बिहार विधानसभा चुनाव में महिलाओं के खिलाफ अभद्र या अपशब्दों के इस्तेमाल को लेकर राज्य महिला आयोग ने सख्त दिशा-निर्देश जारी किए हैं। आयोग ने कहा है कि किसी भी राजनीतिक दल का नेता अगर किसी महिला उम्मीदवार या महिला मतदाता पर आपत्तिजनक या अभद्र शब्दों का प्रयोग करता है, तो राज्य महिला आयोग स्वतः संज्ञान लेगा और तत्काल कार्रवाई करेगा।
महिला आयोग ने इस संबंध में राज्य निर्वाचन आयोग को भी पत्र भेजा है, जिसमें चुनाव प्रचार के दौरान महिलाओं के प्रति अपमानजनक भाषा और गाली-गलौज पर ध्यान देने का आग्रह किया गया है। आयोग ने यह भी कहा है कि इसकी जानकारी सभी जिलाधिकारी को भी दी जाए ताकि चुनावी समय में किसी भी महिला के खिलाफ अपशब्दों का प्रयोग रोकने के लिए तत्परता बनी रहे।
राज्य महिला आयोग ने आम महिलाओं से भी अपील की है कि यदि किसी दल के पुरुष या महिला प्रत्याशी द्वारा किसी महिला उम्मीदवार के प्रति अभद्र शब्द या गलत भाषा का प्रयोग किया जाता है, तो इसकी तुरंत सूचना आयोग को दें। महिला आयोग ने इसके लिए अपनी वेबसाइट पर अध्यक्ष और सभी सदस्यों के मोबाइल नंबर साझा किए हैं, ताकि महिलाएं सीधे संपर्क कर सकें।
महिला आयोग की जागरूकता पहल
राज्य महिला आयोग ने राजधानी समेत सभी जिलों के कॉलेज और सरकारी संस्थानों में महिला आयोग आपके संस्थान कार्यक्रम शुरू करने की योजना बनाई है। अक्टूबर के पहले सप्ताह से यह अभियान शुरू होगा। इसमें आयोग की टीम प्रत्येक कॉलेज में जाकर छात्राओं से मुलाकात करेगी और उनकी समस्याओं तथा दिक्कतों को समझेगी। इस दौरान छात्राएं भी महिला प्रत्याशियों और महिला मतदाताओं पर की गई किसी भी अनुचित टिप्पणी की जानकारी आयोग को दे सकती हैं।
चुनावी दिशा-निर्देश
महिला आयोग ने चुनाव प्रचार के दौरान निम्नलिखित नियमों का पालन सुनिश्चित करने के लिए स्पष्ट दिशा-निर्देश दिए हैं:
- महिला प्रत्याशी के व्यक्तिगत जीवन पर कोई आलोचना नहीं हो।
- धर्म, समुदाय, जाति या भाषा से संबंधित टिप्पणी नहीं की जाए।
- महिला प्रत्याशी के परिवार या उनसे जुड़े लोगों पर व्यक्तिगत अपशब्द या गलत शब्दों का इस्तेमाल नहीं हो।
- महिला प्रत्याशी के कार्य, शिक्षा या पेशेवर गतिविधियों पर अपमानजनक टिप्पणियाँ नहीं की जाएं।
राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष अप्सरा ने कहा कि चुनाव के दौरान किसी भी महिला पर अभद्र और अपमानजनक भाषा बोलने वाले प्रत्याशी पर आयोग स्वतः संज्ञान लेगा। उन्होंने राजनीतिक दलों से अपील की है कि वे अपने उम्मीदवारों को इस दिशा-निर्देश का पालन करने के लिए सुनिश्चित करें।
इस पहल से न केवल चुनावी प्रक्रिया में महिलाओं की सुरक्षा बढ़ेगी, बल्कि यह चुनावी माहौल को भी सम्मानजनक और सुरक्षित बनाएगी। आयोग ने निर्वाचन आयोग को इस दिशा में जानकारी देने के साथ-साथ सभी संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया है कि वे महिला उम्मीदवारों और मतदाताओं की सुरक्षा के लिए सक्रिय रहें।
राज्य महिला आयोग की यह पहल महिलाओं के लिए एक सकारात्मक संदेश है कि चुनाव में उनकी गरिमा और सम्मान की रक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता है। इस कदम से बिहार विधानसभा चुनाव में महिलाओं के खिलाफ अभद्र भाषा का उपयोग रोकने में मदद मिलेगी और सभी राजनीतिक दलों को जिम्मेदार और सम्मानजनक प्रचार करने के लिए प्रेरित किया जाएगा।