रोसड़ा/शिवाजीनगर (समस्तीपुर) : समस्तीपुर जिले के ऐतिहासिक अनुमंडल रोसड़ा को जिला का दर्जा दिलाने की वर्षों पुरानी मांग ने एक बार फिर जोर पकड़ लिया है। इस मांग को लेकर अब व्यापक जन आंदोलन की शुरुआत कर दी गई है। इसी क्रम में आज शुकवार को शिवाजीनगर प्रखंड कार्यालय परिसर में क्षेत्र के प्रमुख सामाजिक कार्यकर्ताओं, जनप्रतिनिधियों और बुद्धिजीवियों की एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई, जिसमें आंदोलन को निर्णायक मोड़ देने पर सहमति बनी।
बैठक में मौजूद वक्ताओं ने कहा कि रोसड़ा अनुमंडल न केवल ऐतिहासिक और सांस्कृतिक दृष्टि से समृद्ध है, बल्कि प्रशासनिक रूप से भी जिला बनने की सभी आवश्यक शर्तों को पूरा करता है। इसके बावजूद दशकों से रोसड़ा की उपेक्षा की जा रही है। वक्ताओं ने बताया कि रोसड़ा को जिला बनाने की मांग नई नहीं है, बल्कि इसे लेकर पूर्व में कई बार आंदोलन, धरना-प्रदर्शन और जनआंदोलन किए जा चुके हैं, लेकिन सरकार की ओर से अब तक ठोस निर्णय नहीं लिया गया।
इस जन अभियान की शुरुआत हाल ही में सिंघिया प्रखंड से की गई थी, जहां से आंदोलन ने धीरे-धीरे पूरे अनुमंडल क्षेत्र में गति पकड़नी शुरू कर दी है। बैठक में यह निर्णय लिया गया कि आने वाले दिनों में जनसंपर्क अभियान, पदयात्रा और शांतिपूर्ण प्रदर्शन के माध्यम से सरकार तक जनभावनाओं को मजबूती से पहुंचाया जाएगा।
बैठक में शिवाजीनगर प्रखंड प्रमुख डॉ. गोविंद कुमार ने कहा कि रोसड़ा को जिला का दर्जा मिलने से प्रशासनिक कार्यों में तेजी आएगी और आम जनता को शिक्षा, स्वास्थ्य, न्याय और विकास से जुड़ी सुविधाएं स्थानीय स्तर पर उपलब्ध होंगी। वहीं, एनटीपीसी के स्वतंत्र निदेशक एवं भाजपा नेता सुशील कुमार चौधरी ने कहा कि यह मुद्दा दलगत राजनीति से ऊपर है और क्षेत्र के समग्र विकास से जुड़ा हुआ है।
इस अवसर पर पंचायत समिति सदस्य सरोज कुमार, पंचायत समिति सदस्य सीताराम यादव, पंचायत समिति सदस्य मोहन झा तथा प्रो. मदन प्रसाद सिंह सहित कई सामाजिक कार्यकर्ता मौजूद रहे। सभी वक्ताओं ने एक स्वर में संकल्प लिया कि जब तक रोसड़ा को जिला का दर्जा नहीं मिल जाता, तब तक यह आंदोलन शांतिपूर्ण और लोकतांत्रिक तरीके से लगातार जारी रहेगा। उन्होंने स्पष्ट किया कि यह लड़ाई क्षेत्र की पहचान, सम्मान और भविष्य के लिए लड़ी जा रही है, जिसमें समाज के हर वर्ग की भागीदारी सुनिश्चित की जाएगी।




