समस्तीपुर : समस्तीपुर जिला प्रशासन द्वारा चलाए जा रहे अतिक्रमण हटाओ अभियान को लेकर भाकपा माले जिला स्थाई समिति सदस्य सुरेंद्र प्रसाद सिंह ने कड़ा रुख अपनाया है। उन्होंने इस अभियान को “नौटंकी और आधी-अधूरी कार्रवाई” बताते हुए कहा कि प्रशासन बिना किसी तैयारी और बिना जन-सहभागिता के केवल फूटपाथ पर दुकान लगाने वालों, रेहड़ी-पटरी और झुग्गी-झोपड़ी वासियों को उजाड़ रहा है, जबकि बड़े पैमाने पर सड़क किनारे बने पक्के दुकान और मकानों पर कोई कार्रवाई नहीं की जा रही।
“पहले हटाती है पुलिस–प्रशासन, पीछे से फिर दुकान लग जाती है”
अतिक्रमण हटाए गए इलाकों का दौरा करने के दौरान सुरेंद्र सिंह ने कहा कि जिला प्रशासन केवल गरीबों को हटाकर आगे बढ़ जाता है, लेकिन तुरंत बाद वे लोग अपनी दुकानें दोबारा लगाने को मजबूर हो जाते हैं, क्योंकि उनके पास आजीविका का कोई विकल्प नहीं है।
उन्होंने कहा — “मरता क्या नहीं करता? उन्हें भी पेट भरने के लिए कमाना है।”
माले नेता ने कहा कि प्रशासन की ओर से न तो कोई वेंडिंग जोन, और न ही पार्किंग जोन की व्यवस्था की गई है। ऐसे में अतिक्रमण हटाओ अभियान टिकाऊ नहीं हो सकता और यही कारण है कि अभियान आधे रास्ते में ही दम तोड़ देता है।
सुरेंद्र सिंह का सवाल — सिर्फ गरीबों पर ही सख्ती क्यों?
उन्होंने प्रशासन पर बड़ा आरोप लगाते हुए पूछा कि सिर्फ रेहड़ी–पटरी वालों पर कार्रवाई क्यों?
मारवाड़ी बाजार, गोला रोड, पुरानी पोस्ट ऑफिस रोड,
काशीपुर पोखर, बारह पत्थर, धरमपुर,
गैरमजरूआ जमीन, नरहन स्टेट, बनारस स्टेट की सीलिंग जमीन,
इन सभी जगहों पर बने पक्के अतिक्रमण पर कार्रवाई क्यों नहीं हो रही?
सुरेंद्र सिंह ने ताजपुर के नीम चौक, गोलारोड, थाना चौक के पूर्वी हिस्से, समेत कई स्थानों का उल्लेख करते हुए कहा कि यहां बड़े पैमाने पर पक्का निर्माण सड़क पर अतिक्रमण कर बना हुआ है, लेकिन प्रशासन वहां हाथ तक नहीं लगा रहा।
उन्होंने यह भी सवाल उठाया कि काशीपुर के बालिका उच्च विद्यालय के पास स्थित 5 कट्ठा राम-जानकी मठ की जमीन, और काशीपुर ठाकुरबाड़ी के भूखंड का क्या हुआ—इस पर जिला प्रशासन क्यों चुप है?
वेंडर सुरक्षा अधिनियम 2014 का हवाला
सुरेंद्र प्रसाद सिंह ने बताया कि स्ट्रीट वेंडर्स (प्रोटेक्शन ऑफ लाइवलीहुड) एक्ट 2014 के अनुसार किसी भी शहर में वेंडर हटाने से पहले —
- वेंडिंग ज़ोन का निर्धारण,
- टाउन वेंडिंग कमिटी (TVC) का गठन,
- और विक्रेताओं के पुनर्वास की व्यवस्था करना ज़रूरी है।
इसी तरह पार्किंग ज़ोन भी तय होना चाहिए।
उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन ने इस कानून को पूरी तरह नज़रअंदाज़ कर मनमाने ढंग से अभियान चला दिया।
माले नेता की मांगें
सुरेंद्र सिंह ने जिला प्रशासन से निम्न मांगें रखीं—
- आम बैठक बुलाकर शहर भर के प्रतिनिधियों और वेंडर्स से विचार-विमर्श किया जाए।
- अतिक्रमण हटाने से पहले वेंडिंग जोन और पार्किंग जोन की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए।
- कार्रवाई निष्पक्ष हो—केवल कच्ची नहीं, बल्कि पक्की और प्रभावशाली लोगों द्वारा किए गए अतिक्रमण पर भी एक समान कार्रवाई हो।
- राजनीतिक और सामाजिक संगठनों को भरोसे में लेकर अभियान चलाया जाए, ताकि स्थायी परिणाम मिल सके।
फिलहाल प्रशासन की कार्रवाई पर उठ रहे कई सवाल
शहर के कई इलाकों में फूटपाथी दुकानदारों और गरीब परिवारों को हटाए जाने के बाद स्थानीय लोगों में असंतोष है। वहीं, पक्के अतिक्रमण पर कार्रवाई न होने से प्रशासन की नीयत पर सवाल उठ रहे हैं।
सुरेंद्र प्रसाद सिंह ने स्पष्ट कहा —
“अतिक्रमण हटाओ अभियान तभी सफल होगा, जब प्रशासन समान रूप से कार्रवाई करे, न कि केवल गरीबों पर डंडा चलाए।”




