Gaam Ghar, रांची : राज्य में रेल सुविधाओं के विस्तार को लेकर केंद्र सरकार की पहल पिछले कुछ वर्षों में तेज हुई है। इसी क्रम में रांची के सांसद और रक्षा राज्यमंत्री संजय सेठ ने मंगलवार को रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव से मुलाकात की। इस बैठक में उन्होंने झारखंड के यात्रियों की सुविधा बढ़ाने हेतु कई महत्वपूर्ण सुझाव और माँगें रखीं।
राज्यमंत्री संजय सेठ ने बताया कि रांची और आस-पास के क्षेत्रों में रेल यात्रियों की संख्या लगातार बढ़ रही है, लेकिन ट्रेन सेवाओं का दायरा और आवृत्ति अभी भी सीमित है। इस कारण यात्रियों को कई दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। उन्होंने रेल मंत्री से रांची–सिल्ली–मुरी के बीच नई MEMU ट्रेन शुरू करने का आग्रह किया, ताकि स्थानीय यात्रियों को रोज़ाना आवागमन में सहजता मिले।
इसके साथ ही उन्होंने रांची–लोहरदगा पैसेंजर ट्रेन के फेरे बढ़ाने की भी आवश्यकता जताई। संजय सेठ ने कहा कि इस रूट पर यात्रियों का दबाव अधिक है, इसलिए इसके संचालन में बढ़ोतरी अत्यंत आवश्यक है।
देश के बड़े शहरों से कनेक्टिविटी को मजबूत करने के उद्देश्य से उन्होंने रांची से अहमदाबाद, जयपुर और हरिद्वार के लिए नई ट्रेन सेवाएँ शुरू करने की मांग भी रखी। इससे न केवल व्यापारिक और औद्योगिक गतिविधियाँ बढ़ेंगी, बल्कि धार्मिक और रोजगार की यात्रा करने वाले लोगों को भी सुविधा मिलेगी।
बैठक में संजय सेठ ने हटिया–आनंद विहार एक्सप्रेस का विस्तार कर उसे जयपुर तक चलाने का भी अनुरोध किया। उन्होंने कहा कि झारखंड से राजस्थान की यात्रा करने वाले यात्रियों को इससे काफी राहत मिलेगी और सीधे कनेक्टिविटी उपलब्ध होगी।
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने संजय सेठ की सभी माँगों पर सकारात्मक रुख दिखाते हुए कहा कि रेलवे विभाग यात्री सुविधा बढ़ाने के लिए निरंतर प्रयासरत है और झारखंड जैसे महत्वपूर्ण राज्य में रेल नेटवर्क को और मजबूत बनाने के लिए योजनाएँ प्राथमिकता पर हैं।
मुलाकात के बाद संजय सेठ ने कहा कि वह राज्य के विकास और यात्री हित के मुद्दों को निरंतर केंद्र के समक्ष उठाते रहेंगे। उन्होंने उम्मीद जताई कि उनकी अधिकतर माँगें जल्द ही जमीन पर उतरेंगी और झारखंड के लोगों को बेहतर रेल सुविधाएँ उपलब्ध होंगी।
भाजपा सांसदों की सक्रियता से राज्य में हाल के वर्षों में कई ट्रेनों का परिचालन बढ़ा है और नए रूट विकसित हुए हैं। यह मुलाकात भी आगामी रेल बजट में झारखंड के लिए बड़ी घोषणाओं का संकेत मानी जा रही है।




