बिहार विधानसभा चुनाव के पहले चरण की वोटिंग के बाद सियासत में बयानबाजी तेज हो गई है। विकाशशील इंसान पार्टी (वीआईपी) के प्रमुख और महागठबंधन के डिप्टी सीएम पद के उम्मीदवार मुकेश सहनी ने उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा के काफिले पर हुए हमले पर तीखा बयान देते हुए कहा कि,
“वे अब उसी बिहार के नतीजे भुगत रहे हैं, जो उन्होंने खुद बनाया है।”
सहनी ने कहा कि बिहार में आज जो माहौल है, उसके लिए खुद सत्ता पक्ष जिम्मेदार है। उन्होंने तंज भरे लहजे में कहा कि राज्य और केंद्र दोनों जगह एनडीए की सरकार है, इसलिए इस घटना की जांच और कानून-व्यवस्था बनाए रखने की जिम्मेदारी भी उन्हीं की है। उन्होंने आगे कहा कि जनता अब बदलाव के मूड में है और महागठबंधन के पक्ष में लहर चल रही है।
“लोग अब अन्याय और अहंकार से ऊब चुके हैं। सत्ता से उन्हें उखाड़ फेंकने का मन जनता बना चुकी है।”
पहले चरण में रिकॉर्ड तोड़ मतदान
बिहार विधानसभा चुनाव के पहले चरण में 64.66 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया, जो अब तक के चुनावी इतिहास में सबसे ऊंचा आंकड़ा है। कुल 3.75 करोड़ मतदाताओं ने 18 जिलों की 121 विधानसभा सीटों पर अपने मताधिकार का प्रयोग किया।
मुख्य निर्वाचन अधिकारी विनोद गुंज्याल ने बताया कि इस बार मतदान में युवाओं और बुजुर्गों दोनों की भागीदारी उल्लेखनीय रही। विशेष रूप से 85 वर्ष से अधिक आयु के दो लाख से ज्यादा बुजुर्ग मतदाताओं ने भी लोकतंत्र के इस पर्व में हिस्सा लिया।
राज्य भर में 45,000 से अधिक मतदान केंद्र बनाए गए — जिनमें 8,608 शहरी और 36,733 ग्रामीण क्षेत्रों में स्थित थे। मतदान के दौरान सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए गए थे।
तकनीकी दिक्कतें और सुधार
गुंज्याल ने बताया कि पहले चरण में कुल 47,263 बैलेट यूनिट्स, 45,341 कंट्रोल यूनिट्स, और 45,341 वीवीपैट मशीनें इस्तेमाल की गईं। इनमें से 165 बैलेट यूनिट्स, 169 कंट्रोल यूनिट्स, और 480 वीवीपैट्स को तकनीकी खराबी के चलते बदला गया। यह संख्या कुल उपकरणों का केवल 1.21 प्रतिशत है, जो 2020 के चुनाव की तुलना में कम है, जब 1.87 प्रतिशत ईवीएम बदलनी पड़ी थीं।
पहले चरण के इस उच्च मतदान ने सभी दलों के लिए मुकाबले को दिलचस्प बना दिया है। अब नजर दूसरे चरण की ओर है, जहां तय होगा कि जनता बदलाव चाहती है या फिर मौजूदा सत्ता को एक और मौका देगी।




