
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के पहले चरण के मतदान में गुरुवार को फिल्म निर्देशक, लेखक और जनसेवक एन. मंडल ने अपने गृह क्षेत्र रोसड़ा विधानसभा में पहुँचकर मतदान किया।
उन्होंने मतदान कर लोकतंत्र के प्रति अपनी जिम्मेदारी निभाई और जनता से अपील की कि “हर मत, एक बेहतर बिहार की नींव है”।
मतदान के बाद एन. मंडल ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म पर मैथिली भाषा में एक प्रेरणादायक संदेश साझा किया, जो कुछ ही घंटों में वायरल हो गया।
उनका यह संदेश न केवल लोकतंत्र के महत्त्व को रेखांकित करता है, बल्कि बिहार की जनता को अपने अधिकार और कर्तव्य दोनों के प्रति जागरूक होने की प्रेरणा भी देता है।
एन. मंडल ने लिखा —
“हम मतदान कयलहुँ… अहाँ कएलहुँ?
लोकतंत्रक ई महापर्व में हम अपन जिम्मेदारी निभेलहुँ।
अब अहाँक बारी छै — घर सँ निकलू, बूथ धरि जाउ,
आ अपन मतदान सँ तय करू बिहारक दिशा।
लोकतंत्र अहाँ सँ शुरू होइ छै, अहाँ सँ बनै छै भविष्य।
जय हो जनता! जय हो समाज!! जय हो बिहार!!!”
यह पंक्तियाँ सोशल मीडिया पर गूंज उठीं।
लोगों ने इसे “लोकतंत्र की सच्ची आवाज” और “बिहार की मिट्टी से निकली प्रेरणा” बताया।
युवा मतदाताओं से लेकर ग्रामीण इलाकों तक, एन. मंडल का यह संदेश जनजागरण का प्रतीक बन गया।
एन. मंडल ने कहा कि —
“लोकतंत्र की असली ताकत जनता के हाथों में है।
जब हर नागरिक ईमानदारी से मतदान करता है, तब ही एक मजबूत समाज और बेहतर शासन की नींव रखी जाती है।”
उन्होंने आगे जोड़ा —
“बिहार की धरती लोकतंत्र की जननी रही है।
यहाँ की जनता ने हमेशा विचार, संघर्ष और परिवर्तन का नेतृत्व किया है।
अब फिर समय है कि हम सब मिलकर अपनी जिम्मेदारी निभाएँ और बिहार की नई दिशा तय करें।”
फिल्म, समाजसेवा और राजनीति — तीनों ही क्षेत्रों में सक्रिय एन. मंडल का यह संदेश खासतौर पर युवाओं पर गहरा असर डाल रहा है।
उन्होंने युवाओं से कहा कि वे केवल ऑनलाइन चर्चा तक सीमित न रहें, बल्कि बूथ तक पहुँचें और अपने मत से बदलाव लाएँ।
एन. मंडल के शब्दों में —
“मतदान सिर्फ अधिकार नहीं, आने वाले कल की बुनियाद है।
एक वोट किसी भी समाज की दिशा और दशा दोनों बदल सकता है।”
उनका दिया गया नारा — “जय हो जनता! जय हो समाज!! जय हो बिहार!!!” — अब लोकतांत्रिक जागरूकता का नया प्रतीक बनता जा रहा है।
यह नारा राजनीति से परे समाज में एकता, सम्मान और सकारात्मकता का संदेश देता है।
लोग इसे “बिहार की आत्मा से उठी पुकार” कह रहे हैं, जो नागरिकों को अपने अधिकारों के साथ-साथ कर्तव्यों की भी याद दिलाती है।
एन. मंडल ने कहा कि उनका उद्देश्य सिर्फ वोट अपील करना नहीं है, बल्कि लोकतंत्र को उत्सव की तरह मनाने की परंपरा को मजबूत बनाना है।
उनके अनुसार —
“लोकतंत्र तभी जीवित रहता है जब जनता सजग रहती है।
हमें केवल आलोचना नहीं, बल्कि सक्रिय भागीदारी से परिवर्तन लाना होगा।”
जनता ने एन. मंडल के इस कदम की सराहना करते हुए कहा कि यह एक फिल्मकार की सामाजिक जिम्मेदारी का उदाहरण है,
और बिहार के युवाओं के लिए एक नई प्रेरणा बन गया है।
एन. मंडल का यह संकल्पित स्वर आज बिहार के मतदाताओं में जागरूकता, आत्मगौरव और लोकतंत्र के प्रति नई चेतना जगा रहा है।




