LJVP; लोकतांत्रिक जन विकास पार्टी बिहार में तेज़ी से कर रही विस्तार
लोकतांत्रिक जन विकास पार्टी (लोजविपा) बिहार में तेज़ी से कर रही विस्तार, नए पदाधिकारियों की नियुक्ति जारी
बिहार की राजनीति में एक नया उदय कर रही लोकतांत्रिक जन विकास पार्टी (LJVP), जिसे संक्षेप में ‘लोजविपा’ कहा जा रहा है, इन दिनों तेजी से अपने संगठन का विस्तार कर रही है। पार्टी ने ग्रामीण से लेकर शहरी क्षेत्रों तक अपनी उपस्थिति मजबूत करने का लक्ष्य तय किया है और इसी कड़ी में विभिन्न जिलों में पदाधिकारियों की नियुक्ति तेजी से की जा रही है।
लोजविपा, के राष्ट्रीय अध्यक्ष अरमान देव उर्फ़ मुकेश धानुक, राष्ट्रीय महासचिव नीतू रानी सिंह और कोषाध्यक्ष आमोद कुमार के नेतृत्व में संगठन को एक सशक्त राजनीतिक विकल्प के रूप में खड़ा करने की दिशा में काम शुरू हो चुका है। पार्टी का मुख्यालय गया पैलेस, तेजप्रताप नगर, अनिसाबाद, पटना में स्थित है, जहाँ से बिहारभर की गतिविधियों को संचालित किया जा रहा है।
जानकारी के अनुसार, पार्टी ने पहले अपने पंजीकरण के लिए एक अलग राष्ट्रीय नाम से आवेदन चुनाव आयोग को भेजा था, लेकिन वह नाम स्वीकृत नहीं हो सका। इसके बाद नया प्रस्ताव भेजा गया और संगठन ने आधिकारिक रूप से लोकतांत्रिक जन विकास पार्टी (Loktantrik Jan Vikas Party) नाम से राजनीतिक गतिविधियाँ शुरू कर दीं। यह आवेदन 15 जनवरी 2024 को किया गया था, जिसके बाद बिहार में पार्टी की सक्रियता लगातार बढ़ी है।
पार्टी नेतृत्व का कहना है कि बिहार के विकास को नई दिशा देने के लिए जनता को एक साफ-सुथरा, जवाबदेह और विकासोन्मुख राजनीतिक विकल्प देने की जरूरत थी। इसी उद्देश्य को लेकर लोजविपा का गठन किया गया है। पार्टी के अनुसार वर्तमान राजनीतिक परिदृश्य में कई क्षेत्र ऐसे हैं जहां स्थानीय आवाज़ें उपेक्षित हैं और विकास कार्य धरातल पर नहीं उतर पाते। पार्टी का दावा है कि वही खाली स्थान वह मजबूती से भरना चाहती है।
इन दिनों लोजविपा पूरे बिहार में सदस्यता अभियान चला रही है। पार्टी का फोकस विशेष रूप से उन क्षेत्रों पर है जहां सामाजिक-आर्थिक चुनौतियाँ अधिक हैं। संगठन का कहना है कि युवा, महिलाएँ और किसान — पार्टी की प्राथमिकता सूची में सबसे ऊपर हैं। नेतृत्व ने संकेत दिया है कि आने वाले महीनों में पंचायत, प्रखंड और जिला स्तर पर बड़े पैमाने पर नियुक्तियाँ की जाएँगी ताकि पार्टी का ढांचा जमीनी स्तर पर मजबूत हो सके।
पार्टी की कार्ययोजना में शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार, कृषि सुधार, छोटे उद्योग, महिला सुरक्षा और ग्रामीण बुनियादी ढाँचे को बेहतर बनाने जैसे मुद्दों को प्रमुखता दी गई है। पार्टी का मानना है कि यदि प्रशासनिक सुधार, पारदर्शिता और जनता की भागीदारी को बढ़ाया जाए तो बिहार की तस्वीर बदली जा सकती है।
राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि बिहार में नए दलों का उभार लोगों के बीच विकल्पों की चाह को दर्शाता है। अब देखना यह होगा कि लोजविपा अपने संगठन को कितनी मजबूती से खड़ा कर पाती है और किस तरह से जनता का भरोसा जीतने में सफल होती है।
फिलहाल पार्टी का पूरा ध्यान संगठन विस्तार, सदस्यता बढ़ाने और जनता के मुद्दों को प्राथमिकता के साथ उठाने पर केंद्रित है। आने वाले महीनों में लोजविपा की गतिविधियाँ और भी तेज़ होने की उम्मीद है।




