पटना : बिहार विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद राज्य में नई एनडीए सरकार के गठन को लेकर राजनीतिक गतिविधियाँ बेहद तेज़ हो गई हैं। राजधानी पटना में रविवार से ही लगातार बैठकों और मुलाकातों का दौर जारी है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मिलने के लिए एनडीए के घटक दलों के नेता एक-एक कर मुख्यमंत्री आवास पहुँच रहे हैं। यह संकेत है कि सरकार बनाने को लेकर गठबंधन के भीतर अंतिम दौर की रणनीति पर काम जारी है और मंत्रिमंडल गठन को लेकर भी महत्वपूर्ण चर्चाएँ हो रही हैं।
रविवार को मुख्यमंत्री आवास पर केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय, रालोमो अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा, जदयू के वरिष्ठ नेता विजेंद्र यादव, विजय चौधरी सहित कई शीर्ष नेताओं ने नीतीश कुमार से मुलाकात की। मुलाकात का सिलसिला दिनभर चलता रहा, जबकि दूसरी ओर हम (Hindustani Awam Morcha) प्रमुख जीतन राम मांझी के घर पर पार्टी विधायकों की महत्वपूर्ण बैठक बुलाई गई। मांझी की पार्टी भी मंत्रिमंडल में प्रतिनिधित्व चाहती है और इसको लेकर आंतरिक मंथन जारी है।
नीतीश ही बनेंगे मुख्यमंत्री: उपेंद्र कुशवाहा
मुख्यमंत्री आवास से बाहर आने के बाद रालोमो प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा ने मीडिया से बातचीत की। उन्होंने स्पष्ट कहा कि इस बात पर किसी भी तरह का भ्रम नहीं है कि एनडीए की ओर से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ही होंगे।
उन्होंने कहा—
“मुख्यमंत्री नीतीश कुमार थे, हैं और आगे भी रहेंगे। इसमें कोई दुविधा नहीं है।”
कुशवाहा ने यह भी कहा कि वह केवल जीत की बधाई देने पहुंचे थे और बिहार में एक स्थिर एवं बेहतर सरकार चलाने में उनकी पार्टी (RLSP/रालोमो) पूरी तरह सहयोग करेगी। मंत्रिमंडल में उनकी पार्टी की संभावित हिस्सेदारी को लेकर पूछे गए प्रश्नों पर उन्होंने स्पष्ट जवाब देने से परहेज़ किया, लेकिन एनडीए के भीतर चर्चा के अनुसार रालोमो को एक मंत्री पद मिलने की संभावना बताई जा रही है।
मंत्री पदों पर सहमति की कोशिश
सूत्रों के मुताबिक, नए एनडीए गठबंधन में मंत्रिमंडल के गठन को लेकर एक मोटा-मोटा फॉर्मूला तैयार हो चुका है। जदयू-भाजपा के बीच सीटों का बंटवारा लगभग तय माना जा रहा है, जबकि छोटी पार्टियों — रालोमो और हम — को भी एक-एक मंत्री पद दिए जाने की चर्चा है। हालाँकि अंतिम निर्णय मुख्यमंत्री और एनडीए शीर्ष नेतृत्व की सहमति पर निर्भर करेगा।
भाजपा के नित्यानंद राय ने मुलाकात के बाद मीडिया से बात नहीं की और चुपचाप निकल गए, जिसे राजनीतिक विश्लेषक यह संकेत मान रहे हैं कि कैबिनेट संरचना पर बातचीत अब अंतिम चरण में है और कई मुद्दों पर पर्दे के पीछे सहमति बन चुकी है।
हम पार्टी की बैठक में हलचल
इधर पटना स्थित अपने आवास पर जीतनराम मांझी ने पार्टी विधायकों और वरिष्ठ नेताओं की बैठक बुलाई। माना जा रहा है कि यह बैठक न केवल सरकार गठन में पार्टी की भूमिका तय करने के लिए है, बल्कि विधायक दल के नेता के चयन को लेकर भी महत्वपूर्ण चर्चा होगी। हम पार्टी की तरफ से भी मंत्रिमंडल में एक स्थान की मांग की गई है और सूत्रों के मुताबिक इसे लेकर सहमति बनना लगभग तय है।
इसके साथ ही एनडीए की अन्य छोटी पार्टियों में भी विधायक दल की बैठकें तेज़ी से हो रही हैं। रालोमो के विधायकों की बैठक भी बुलाई गई है, जिसमें विधायक अपने नेता का चयन करेंगे और आगे की राजनीतिक रणनीति पर सहमति बनाएँगे।
जदयू विधायक दल की बैठक आज
जदयू विधायक दल की बैठक सोमवार को निर्धारित है, जिसके लिए सभी नवनिर्वाचित विधायक रविवार शाम तक पटना पहुँच रहे हैं। यह बैठक नई सरकार को औपचारिक रूप से समर्थन और नेतृत्व को लेकर अंतिम मुहर लगाने के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण होगी। उम्मीद है कि जदयू विधायकों की बैठक के बाद एनडीए सरकार की रूपरेखा पूरी तरह स्पष्ट हो जाएगी।
अगले 48 घंटे बेहद अहम
राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि बिहार की राजनीति में अगले 48 घंटे बेहद महत्वपूर्ण होने वाले हैं। नतीजों के बाद एनडीए जिस तेजी से सरकार गठन की प्रक्रिया में आगे बढ़ रहा है, उससे यह साफ है कि गठबंधन एक स्थिर सरकार बनाने की दिशा में पूरी तरह से एकजुट है।
हालांकि मंत्रिमंडल में भागीदारी और विभागों के बंटवारे को लेकर अभी कई विश्लेषण और चर्चाएँ जारी हैं, लेकिन इस बात पर सभी दलों में सहमति है कि नेतृत्व नीतीश कुमार ही करेंगे।
फ़िलहाल बिहार की सियासत में हलचल बनी हुई है, मुलाकातों का दौर जारी है, और जनता अंतिम निर्णय की औपचारिक घोषणा का इंतजार कर रही है।




