Gaam Ghar, पटना : पटना में एक बार फिर STET अभ्यर्थियों का आक्रोश सामने आया है। बिहार बोर्ड कार्यालय के बाहर बड़ी संख्या में अभ्यर्थियों ने प्रदर्शन शुरू कर दिया, जिसमें रिवाइज्ड आंसर-की, नोटिफिकेशन और ग्रेस मार्क्स देने की मांग सबसे प्रमुख रही। अभ्यर्थियों का कहना है कि जब तक बोर्ड उनकी बात नहीं सुनता, तब तक उनका आंदोलन जारी रहेगा।
आंसर की में गलतियों का आरोप, हंगामा तेज
STET परीक्षा संपन्न होने के बाद बिहार विद्यालय परीक्षा समिति (BSEB) ने आंसर-की जारी की थी। तभी से अभ्यर्थी लगातार यह आरोप लगा रहे हैं कि आंसर की में बड़ी संख्या में गलत जवाब हैं। फिजिक्स और कॉमर्स विषय के अभ्यर्थियों का दावा है कि करीब 40–50 उत्तर गलत दिए गए हैं, जिससे उनकी मेरिट पर सीधा प्रभाव पड़ेगा।
अभ्यर्थियों का कहना है कि वे कई बार अपनी आपत्ति बोर्ड तक पहुंचा चुके हैं, लेकिन अब तक उनकी मांगों पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। बोर्ड द्वारा परिणाम जारी करने की घोषणा के बाद अभ्यर्थियों का गुस्सा और बढ़ गया है।
रिवाइज्ड आंसर-की की मांग फिर से जोर पकड़ती
यह पहला मौका नहीं है जब STET अभ्यर्थियों ने विरोध किया है। इससे पहले भी कई बार छात्रों ने बोर्ड कार्यालय के बाहर प्रदर्शन करते हुए रिवाइज्ड आंसर-की जारी करने की मांग की थी। लेकिन रिजल्ट घोषित होने से पहले इस मुद्दे का समाधान नहीं होने पर अभ्यर्थियों ने एक बार फिर बोर्ड का घेराव करने का एलान कर दिया था।
अभ्यर्थियों ने कहा कि यदि आंसर-की गलत है तो उसके आधार पर रिजल्ट जारी करना छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ होगा। इसलिए रिजल्ट जारी होने से पहले रिवाइज्ड आंसर-की अनिवार्य रूप से जारी की जानी चाहिए।
छात्र नेता भी उतरे अभ्यर्थियों के समर्थन में
छात्र नेता सौरभ सहित कई युवा संगठनों ने STET अभ्यर्थियों का साथ दिया है। सौरभ ने कहा कि जब तक बोर्ड गलतियों को सुधार नहीं करता, तब तक छात्रों का आंदोलन जारी रहेगा।
उन्होंने बोर्ड से मांग की कि या तो रिवाइज्ड आंसर-की जारी की जाए या गलत उत्तरों को सुधारकर छात्रों को ग्रेस मार्क्स दिया जाए, ताकि योग्य उम्मीदवारों के साथ अन्याय न हो।
बोर्ड की चुप्पी, अभ्यर्थियों में बढ़ती बेचैनी
बिहार बोर्ड की ओर से अभी तक अभ्यर्थियों की मांगों पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है। इससे छात्रों की बेचैनी और नाराजगी बढ़ती जा रही है। अभ्यर्थियों का कहना है कि यदि उनकी शिकायतें अनसुनी की गईं, तो वे बड़े स्तर पर आंदोलन को जारी रखेंगे।
STET अभ्यर्थियों का यह विरोध न सिर्फ बोर्ड की कार्यप्रणाली पर सवाल उठा रहा है, बल्कि उम्मीदवारों के भविष्य की गंभीर चिंता का भी संकेत देता है। अब सभी की नजरें इस बात पर टिकी हैं कि क्या बोर्ड छात्रों की मांगों को स्वीकार करते हुए रिवाइज्ड आंसर-की जारी करेगा या नहीं।




