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समस्तीपुर में बिना रजिस्ट्रेशन माइक्रो फाइनेंस कंपनियों पर शिकंजा’

समस्तीपुर में बिना रजिस्ट्रेशन चल रही माइक्रो फाइनेंस कंपनियों पर कसेगा शिकंजा, रंगदारी का मामला होगा दर्ज

समस्तीपुर : जिले में बिना वैध रजिस्ट्रेशन के संचालित हो रही माइक्रो फाइनेंस कंपनियों और अवैध कर्ज देने वाली संस्थाओं के खिलाफ अब पुलिस सख्त कार्रवाई की तैयारी में है। पुलिस अधीक्षक (एसपी) अरविंद प्रताप सिंह ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए जिले के सभी अनुमंडल पुलिस पदाधिकारियों (एसडीपीओ) को निर्देश दिया है कि अपने-अपने क्षेत्रों में रजिस्टर्ड और अन-रजिस्टर्ड माइक्रो फाइनेंस कंपनियों व अन्य कर्ज देने वाली संस्थाओं की विस्तृत सूची तैयार की जाए। एसपी ने साफ शब्दों में कहा है कि बिना वैध रजिस्ट्रेशन के कर्ज देने वाली कंपनियों के खिलाफ रंगदारी समेत अन्य सुसंगत धाराओं में प्राथमिकी दर्ज की जाएगी।

एसपी अरविंद प्रताप सिंह ने बताया कि पुलिस को लगातार ऐसी शिकायतें मिल रही हैं, जिनमें अवैध माइक्रो फाइनेंस कंपनियां गरीब और मध्यम वर्ग के लोगों को आसान कर्ज का लालच देकर ऊंचे ब्याज दर पर पैसा देती हैं। बाद में किस्त नहीं चुकाने पर कर्जदारों के घर जाकर दबाव बनाना, धमकी देना, सार्वजनिक रूप से अपमानित करना और मानसिक प्रताड़ना जैसी घटनाएं सामने आ रही हैं। इन कारणों से कई लोग गंभीर मानसिक तनाव में आकर आत्महत्या जैसे खौफनाक कदम उठाने को मजबूर हो रहे हैं, जो बेहद चिंताजनक है।

एसपी ने सभी एसडीपीओ को यह भी निर्देश दिया है कि कर्ज के दबाव में हुई आत्महत्याओं के मामलों का विस्तृत आंकड़ा एकत्र किया जाए। इन आंकड़ों के आधार पर यह जांच की जाएगी कि किन मामलों में माइक्रो फाइनेंस कंपनियों या अवैध साहूकारों की भूमिका रही है। जांच में यदि कर्ज वसूली के दबाव की पुष्टि होती है, तो संबंधित संस्थाओं और व्यक्तियों पर कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि यह कार्रवाई केवल कागजी नहीं होगी, बल्कि मैदानी स्तर पर व्यापक अभियान चलाकर अवैध कंपनियों की पहचान की जाएगी। जरूरत पड़ने पर इनके कार्यालय सील किए जाएंगे और संचालकों की गिरफ्तारी भी की जाएगी।

पुलिस के अनुसार, प्राइवेट फाइनेंस कंपनियां महिलाओं के समूह बनाकर और पुरुषों को गारंटर बनाकर लोन देती हैं। 22 से 27 महीने की किश्तों में लोन वसूला जाता है, जबकि ब्याज दर 24 प्रतिशत तक होती है। लोन देते समय ही इंश्योरेंस के नाम पर हजारों रुपये काट लिए जाते हैं। किश्त नहीं चुकाने पर पेनल्टी ब्याज और दबाव बढ़ा दिया जाता है। समूह लोन के इस मकड़जाल में फंसकर जिले के करीब 200 से अधिक परिवार गांव छोड़कर दूसरे राज्यों में पलायन कर चुके हैं।

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बीते वर्षों में कर्ज के दबाव में आत्महत्या और हत्या की कई घटनाएं सामने आई हैं। हाल ही में कल्याणपुर, मोहनपुर, चकमेहसी, मुफ्फसिल और विद्यापतिनगर थाना क्षेत्रों में हुई घटनाओं ने इस समस्या की भयावहता को उजागर किया है। एसपी ने आम लोगों से अपील की है कि किसी भी माइक्रो फाइनेंस कंपनी से कर्ज लेने से पहले उसकी वैधता जरूर जांचें और अवैध वसूली या धमकी की सूचना तुरंत पुलिस को दें। पुलिस के इस सख्त रुख से जिले में अवैध माइक्रो फाइनेंस कंपनियों पर बड़ी कार्रवाई की उम्मीद जताई जा रही है।

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Gaam Ghar Desk

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