नटराज गोपीकृष्ण सम्मान 2025, पूनम ढिल्लों–सुनील पाल–वैभव सम्मानित
पूनम ढिल्लों, सुनील पाल और कथक गुरु वैभव जोशी को नटराज गोपीकृष्ण परंपरा सम्मान 2025, मुंबई में हुआ भव्य आयोजन
मुंबई : कला और मनोरंजन जगत की विशिष्ट हस्तियों को सम्मानित करने के लिए आयोजित नटराज गोपीकृष्ण परंपरा सम्मान 2025 का भव्य आयोजन मुंबई में सम्पन्न हुआ। इस यादगार समारोह में बॉलीवुड की लोकप्रिय अभिनेत्री पूनम ढिल्लों, मशहूर कॉमेडियन सुनील पाल, और विख्यात कथक गुरु वैभव जोशी को उनके उत्कृष्ट योगदान के लिए सम्मानित किया गया। इस कार्यक्रम का आयोजन एक्टिनो एंटरटेनमेंट की संस्थापक और प्रोड्यूसर मिस किर्रोन शर्मा द्वारा किया गया था।
समारोह में बड़ी संख्या में कलाकारों, फिल्म निर्माताओं, नृत्य-गुरुओं और कला प्रेमियों ने हिस्सा लिया। सभी ने तीनों सम्मानित हस्तियों को उनके विशिष्ट योगदान के लिए बधाई दी और कार्यक्रम की सराहना की। मंच पर जब पूनम ढिल्लों, सुनील पाल और वैभव जोशी को सम्मानित किया गया, तब उपस्थित दर्शकों ने तालियों की गड़गड़ाहट से उनका स्वागत किया।
पूनम ढिल्लों ने सम्मान पाकर व्यक्त की कृतज्ञता
समारोह में अभिनेत्री पूनम ढिल्लों ने सम्मान ग्रहण करते हुए कहा,
“मैं इस सम्मान के लिए बहुत आभारी हूं। नटराज गोपीकृष्ण परंपरा सम्मान मेरे लिए अत्यंत गौरवपूर्ण क्षण है। यह केवल एक अवॉर्ड नहीं, बल्कि मेरे पूरे फिल्मी सफर का सम्मान है। मैं अपने परिवार, प्रशंसकों और उन सभी लोगों का धन्यवाद करती हूं जिन्होंने मेरी यात्रा को सुंदर बनाया।”
पूनम ढिल्लों की उपस्थिति से कार्यक्रम में एक अलग ही चमक दिखाई दी। लंबे समय से फिल्म जगत में सक्रिय रहने के बावजूद उनकी लोकप्रियता और सादगी दर्शकों को हमेशा प्रभावित करती रही है।
कॉमेडियन सुनील पाल बोले—“यह सम्मान मेरे लिए विशेष है”
लोकप्रिय कॉमेडियन और अभिनेता सुनील पाल ने सम्मान प्राप्त करते हुए कहा,
“मैं इस सम्मान के लिए बहुत खुश हूं। यह मेरे लिए बहुत बड़ा सम्मान है कि मुझे नटराज गोपीकृष्ण परंपरा सम्मान 2025 से नवाज़ा गया है। मेरे दर्शक और प्रशंसक ही मेरी पहचान हैं, और मैं उनका दिल से धन्यवाद करता हूं।”
सुनील पाल की मौजूदगी ने कार्यक्रम को जीवंत और मनोरंजक बनाए रखा। उन्होंने अपने भाषण में हास्य की हल्की झलक जोड़कर दर्शकों को मुस्कुराने पर मजबूर कर दिया।
कथक गुरु वैभव जोशी को मिला बड़ा सम्मान
भारतीय शास्त्रीय नृत्य—विशेषकर कथक—में अपने योगदान के लिए प्रसिद्ध गुरु वैभव जोशी ने भावुक होते हुए कहा,
“मैं इस सम्मान के लिए अत्यंत आभारी हूं। यह मेरे लिए बहुत बड़ा क्षण है। मैं अपने गुरु, परिवार और शिष्यों का धन्यवाद करता हूं जिन्होंने मुझे निरंतर प्रेरित किया। यह सम्मान मेरे लिए नृत्य साधना का परिणाम है।”
उनकी कला और दी गई प्रस्तुतियों ने भारतीय नृत्य परंपरा को नई दिशा दी है, जिसे इस सम्मान ने और अधिक प्रतिष्ठा प्रदान की।
किर्रोन शर्मा ने कहा—कला के संरक्षण और सम्मान का प्रयास
कार्यक्रम की आयोजक किर्रोन शर्मा ने बताया कि नटराज गोपीकृष्ण परंपरा सम्मान का उद्देश्य कला, संस्कृति और मनोरंजन जगत से जुड़ी हस्तियों को प्रोत्साहित करना और उनकी उपलब्धियों को राष्ट्रीय मंच पर सामने लाना है। उन्होंने कहा कि आने वाले वर्षों में भी यह परंपरा जारी रहेगी।
कार्यक्रम का समापन सामूहिक अभिनंदन और सम्मानित कलाकारों के साथ फोटो सत्र के साथ हुआ। यह आयोजन मुंबई के कला जगत में एक यादगार शाम के रूप में दर्ज हुआ, जिसने कलाकारों और दर्शकों दोनों के दिलों में एक शानदार छाप छोड़ी।



