार्यकर्ताओं के बीच एक प्रेरक नारा बन चुकी हैं।
बिहार के युवाओं में सकारात्मक प्रतिक्रिया
एन. मंडल बिहार की नई पीढ़ी में तेजी से एक प्रेरक व्यक्तित्व के रूप में उभर रहे हैं। उनका यह संदेश खासकर युवाओं, सामाजिक कार्यकर्ताओं और ग्रामीण क्षेत्रों में राजनीति सीखने वाले लोगों में उत्साह का विषय बन गया है।
सोशल मीडिया पर हजारों लोगों ने इस पोस्ट को साझा करते हुए लिखा कि “बिहार को ऐसी शालीन और संवेदनशील राजनीति की जरूरत है।”
लोकतंत्र को जोड़ने वाला संदेश
एन. मंडल ने अपने बयान के अंत में लिखा—
“जय हो जनता! जय हो समाज!! जय हो बिहार!!!”
यह शब्द चुनावी तनाव के बाद एकता, सहयोग और राज्य के सामूहिक विकास की भावना को मजबूत करने वाले माने जा रहे हैं।
एन. मंडल का यह राजनीतिक संदेश इस बार के बिहार चुनाव में एक अनोखा और सकारात्मक अध्याय बन चुका है — जो बताता है कि राजनीति में भाषण और आरोपों से अधिक महत्व संवाद, सम्मान और जनसेवा का होता है।




