समस्तीपुर: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के पहले चरण में जिले के सभी दस विधानसभा क्षेत्रों में 6 नवंबर को मतदान होना है।
इससे पहले प्रचार का आख़िरी दौर चरम पर है, और विभूतिपुर विधानसभा में इस बार मुकाबला दिलचस्प और त्रिकोणीय हो गया है।
यहाँ तीन प्रमुख चेहरे — महागठबंधन के सीपीआई(एम) उम्मीदवार और मौजूदा विधायक अजय कुमार, एनडीए की जेडीयू प्रत्याशी रवीना कुशवाहा, और निर्दलीय उम्मीदवार रूपांजली कुमारी — अपने-अपने राजनीतिक समीकरणों और जनसंपर्क के दम पर मैदान में उतर चुके हैं।
अजय कुमार — मौजूदा विधायक और महागठबंधन का पुराना चेहरा
महागठबंधन की ओर से इस बार भी सीपीआई(एम) के विधायक अजय कुमार ने मैदान संभाला है।
वे लगातार दूसरे कार्यकाल के लिए कोशिश में हैं और अपने कामकाज को जनता के सामने उपलब्धि के रूप में पेश कर रहे हैं।
अजय कुमार का कहना है कि उनके कार्यकाल में क्षेत्र में सड़कों, नालों और जनकल्याण योजनाओं में उल्लेखनीय सुधार हुआ है।
उन्होंने कहा कि “हमने दलाली, भ्रष्टाचार और बिचौलिया संस्कृति पर लगाम लगाई है। जनता के बीच भरोसा कायम हुआ है। इस बार भी लोग विकास और ईमानदारी के मुद्दे पर हमें समर्थन देंगे।”
अजय कुमार जनता से तेजस्वी यादव के नेतृत्व और महागठबंधन के विजन को आगे बढ़ाने की अपील कर रहे हैं।
वे केंद्र और राज्य सरकार को हर मोर्चे पर असफल ठहराते हुए, बेरोजगारी, महंगाई और किसान मुद्दों को प्रमुख चुनावी मुद्दा बना रहे हैं।
रवीना कुशवाहा — जेडीयू की नई चेहरा और एनडीए की उम्मीद
दूसरी ओर, एनडीए ने इस बार जेडीयू के पूर्व विधायक राम बालक सिंह की पत्नी रवीना कुशवाहा पर भरोसा जताया है।
रवीना पहली बार सक्रिय राजनीति में कदम रख रही हैं, लेकिन उनकी पहचान सामाजिक कार्यकर्ता और शिक्षित महिला नेता के रूप में पहले से रही है।
रवीना अपने प्रचार में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की नीतियों को केंद्र में रखकर वोट मांग रही हैं।
उनका कहना है कि “बिहार में अभूतपूर्व विकास हुआ है — सड़क, बिजली, शिक्षा और महिला सशक्तिकरण के क्षेत्र में बड़े बदलाव हुए हैं। हम इसी जनविश्वास को और मजबूत करना चाहते हैं।”
उनका यह भी कहना है कि विकास और सुशासन ही इस चुनाव में उनकी सबसे बड़ी ताकत है।
रवीना कुशवाहा को एनडीए समर्थक मतदाताओं के साथ-साथ महिला वर्ग से भी अच्छा जनसमर्थन मिलता दिख रहा है।
रूपांजली कुमारी — निर्दलीय पर एनडीए समर्थित दावे से बदली समीकरण
वहीं चुनावी रण को और रोचक बना रही हैं रूपांजली कुमारी, जो इस बार निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में मैदान में हैं।
वे विभूतिपुर की पूर्व प्रखंड प्रमुख रह चुकी हैं और भाजपा की जिला महामंत्री अरविंद कुशवाहा की पत्नी हैं।
रूपांजली खुद को “एनडीए समर्थित” बताकर चुनाव लड़ रही हैं, जिससे एनडीए खेमे में समीकरण जटिल होते दिख रहे हैं।
रूपांजली का कहना है कि उन्हें एनडीए कार्यकर्ताओं और स्थानीय जनता दोनों का पूरा सहयोग मिल रहा है।
उन्होंने कहा — “हम जनता की सेवा के लिए चुनाव लड़ रहे हैं। मुझे किसी चुनौती की चिंता नहीं, क्योंकि जनता मेरे साथ है।”
उनका प्रचार अभियान घरों तक पहुँचने और महिला मतदाताओं को जोड़ने पर केंद्रित है।
तीनों उम्मीदवारों के बीच सियासी संघर्ष और जनता की निगाहें
विभूतिपुर की जनता इस बार तीन प्रमुख चेहरों के बीच बंटी नजर आ रही है।
जहाँ अजय कुमार वामपंथी जनाधार और कार्यकर्ता नेटवर्क पर भरोसा कर रहे हैं, वहीं रवीना कुशवाहा एनडीए के विकास एजेंडे के साथ मैदान में हैं।
दूसरी तरफ रूपांजली कुमारी स्थानीय समर्थन और महिला सशक्तिकरण की छवि को भुनाने की कोशिश में हैं।
राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि विभूतिपुर का यह मुकाबला अब पूरी तरह त्रिकोणीय हो चुका है।
अंतिम क्षणों तक जातीय संतुलन, बूथ प्रबंधन और मतदान प्रतिशत ही तय करेगा कि जनता किसे जीत का ताज पहनाती है।
6 नवंबर को मतदान और 14 नवंबर को मतगणना के बाद ही यह स्पष्ट होगा कि अजय कुमार अपनी सीट बचा पाते हैं या रवीना और रूपांजली में से कोई नया चेहरा विभूतिपुर का जनादेश हासिल करता है।
फिलहाल, क्षेत्र में माहौल गर्म है और हर गली-मोहल्ले में यही चर्चा —
“विभूतिपुर में किसके सिर सजेगा जीत का ताज?”




