पटना : ‘बीमार हैं’, ‘थक गए हैं’, ‘अब राजनीति छोड़ देनी चाहिए’ — बिहार विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को लेकर दिए गए ऐसे बयानों का उन्होंने अपने दमदार और लगातार चुनावी दौरे से करारा जवाब दिया है। उम्र और स्वास्थ्य पर उठे सवालों के बीच नीतीश कुमार इस बार के चुनाव में सबसे सक्रिय स्टार प्रचारक के रूप में उभरे हैं।
राज्य भर में उन्होंने अब तक कुल 84 जनसभाएं की हैं, जिनमें से 11 सड़क मार्ग से और 73 हवाई मार्ग से पूरी की गईं। यही नहीं, उन्होंने लगभग 1000 किलोमीटर सड़क यात्रा कर आठ विधानसभा क्षेत्रों में जनता से सीधा संपर्क भी साधा। जहां कई नेता हेलिकॉप्टर से उतरकर केवल मंच तक सीमित रहे, वहीं नीतीश कुमार ने सड़क पर उतरकर आम लोगों से संवाद किया, जनसमस्याएं सुनीं और समर्थन जुटाया।
गढ़ नोखा में अपार जनसमर्थन, जनता के प्रति जताया आभार
इसी क्रम में शनिवार को रोहतास जिले के गढ़ नोखा में आयोजित जनसभा में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने लोगों के भारी समर्थन के लिए आभार जताया। उन्होंने मंच से कहा कि जनता बिहार के विकास के संकल्प के साथ फिर से एनडीए को मजबूत कर रही है।
उन्होंने जनता से जद(यू) उम्मीदवार नागेन्द्र चंद्रवंशी के पक्ष में मतदान की अपील करते हुए कहा,
“बिहार की विकास यात्रा को गति देने के लिए एक बार फिर एनडीए सरकार जरूरी है। हमारा लक्ष्य है — हर घर तक शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क और रोजगार पहुंचाना।”
नवीनगर और औरंगाबाद में रैलियां, डबल इंजन सरकार पर भरोसा दोहराया
गढ़ नोखा से पहले मुख्यमंत्री ने नवीनगर और औरंगाबाद में भी जनसभाएं कीं। इन सभाओं में उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अपनी जोड़ी पर जनता के भरोसे को रेखांकित करते हुए कहा,
“मोदी जी और नीतीश की जोड़ी पर बिहार का विश्वास अटल है। इसी भरोसे को हमें वोट में बदलना है। डबल इंजन की सरकार से ही बिहार तेजी से आगे बढ़ सकता है।”
उन्होंने विपक्ष पर कटाक्ष करते हुए कहा कि जिन्होंने राज्य को पिछड़ा बनाया, वे अब झूठे वादों के सहारे जनता को गुमराह करने की कोशिश कर रहे हैं। नीतीश ने कहा कि बिहार की जनता अब विकास, शिक्षा, रोजगार और सुरक्षा चाहती है — न कि वादों और भाषणों की राजनीति।
चैनपुर और रामगढ़ में युवाओं-किसानों के हित की बात
चैनपुर के हाटा में विशाल जनसभा को संबोधित करते हुए नीतीश कुमार ने जद(यू) उम्मीदवार मो. जमा खान और रामगढ़ से भाजपा प्रत्याशी अशोक कुमार सिंह के समर्थन में वोट देने की अपील की।
उन्होंने कहा कि एनडीए की सरकार आने पर राज्य में युवाओं, महिलाओं और किसानों के लिए नई योजनाएं शुरू की जाएंगी।
“हमने बिहार को अंधकार से निकालकर विकास की राह पर लाया है। आगे भी युवाओं के रोजगार, महिलाओं की सुरक्षा और किसानों की आय बढ़ाने की दिशा में ठोस कदम उठाए जाएंगे।”
मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार ने हर वर्ग के लिए योजनाएं दी हैं — चाहे वह छात्रवृत्ति हो, कृषि अनुदान हो या महिला सशक्तिकरण की पहल। यही कारण है कि जनता आज फिर से नीतीश कुमार के नेतृत्व में भरोसा जता रही है।
चुनाव प्रचार अंतिम पड़ाव पर
इस बीच बिहार विधानसभा चुनाव का प्रचार अब अंतिम दौर में है। दूसरे चरण के लिए रविवार शाम 6 बजे प्रचार थम जाएगा।
इस चरण में 20 जिलों की 122 सीटों पर 11 नवंबर को मतदान होगा। कुल 1302 उम्मीदवार मैदान में हैं, जिनमें 1165 पुरुष, 136 महिलाएं और 1 थर्ड जेंडर उम्मीदवार शामिल हैं।
राज्य निर्वाचन आयोग के अनुसार, औसतन हर मतदान केंद्र पर लगभग 815 मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे।
दूसरे चरण के बाद तीसरे और अंतिम चरण में शेष सीटों के लिए मतदान होगा, जिसके बाद 2025 के चुनावी परिणाम यह तय करेंगे कि बिहार की सत्ता पर कौन काबिज होगा — लेकिन फिलहाल यह स्पष्ट है कि नीतीश कुमार ने अपने अभियान और जनसंपर्क से आलोचकों की बोलती बंद कर दी है।




