ताजपुर/समस्तीपुर : नगर परिषद क्षेत्र में अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई को लेकर विवाद बढ़ता जा रहा है। इसी के विरोध में भाकपा माले ने बुधवार को नगर परिषद कार्यालय के सामने जोरदार धरना-प्रदर्शन किया। पार्टी ने आरोप लगाया कि प्रशासन अतिक्रमण हटाने के नाम पर गरीबों, फूटपाथी दुकानदारों और झुग्गी-झोपड़ी में रहने वालों को निशाना बना रहा है, जबकि सड़क और सरकारी जमीन पर बने बड़े-बड़े पक्के निर्माण को जानबूझकर नजरअंदाज किया जा रहा है।
प्रदर्शन में माले कार्यकर्ता हाथों में झंडा-बैनर और मांगों से जुड़े नारे लिखी तख्तियां लिए हुए थे। सभी जोर-जोर से नारे लगाते हुए नगर प्रशासन के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे थे। इसके बाद सभी कार्यकर्ता धरना पर बैठ गए और सभा आयोजित हुई।
सभा की अध्यक्षता भाकपा माले प्रखंड सचिव सुरेंद्र प्रसाद सिंह ने की। उन्होंने कहा कि गरीबों को उजाड़ना आसान समझा जा रहा है, जबकि रसूखदारों के पक्के निर्माणों पर प्रशासन हाथ नहीं डालता। सुरेंद्र ने कहा, “अतिक्रमण हटाने के दौरान गरीबों के साथ पुलिस-प्रशासन का अमानवीय व्यवहार शर्मनाक है। यदि सरकारी सड़क पर बने पक्के मकान और दुकान नहीं हटाए गए तो आंदोलन को और तेज किया जाएगा।”
इनौस जिला अध्यक्ष आसिफ होदा ने कहा कि फूटपाथी दुकानदारों और झुग्गी-झोपड़ी वासियों को हटाने से पहले उनके लिए वैकल्पिक व्यवस्था जरूरी है। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि प्रशासन केवल कमजोर वर्गों पर कार्रवाई करता रहा तो जन आंदोलन उग्र होगा।
व्यवसायी संघ के राज्य कमिटी सदस्य प्रभात रंजन गुप्ता ने बाजार क्षेत्र की सभी सड़कों की मापी कराने और पक्के अतिक्रमण को चिन्हित कर हटाने की मांग की। उन्होंने फूटपाथ जोन घोषित करने और उजाड़ने से पहले पुनर्वास सुनिश्चित करने पर जोर दिया।
ब्रह्मदेव प्रसाद सिंह ने मोतीपुर बाईपास सहित नगर परिषद क्षेत्र की जर्जर सड़कों और नालों के निर्माण कार्य को जल्द शुरू करने की मांग रखी।
सभा को मो. एजाज, संजीव राय, शंकर सिंह, राजदेव प्रसाद सिंह, मो. कादिर, रॉकी खान, चांद बाबू, सुखिया खातून, खुशबू खातून, सुहैल सिद्धकी समेत कई नेताओं ने संबोधित किया।
प्रदर्शन के बाद भाकपा माले का 5 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल प्रखंड सचिव सुरेंद्र प्रसाद सिंह के नेतृत्व में मांगों से संबंधित 7 सूत्री ज्ञापन नगर प्रबंधक चंदन कुमार भारती के समक्ष कार्यपालक पदाधिकारी जुल्फेकार अली प्यामी को सौंपा। प्रतिनिधिमंडल ने चेतावनी दी कि यदि मांगों पर शीघ्र कार्रवाई नहीं की गई, तो आंदोलन को और व्यापक रूप दिया जाएगा।




