नई दिल्ली : पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी ने आईआरसीटीसी घोटाले समेत उनसे जुड़े अन्य मामलों की सुनवाई कर रहे विशेष जज विशाल गोगने पर पूर्वाग्रह का आरोप लगाते हुए केस को किसी अन्य अदालत में ट्रांसफर करने की मांग की है। इसके लिए उन्होंने दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट के प्रिंसिपल डिस्ट्रिक्ट जज की अदालत में एक औपचारिक याचिका दाखिल की है।
राबड़ी देवी का कहना है कि वर्तमान अदालत में निष्पक्ष और निर्भीक सुनवाई की संभावना कम दिखाई दे रही है, क्योंकि जज अभियोजन पक्ष की दलीलों के प्रति झुकाव दिखा रहे हैं। याचिका में उन्होंने स्पष्ट रूप से लिखा है कि पिछले आदेशों और कार्यवाही के दौरान उनके प्रति पक्षपात का संकेत मिला है, इसलिए न्याय की निष्पक्षता बनाए रखने के लिए केस को दूसरी अदालत में भेजा जाना आवश्यक है।
गौरतलब है कि जज विशाल गोगने की अदालत में इस समय लालू यादव, राबड़ी देवी और उनके परिवार से जुड़े चार अलग-अलग मामलों की सुनवाई चल रही है। इनमें आईआरसीटीसी घोटाला और “नौकरी के बदले जमीन” घोटाला भी शामिल हैं। 13 अक्टूबर को अदालत ने लालू प्रसाद यादव, राबड़ी देवी, तेजस्वी यादव समेत अन्य आरोपियों पर आरोप तय किए थे, जिसके बाद मुकदमे की नियमित सुनवाई शुरू हुई है।
राबड़ी देवी ने अपनी याचिका में अनुरोध किया है कि न्यायिक निष्पक्षता और भरोसा बनाए रखने के लिए इन सभी मामलों को किसी अन्य जज की अदालत में स्थानांतरित किया जाए। याचिका की जानकारी उनके वकील मनिंदर सिंह ने संबंधित अदालत को दे दी है। उम्मीद है कि इस अपील पर मंगलवार को सुनवाई हो सकती है।
आईआरसीटीसी घोटाले में आरोप है कि रेलवे के दो होटल संचालन के ठेके दिलवाने के बदले लालू यादव परिवार ने निजी व्यक्तियों से जमीन ली। वहीं “नौकरी के बदले जमीन” मामले में भी आरोप है कि रेलवे में नौकरी दिलवाने के बदले लोगों से अत्यंत कम कीमत पर जमीन लिखवाई गई। इन मामलों में सीबीआई और ईडी दोनों की जांच जारी है।
राबड़ी देवी की इस अपील ने केस में एक नया कानूनी मोड़ ला दिया है। अब अदालत यह तय करेगी कि क्या उनके आरोपों में दम है या केस मौजूदा अदालत में ही जारी रहेगा।




